उत्तर प्रदेश में INDIA गठबंधन की कार्य-पध्दति पर भाकपा नेताओं ने उठाये सवाल
लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने कहा कि अस्तव्यस्त हालात में इंडिया गठबंधन उत्तर प्रदेश में अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकता। जिस राज्य में भाजपा की चुनौती सबसे ज्यादा है और लोकतान्त्रिक, धर्मनिरपेक्ष शक्तियों की एकता की जहां सर्वाधिक जरूरत है वहाँ यह गठबंधन निष्क्रिय पड़ा हुआ है और कुछ दलों की मनमानी और आपाधापी का शिकार बना हुआ है।
यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य प्रभारी डा॰ गिरीश एवं राज्य सचिव का॰ अरविन्दराज स्वरूप ने कहा कि वामपंथी दल INDIA गठबंधन के अभिन्न हिस्से हैं और वैचारिक संगठनात्मक तथा आंदोलनात्मक उच्चता के चलते गठबंधन की सफलता के लिए अपरिहार्य हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के जिम्मेदार दलों ने अभी तक न तो गठबंधन के घटक दलों की बैठक बुलाई है, ना ही वामदलों से कोई संपर्क ही साधा है। जबकि वामदल प्रदेश में लगभग डेढ़ दर्जन लोक सभा सीटों पर पिछला चुनाव लड़ चुके हैं।
दोनों नेताओं ने हैरानी जताई कि गठबंधन के नेता एकतरफा तरीके से अन्य दलों के लिए सीटों का कोटा घोषित कर रहे हैं, धर्मनिरपेक्ष खीमे की महत्वपूर्ण शक्तियों की उपेक्षा कर रहे हैं और अब एकतरफा तरीके से ही कुछ सीटें भी घोषित कर दी गई हैं। जबकि कई सीटों पर भाकपा भी लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसकी सूचना उपलब्ध संपर्क सूत्रों के जरिये गठबंधन के घटक दलों को समय समय पर देती रही है।
दोनों नेताओं ने अपने बयान में कहा कि यह हाल मे हुये मध्य प्रदेश राजस्थान और छतीसगढ़ विधान सभा चुनावों जैसी स्थिति का निर्माण हो रहा है, जहां वामपंथी व अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों की उपेक्षा की गयी थी। इसका परिणाम सभी के सामने है। निश्चय ही लोका सभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराना एक बेहद कठिन काम है। भाकपा और वामपंथ संविधान, लोकतन्त्र और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए प्रतिबध्द हैं, और इस लक्ष्य को हासिल करने के लोकतान्त्रिक संघर्ष में अपनी हिस्सेदारी चाहते हैं।
डा॰ गिरीश, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं
प्रभारी- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान।