एस पी मित्तल, अजमेर
राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में मरीजों का इलाज मुफ्त होता है, इस बात का श्रेय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार बार लेते हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों के कुछ डॉक्टर सरकार की मुफ्त योजना को पलीता लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला 28 जनवरी को अजमेर के पंचशील स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला। निकटवर्ती गणेश गुवाड़ी में रहने वाले नीरज चावला, जब अपने दांत दर्द के इलाज के लिए इस स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे तो केंद्र पर उपस्थित दंत चिकित्सक सुरभि गर्ग ने आना सागर सर्कुलर रोड स्थित प्राइवेट अस्पताल अजमेर सीबीसीटी की पर्ची मरीज को थमा दी। महिला चिकित्सक का कहना रहा कि इसी प्राइवेट अस्पताल में जाकर दांतों का एक्सरा करवाया जाए। पर्ची को लेकर जब नीरज चावला प्राइवेट अस्पताल पहुंचे तो उनसे एक्सरे के 500 रुपए मांगे गए। यह मामला जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केके सोनी के सामने आया तो उन्होंने भी माना कि सरकारी अस्पताल में बैठ कर किसी प्राइवेट अस्पताल की पर्ची मरीज को नहीं दी जा सकती है। डॉ. सोनी ने कहा कि इस गंभीर मामले में संबंधित महिला चिकित्सक को नोटिस जारी कर जवाब लिया जाएगा। डॉ. सोनी ने कहा कि पंचशील स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दांतों के एक्स-रे की मशीन नहीं है। इसलिए मरीजों को बाहर से ही एक्स रे करना होता है। लेकिन कोई चिकित्सक किसी एक प्राइवेट अस्पताल में एक्सरा करवाने के लिए दबाव नहीं डाल सकता। मरीज स्वेच्छा से किसी भी अस्पताल से एक्सरा करवा सकता है। अजमेर के जेएलएन अस्पताल में दांतों के एक्स-रे भी नि:शुल्क होते हैं। डाॅ. सोनी ने यह भी बताया कि पंचशील सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अधिकांश चिकित्सक अनुबंध पर नियुक्त है। डॉ. सुरभि गर्ग भी अनुबंध पर ही है। वहीं डॉ. सुरभि गर्ग का कहना है कि मरीज के मुंह में किस दांत का एक्सरे करवाना है इसकी सरलता के लिए ही प्राइवेट अस्पताल की पर्ची का उपयोग किया गया है। यह प्रक्रिया मरीज की सहूलियत के लिए भी अपनाई जाती है। यदि मैंने नियमों की अवहेलना की है तो भविष्य में ध्यान रखूंगी। मेरा किसी भी प्राइवेट अस्पताल से कोई संबंध नहीं है। केंद्र पर एक्सरे मशीन की सुविधा नहीं है,इसलिए बाहर से एक्सरे करवाए जाते हैं।