वरिष्ठ पत्रकार अभय छजलानी की पहली पुण्यतिथि पर इंदौर के अभय प्रशाल सभागृह में अभय स्मृति कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस मौके पर प्रबुद्धजन ने उनसे जुड़े अनुभवों को साझा किया और बताया कि किस तरह से वे आज भी लोगों के दिल में मौजूद हैं। अपने अनुभवों के दौरान लोगों ने बताया कि किस तरह से अभय छजलानी ने एक पत्रकार, मित्र, समाजसेवी और न जाने कितने रूपों में उनकी मदद की और उनकी इस मदद के कारण ही अपने जीवन में सफल हो पाए। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, समाजसेवी, कलाकार, राजनेता और व्यापारी वर्ग समेत लगभग हर वर्ग ने शिरकत की। वरिष्ठ कलाकार गौतम काले ने अपने मधुर गीतों से समां बांध दिया। गीतों के मध्य अभय छजलानी के जीवन पर बनाई गई डाक्यूमेंट्री का चित्रण किया गया। इसमें उनसे जुड़े लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में उनके जीवन से जुड़ी चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसके साथ उनकी लिखी किताबों को भी प्रदर्शित किया गया। विज्ञापन
किसने क्या कहा…
वे मेरे अच्छे मित्र थे और इन सबसे बढ़कर वे एक ईमानदार पत्रकार और समाजसेवी थे। मैं राजनीति में भी उनसे कई बार सलाह मशवरे करता था और समाज के प्रति उनकी सोच से हमें भी बहुत कुछ सीखने को मिलता था।
– दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री
अभय छजलानी ने न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे देश के मानस में एक बड़ा परिवर्तन किया। उनके जीवन के मूल्य हमेशा नई पीढ़ी को मार्गदर्शन देते रहेंगे।
– सुमित्रा महाजन, पूर्व लोकसभा स्पीकर
देश का सबसे बड़ा टेबल टेनिस स्टेडियम उन्होंने इंदौर में बनवाया। एक बार जब मैं मांडने बनवा रहा था तो वे वहां से निकले और रुककर मांडनों को देखा। उन्होंने इसका सांस्कृतिक महत्व समझने के बाद अगले दिन इसे नईदुनिया के प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित करवाया। उनकी सोच हमारी संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई थी।
– शंकर लालवानी, सांसद, इंदौर
उन्होंने इंदौर को नई दिशा दी। कई सामाजिक और राजनीतिक लोगों को तैयार किया। एक पंक्ति है कि कोई चलता पदचिन्हों पर कोई पदचिन्ह बनाता है पदचिन्ह बनाने वाला ही हमेशा पूजा जाता है। उनका जीवन इसी पर आधारित था।
– पुष्यमित्र भार्गव
उन्होंने अपनी व्यक्तिगत रुचि, राजनीति या किसी भी विषय पर प्रेम को कभी पत्रकारिता पर हावी नहीं होने दिया। वे इसमें हमेशा निष्पक्ष रहे।
– विजय दर्डा, चेयरमैन, लोकमत मीडिया समूह
एक बार मैंने उन्हें नईदुनिया की स्थापना पर एक आर्टिकल लिखने का कहा। उन्होंने आर्टिकल के साथ एक पत्र भेजा और कहा कि आप चाहें तो इसे दो तीन किश्तों में या एक साथ कांट छांट करके दे सकते हैं। यदि आप इसे नहीं दे पाएं तो भी कोई बात नहीं। यह उनका कद था।
– श्रवण गर्ग, पत्रकार
उनका व्यक्तित्व बहुत विशिष्ठ था। वह बहुत गहराई से लोगों से स्नेह करते थे। इसके साथ उनकी दूर दृष्टि भी बहुत खास थी।
– कृष्ण कुमार अष्ठाना, पूर्व संपादक, दैनिक स्वदेश
उन्होंने कई बेहतरीन पत्रकार और संपादक तैयार किए। उनका यह योगदान इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया है।
उमेश त्रिवेदी, पूर्व समूह संपादक, नईदुनिया
वे कभी भी कुछ लेने की अपेक्षा नहीं रखते थे। एक बीज थे जो पेड़ बने और कई फल दिए। अभ्यास मंडल, नर्मदा आंदोलन, लता अलंकरण, अभय प्रशाल, होलकर स्टेडियम हर जगह उनकी आत्मा स्पंदित नजर आती है।
– डॉक्टर गुलाब कोठारी, प्रधान संपादक, राजस्थान पत्रिका
अखबार की हर विधा में वे महारथी थे। संपादक, मार्केटिंग, डिजाइनिंग या कोई भी पद हो हर पद पर उन्होंने काम किया। नईदुनिया देश का पहला अखबार था जो ऑफसेट पर छपा जिसने पहली बार epaper शुरू किया। वे 14 से अधिक घंटे काम करते थे।
प्रकाश हिन्दुस्तानी, वरिष्ठ पत्रकार
खेलों में जब कोई पैसा नहीं लगाता था तब उन्होंने शहर में खेलों के लिए पैसा जुटाना शुरू किया। जब खेलों में संघर्ष के दिन थे तब वे कमान संभालने के लिए आगे आए।
– संजय जगदाले, पूर्व सचिव, बीसीसीआई
वे पहले निर्णय लेते थे फिर उसके लिए जी जान से जुट जाते थे। वे बहुत जिद्दी थे, इंदौर की भलाई के लिए। धर्मवीर भारती हमेशा हमसे कहते थे आपकी हिन्दी इसलिए अच्छी है क्योंकि आप इंदौर से हैं और इंदौर में अभय छजलानी और नईदुनिया है।
– सुशील दोषी, पद्मश्री क्रिकेट कमेंटेटर
उन्होंने रेसकोर्स रोड पर खेलों के लिए उस समय सरकार से जमीन दिलवाई। प्रशासन बाहर जमीन देना चाहता था लेकिन उनकी मेहनत से शहर के बीच में जगह मिल पाई।
– ओपी सोनी, अध्यक्ष एमपी टेबल टेनिस एसोसिएशन
मैं जब भी कमजोर पड़ा उन्होंने मुझे सही सलाह दी। वह समाज के लिए पूरी तरह से समर्पित थे।
– मीर रंजन नेगी, पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
उन्होंने टेबल टेनिस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया। इसके साथ इंदौर के नाम को भी ऊंचाई मिली।
– स्निग्धा मेहता, पूर्व अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस खिलाड़ी
उन्होंने एेसा क्लब बनाया जिसमें शराब, मांसाहार और ताश नहीं था। सिर्फ उनकी वजह से उस क्लब की शुरुआत में ही एक हजार लोग वहां पर जुड़े।
– जयेश आचार्य, महासचिव, एमपी टेबल टेनिस एसोसिएशन