विश्वजीत सिंह
भ्रष्टाचार के आरोपी हेमन्ता विश्व शर्मा,अजीत पवार, सुवेन्दु अधिकारी, अशोक चव्हाण जैसों को न सिर्फ भाजपा में लिया गया बल्कि उन्हें हाथों हाथ मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, विपक्ष का नेता बना दिया गया तो अशोक चव्हाण को राज्यसभा भी पहुंचा दिया गया…..
चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में जिस तरह खुल्लम खुल्ला धांधली की गई, जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक भद पिटी. इसकी निंदा देश क्या विदेश में भी हो रही है….
तो वहीं आदर्श घोटाले के आरोपी अशोक चव्हाण को पार्टी मे शामिल करने के दूसरे ही दिन राज्य सभा भेज दिया गया….
बीजेपी द्वारा पूर्व मे किये गए ऐसे घृणित कार्यों से अलग इसी महीने के उसके उक्त दोनों कृत्य लोकतन्त्र
के साथ नंगा नाच है….
अभी हाल ही भाजपा द्वारा संसद में जारी श्वेत पत्र में जिस घोटाले (आदर्श घोटाला) का जिक्र किया गया था उसके आरोपी अशोक चव्हाण को ही पार्टी में शामिल करने और सांसद बनाने पर पार्टी के भक्तगण भी हैरान और परेशान हैं…..
आदर्श घोटाले में उन पर 2 मामले दर्ज हैं एक सीबीआई ने किया है दूसरा ईडी ने. इसके अलावा उन पर एक मामला यवतमाल जिले में जमीन हड़पने का भी है…..
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली से कैसे मुंह छुपा पाएगी बीजेपी…?
चंडीगढ़ में हर साल मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव होते हैं. इनका कार्यकाल एक साल का ही होता है. 30 जनवरी को इसके लिए चुनाव कराए गए. चुनाव के बाद काउंटिंग में भाजपा के उम्मीदवार मनोज सोनकर को मेयर घोषित कर दिया गया…
दरअसल ये सब कैसे हुआ यह एक हॉरर कहानी जैसा है…
पीठासीन अधिकारी ने कुल पड़े वोटों में से 8 वोट अमान्य करार दिए. इस पर आप और कांग्रेस ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि अनिल मसीह कई वोटों पर पेन चलाते हुए रद्द किए हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सर्वोच्च अदालत ने माना कि चुनाव अधिकारी ने मतपत्रों को रद्द किया है….
चंडीगढ़ में हुई इस घटना को लोकतंत्र का मजाक, जनतंत्र की हत्या कहा जा रहा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिर से काउंटिंग कराके आम आदमी पार्टी के नेता को मेयर बनवा दिया है. पर यह कहानी कहती है कि बीजेपी को सत्ता की हवस बढ़ती जा रही है. मेयर जैसे चुनाव के लिए इस तरह की हरकत लोकतंत्र की हत्या है,….