नई दिल्ली: चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा मामले में बयान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मणिपुर की स्थिति से निपटने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र के समय पर हस्तक्षेप और राज्य सरकार के प्रयासों के कारण स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहा जब संघर्ष चरम पर था तब गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में रहे और संघर्ष को सुलझाने में मदद के लिए अलग-अलग ग्रुप के साथ 15 से अधिक बैठके कीं। कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल मणिपुर हिंसा मामले में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते रहे हैं।
असम ट्रिब्यून को दिए एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र ने मणिपुर संघर्ष को हल करने के लिए अपने सर्वोत्तम संसाधन और पूरे प्रशासनिक मशीनरी को लगा दिया। उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह वहां रहे और लगातार संघर्ष को कम करने का प्रयास किया। राज्य सरकार की आवश्यकता के अनुसार केंद्र सरकार लगातार अपना समर्थन और सहयोग दे रही है।
उन्होंने कहा राहत और पुनर्वास की प्रक्रिया जारी है। राज्य में आश्रय शिविरों में रहने वाले लोगों के राहत और पुनर्वास के लिए वित्तीय पैकेज की व्यवस्था की गई है। कांग्रेस ने पहले पीएम मोदी की असम यात्रा के दौरान विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ती अस्थिरता और अशांति के लिए केंद्र की आलोचना की थी। विपक्षी दल ने हिंसा से जूझ रहे राज्य मणिपुर से प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर चिंता जताई थी।
मणिपुर में पिछले साल मई महीने में स्थिति खराब हुई। जब मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित हुए। इसके बाद राज्य में जातीय झड़पें शुरू हो गईं। जैसे ही मैतेई ने जवाबी विरोध प्रदर्शन और नाकेबंदी आयोजित की, हिंसा पूरे मणिपुर में फैल गईं। मणिपुर हिंसा में 160 से अधिक लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए।