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AAP नेबढ़ाई कांग्रेस-बीजेपी की टेंशन,बीजेपी के चिंतन शिविर में आप की चर्चा

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अहमदाबाद: गुजरात में आम आदमी पार्टी (AAP) की बढ़ती धमक ने दूसरे दलों की चिंता बढ़ा दी है। सत्तारूढ़ बीजेपी सार्वजनिक रूप से भले ही आम आदमी पार्टी को कमतर आंके लेकिन पार्टी की चुनावी रणनीति में अब आप को ध्यान में रखा जा रहा है। हाल ही में संपन्न हुए बीजेपी के चिंतन शिविर में भी इसका जिक्र हुआ। उधर पंजाब में बंपर जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने गुजरात फतह की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात दौरे कर रहे हैं। पार्टी की ओर से बड़े-बड़े ऐलान किए जा रहे हैं, वहीं पार्टी अब 15 मई से गुजरात में परिवर्तन यात्रा निकालने जा रही है। गुजरात में आम आदमी पार्टी के चलते कांग्रेस-बीजेपी की बढ़ती टेंशन के पीछे वजह जानिए-

सोमवार को पूरी हुई बीजेपी के चिंतन शिविर में चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, बैठक में आम आदमी पार्टी की बढ़ती सक्रियता पर भी बात हुई। बैठक में शामिल एक बीजेपी पदाधिकारी के अनुसार, आप गुजरात में रास्ता तैयार कर रही है। बीते कुछ हफ्तों से आप के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गुजरात में सरकारी स्कूल और अस्पताल के मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं। इससे कैसे निपटा जाए, इस पर भी मीटिंग में चर्चा हुई।

बीजेपी के चिंतन शिविर में AAP की चर्चा
सूत्रों के अनुसार, चिंतन शिविर में सूरत नगर निगम में आप को मिले चुनावी लाभ की भी पड़ताल हुई। केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को गुजरात में मजबूत होने से रोकने की रणनीति पर विचार-विमर्श हुआ। दरअसल गुजरात में पिछले साल निकाय चुनाव के नतीजों में आप ने अच्छा प्रदर्शन किया था। दक्षिण गुजरात के सूरत नगर निगम में आम आदमी पार्टी ने 27 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस का यहां खाता भी नहीं खुला था। बीजेपी यहां 93 सीटें जीतकर अपना मेयर बनाने में कामयाब रही थी लेकिन पाटीदार बहुल इलाके में आम आदमी पार्टी की जीत ने उसके हौसले बढ़ाए थे।

1- ऐंटी इंकंबेंसी और अंदरूनी कलह से जगी AAP की उम्मीद
इस साल के आखिर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। पंजाब फतह के बाद अब आम आदमी पार्टी ने दूसरे राज्यों में प्रसार की कोशिशें तेज कर दी हैं। आप की नजर मिशन गुजरात पर है जहां पिछले 27 साल से बीजेपी सत्ता में है। वहीं पिछले चुनाव में कांग्रेस ने भी बेहतरीन प्रदर्शन कर बीजेपी को क्लोज फाइट दी थी।

आम आदमी पार्टी को लगता है कि गुजरात में बीजेपी के खिलाफ ऐंटी इंकंबेंसी और कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह जैसे फैक्टर उसके लिए फायदे का सौदा हो सकते हैं। इसके अलावा पार्टी गुजरात के सबसे मजबूत वोटबैंक पाटीदार समुदाय पर भी पकड़ बनाने की कोशिश में जुटी है जिसे कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है।

2- कांग्रेस के वोटबैंक पर AAP की नजर
दशकों से गुजरात में किसी भी चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही सीधी टक्कर देखने को मिली है। इस बार आप की नजर कांग्रेस के वोटबैंक पर है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को पाटीदार आरक्षण आंदोलन का खूब लाभ मिला था। पाटीदार बहुल सीटों पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था। फिर लोकसभा चुनाव से पहले पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था जिससे कांग्रेस की छवि और मजबूत हुई थी।

3- नरेश पटेल को लेकर सभी दलों में खींचतान
पाटीदार समुदाय के एक और नेता नरेश पटेल को लेकर भी चर्चा तेज है। वह गुजरात में पाटीदार समाज की धार्मिक संस्था खोडलधाम के चेयरमैन हैं। गुजरात में सभी दल उन पर नजर जमाए हुए हैं। नरेश पटेल आम आदमी पार्टी की भी तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि गुजरात में एंट्री के बाद आम आदमी पार्टी ने अच्छा काम किया है। पार्टी का भविष्य उज्जवल है और उनकी कार्यशैली नेक और साफ है। हालांकि पिछले दिनों दिल्ली में बैठक के बाद कांग्रेस में जाने की अटकलें लगने लगीं।

4- BTP के साथ AAP का गठबंधन
पाटीदारों के साथ ही आप की नजर गुजरात की आदिवासी सीटों पर भी है। आप ने भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के साथ गठबंधन किया है। केजरीवाल ने 1 मई को भरूच में आदिवासी संकल्प महासम्मेलन भी संबोधित किया था। इस दौरान बीटीपी चीफ छोटुभाई वसावा भी उनके साथ मौजूद रहे। गुजरात में 15 फीसदी वाले आदिवासी समुदाय के लिए 27 सीटें आरक्षित हैं हालांकि उनका असर इससे कहीं ज्यादा सीटों पर माना जाता है। इस लिहाज से बीटीपी के साथ गठबंधन में आम आदमी पार्टी को उम्मीद नजर आ रही है।

5-जमीन पर पकड़ बनाने के लिए AAP की परिवर्तन यात्रा
गुजरात में अपनी जमीन तैयार करने के लिए आम आदमी पार्टी 15 मई से गुजरात में परिवर्तन यात्रा भी निकालने जा रही है। आम आदमी पार्टी सभी 182 विधानसभा क्षेत्र में परिवर्तन यात्रा लेकर जाएगी। यह यात्रा ज्यादातर बड़े गांव और कस्बों से होकर गुजरेगी। इस यात्रा आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता नुक्कड़ नाटक, प्रभात फेरी और मशाल यात्रा निकालकर लोगों को पार्टी के पक्ष में वोट देने की अपील करेंगे। आप का कहना है कि इस 20 दिनों की यात्रा में 10 लाख लोग उनसे जुड़ेंगे और अपने विचार रखेंगे।

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