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दमोह में पूतना वाला मामला गरमाया

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सुसंस्कृति परिहार 

दमोह विधानसभा सभा उपचुनाव के अंतिम दिनों में लक्ष्मण कुटी में भाजपा की सभा में केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल के पूतना वाले विवादास्पद बयान जो  उन्होंने मंच पर आसीन ज्योतिरादित्य सिंधिया को साक्षी मानते हुए दिया की सर्वत्र निंदा हो रही है केंद्रीय मंत्री ने इशारों इशारों में मलैया परिवार पर भितरघात करने के आरोप लगाये और ऐसे लोगों की राजनीति खत्म करने की बात की, अपने नाम का उद्धरण देकर कहा कि पूतना सभी का नाश करना चाहती है ऐसे में दमोह उपचुनाव में पूतना की एंट्री हुई और विरोध शुरू हो गया ।

भाजपा कार्यकर्ताओं की नजर में मंत्री का गैरजिम्मेदाराना बयान चुनाव में घातक सिद्ध हो सकता है चुनाव की घोषणा और उसके पहले भाजपा में नाराजगी बहुत थी प्रदेश के नेताओं मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष और सभी की मेहनत के बाद नाराजगी बहुत हद तक खत्म हो गयी थी लेकिन लक्ष्मणकुटी धाम की सभा में केंद्रीय मंत्री के बयान ने मुख्यमंत्री प्रदेशाध्यक्ष और प्रवासी मंत्रियों विधायकों और पूर्व विधायकों की 15 दिनों से अधिक की मेहनत पर पानी डाल दिया, बयान ने डेमेज कंट्रोल को डेमेज कर दिया , अब भाजपा वहीं पहुंच गयी जहां चुनाव घोषणा के समय खड़ी थी, मतलब साफ है भाजपा फिर मलैया भाजपा, प्रहलाद भाजपा और संगठन भाजपा में बंट तीन फाड़ हो गयी,

अब यह बंटी हुई भाजपा कितना दम लगा पाती है यह 17 अप्रैल को मतदान प्रतिशत बता देगा और परिणाम किसके पक्ष में आयेगा।यह तो तय है भाजपा कार्यकर्ताओं में काफ़ी रोष है।खफ़ा तो राहुल के टिकिट मिलने से तो पहले से थे किंतु इस बयान से वे सब खिन्न है जिसमें उनके मन में लगी  आग में घी का काम किया है ।लगता है मलैया समर्थक राहुल का भविष्य पूरी तरह चौपट कर प्रह्लाद  को भी सबक सिखाने आमादा हैं ।जबकि यह विदित ही है कि प्रह्लाद पटेल और मलैया के बीच खींचतान की दास्तान पुरानी है सब जानते हैं कि दमोह में भाजपा को स्थापित करने में जयंत मलैया का सबसे बड़ा अवदान है ।उनके परिवार पर किया गया ये वार पटेल और राहुल पर बहुत भारी पड़ने वाला है। हालांकि जयंत पुत्र सिद्धार्थ मलैया ने बड़े ही संयत भाव से एक चैनल में अपनी बात रखी पर अंदर की गांठें कहीं कहीं खुलती भी नज़र आई हैं । चुनाव प्रमुख भूपेंद्र सिंह ने जबकि पटेल के इस बयान को कांग्रेस के खिलाफ कहकर टालने की कोशिश की है । केंद्रीय मंत्री मौन हैं।जयंत भी चुप साधे हैं पर सिद्धार्थ चुनाव तक रुकने की बात कर रहे हैं ।17की शाम या 18को सिद्धार्थ ने इस बाबत खुलकर कहने की बात कहकर मामले को रहस्यमय बना दिया है ।जनता प्रह्लाद पटेल से जवाब चाहती है कि पूतना कौन है? जब तक इस बावत पटेल या सिद्धार्थ बोलेंगे तब तक राहुल का खेल बिगड़ चुका होगा ।बड़े बोल और आत्मश्लाघा चुनाव में शोभा नहीं देती जनता के पास एक ही अवसर होता है बड़ों बड़ों को झुकाने का।वह मौका नहीं चूकती ।

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