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क्यों छावनी बन गया ताज होटल के सामने की झुग्गी बस्ती

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भोपाल। राजधानी के होटल ताज के ठीक सामने स्थित भदभदा झुग्गी बस्ती से बुधवार सुबह अतिक्रमण हटाया जाना शुरू हो गया है। नगर निगम की टीम बुलडोजर लेकर यहां पहुंची। अब तक 26 लोग अपनी मर्जी से घर खाली कर जा चुके हैं। इससे पहले कलेक्टर ने अपनी मर्जी से अतिक्रमण हटाने के लिए मंगलवार तक का समय दिया था। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि बस्ती के लोगों को मंगलवार तक की मोहलत दी गई थी। इन्हें जिला प्रशासन ने तीन विकल्प दिये थे। मुआवजा राशि, पीएम आवास की मंजूरी और चांदबड़ में घर बनाने के लिए जगह। बाकी लोगों से भी स्वैच्छिक तरीके से घर खाली करवाए जा रहे हैं। नगर निगम और प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ मंगलवार सुबह भदभदा झुग्गी बस्ती पहुंची और कार्रवाई शुरू कर दी।

भदभदा बस्ती के अंदर जाने वाले रास्ते पर पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रखे हैं। पुलिस के एक हजार जवान मौके पर हैं। मीडिया को भी बाहर ही रोककर रखा गया है। बस्ती के 26 परिवारों ने मुआवजा राशि का चेक लेकर अतिक्रमण हटाने की सहमति दे दी है। गौरतलब है कि एनजीटी ने यहां से 386 अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। जिसके बाद जिला प्रशासन अतिक्रमण हटा रहा है। इसे लेकर पिछले दिनों नगर निगम की ओर से मुनादी भी कराई थी। वहीं, रहवासियों को अतिक्रमण हटाने के लिए तीन दिन का समय दिया था। सोमवार को यह अवधि खत्म हो गई। इसी बीच कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने रहवासियों की मीटिंग की और फिर एक दिन की मोहलत और दे दी थी।

जिला प्रशासन ने उन्हें तीन विकल्प दिए थे- मुआवजा राशि, पीएम आवास की मंजूरी और चांदबड़ में जगह। बाकी लोगों से भी स्वेच्छा से मकान खाली कराया जा रहा है। नगर निगम की टीम ने बुधवार से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने इलाके में बैरिकेडिंग कर हंगामा रोक दिया है। मौके पर 1000 पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के एक आदेश के अनुसार, बांध के प्रतिबंधित क्षेत्र में रहने वाले लगभग 200 परिवारों को इधर से उधर करना पड़ा। चूंकि अतिक्रमणकारियों की बस्ती डूब क्षेत्र के करीब आ रही थी, इसलिए स्थानीय सरकार ने उन्हें विस्थापित होने के लिए मंगलवार तक का समय दिया था।
सहमत होने से पहले, झुग्गीवासी प्रशासन से पुनर्वास चाहते हैं, जबकि प्रशासन का तर्क है कि प्रभावित परिवारों को पीएम हाउसिंग फॉर ऑल (एचएफए) कार्यक्रम के माध्यम से विकल्प दिए गए हैं।

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