नई दिल्ली। मार्केट कैपिटल के लिहाज से भारत का तीसरा सबसे बड़ा बिजनेस घराना अडानी ग्रुप की नजरें अब इलेक्ट्रिक कारों पर हैं। इस सेक्टर में एंट्री के लिए अडानी ग्रुप उबर टेक्नोलॉजीज के साथ एक रणनीतिक साझेदारीपर काम कर रहा है। इसका उद्देश्य उबर टेक्नोलॉजीज के राइड हेलिंग प्लेटफॉर्म पर अपनी इलेक्ट्रिक पैसेंजर कारों को पेश किया जा सके और समूह के सुपर ऐप अडानी वन पर पकड़ बनाई जा सके।
साझेदारी में उबर की सेवाओं को अडानी वन के तहत लाने की भी योजना है, जिसे 2022 में लॉन्च किया गया था। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और उबर के सीईओ दारा खोस्रोवशाही के बीच 24 फरवरी की बैठक में इस पर चर्चा हुई थी।
अडानी ग्रुप इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों में उतरने की योजना बना रहा है और उबर के साथ सहयोग से इसमें और तेजी आएगी। बसों, कोचों और ट्रकों जैसे इलेक्ट्रिक कॉमर्शियल वाहनों में इसकी पहले से ही मौजूदगी है। हालांकि यह वाहन निर्माण में नहीं है, लेकिन इसके पोर्ट और एयरपोर्ट बिजनेस में इसकी बड़ी इन-हाउस जरूरते हैं। अडानी कारें खरीदेंगे, उनकी ब्रांडिंग करेंगे और उन्हें उबर के नेटवर्क में जोड़ेंगे। इसने हाल ही में 3,600 इलेक्ट्रिक बसों के लिए सरकारी टेंडर में बोली लगाई है।
उबर का क्या है इरादा
उबर का इरादा दुनिया भर में अपने मौजूदा बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने का है, क्योंकि वह 2040 से पहले खुद को जीरो-एमिशन यानी शून्य उत्सर्जन मोबिलिटी प्लेटफॉर्म में बदलना चाहता है। अडानी-उबर पार्टनरशिप में भारत में इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने की क्षमता है। बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से भारत में गिग इकोनॉमी को भी बड़ा बढ़ावा मिल सकता है। उबर की भारत में एंट्री 2013 हई थी और तब से 3 अरब से अधिक ट्रिप पूरी कर चुका है और अब 125 शहरों में उपलब्ध है।
उबर के मुताबिक इसने 8 लाख से अधिक भारतीयों को अपने नेटवर्क से जोड़कर इनकम को बढ़ाने में मदद की है। अडानी से गठजोड़ ग्रुप के रिन्युएबल एनर्जी के साथ भी अच्छी तरह से फिट होगा। यह पूरे भारत में चार्जिंग स्टेशनों का एक नेटवर्क स्थापित कर रहा है और ईवी फ्लीट को ग्रीन एनर्जी के साथ पावर देकर लूप को पूरा करेगा।
साझेदारी से अडानी को क्या होगा फायदा
इसके अलावा, इस साझेदारी से अडानी वन के विस्तार में भी मदद मिलेगी। उबर फ्लाइट बुकिंग, हॉलीडे पैकेज, एयरपोर्ट सर्विसेज और कैब बुकिंग जैसी कई सेवाएं प्रदान करता है। अडानी ग्रुप अगले 10 साल में भारत के ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा और 2027 तक सोलर मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता को 10GW तक बढ़ाने की योजना बनाई है। भारत में उबर और ओला में कड़ा कंपटीशन है। ओला ईवी पर भी दांव लगा रहा है और उसका एक आईपीओ भी आने वाला है।