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गुलाबचंद कटारिया के बाद सतीश पूनिया ने भी पद से हटना सहर्ष स्वीकारा

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एस पी मित्तल,अजमेर

राजस्थान में विधानसभा के चुनाव इसी वर्ष नवंबर माह में होने हैं। पिछले 15 दिनों में राजस्थान भाजपा में दो बड़े बदलाव किए हैं। पहले गुलाबचंद कटारिया को भाजपा विधायक दल के नेता के पद से हटाकर असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया और अब 23 मार्च को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पद से डॉ. सतीश पूनिया को हटा कर चित्तौड़ के सांसद सीपी जोशी को नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है। किसी भी प्रदेश में विधायक दल के नेता और प्रदेशाध्यक्ष ही पार्टी का चेहरा होते हैं। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व  ने रास्थान में दोनों महत्वर्पूा पदों में बदलवा कर दिया है। इस बदलाव में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कटारिया और पूनिया के बदलाव को सहर्ष स्वीकार किया है। इन दोनों में से किसी भी नेता ने यह नहीं कहा कि हमारे बगैर पार्टी का नुकसान हो जाएगा। डॉ. पूनिया ने भी जोशी की नियुक्ति पर कहा कि भाजपा ने मुझे अब तक जो दिया, वह बहुत है। मैं पार्टी के साधारण कार्यकर्ता की तरह काम करता रहंूगा। जोशी की नियुक्ति पर प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने भी पूनिया की जमकर प्रशंसा की है। सिंह ने माना कि साढ़े तीन साल के कार्यकाल में पूनिया ने कई बड़े जनआंदोलन किए तथा संगठन को वार्ड स्तर तक मजबूत किया। कुछ लोगों का मानना है कि पूनिया को भाजपा विधायक दल का नेता यानी विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाया जा सकता है। लेकिन इसकी संभावना बहुत कम हैं, क्योंकि पूनिया पहली बार के विधायक है। अलबत्ता पूनिया को भाजपा की चुनाव अधिकार समिति का प्रमुख या फिर केंद्रीय संगठन में बड़ी जिम्मेदार मिल सकती है। कुछ लोग पूनिया के कार्यकाल पर आपत्ति जताते हैं, लेकिन पूनिया ने वही किया जो राष्ट्रीय नेतृत्व ने चाहा। पूनिया को इस बात का संतोष है कि राष्ट्रीय नेतृत्व खुश है। पूनिया ने संगठन को जो ढांचा तैयार किया है, उसमें अगले चुनाव तक बदलाव की कोई संभावना नहीं है। वैसे भी सभी नियुक्तियों में संगठन महासचिव चंद्रशेखर की भूमिका रही है और चंद्रशेखर अभी अपने पद पर कायम हैं। जहां तक नवनियुक्त अध्यक्ष सीपी जोशी का सवाल है तो 23 मार्च को घोषणा होते ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आशीर्वाद प्राप्त कर लिया। यह मुलाकात दर्शाती है कि जोशी की नियुक्ति पर पीएम मोदी ने भी मुहर लगाई है। जोशी की  नियुक्ति दर्शाती है कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने युवा चेहरे को प्राथमिकता दी है। लगातार दो बार से चित्तौड़ के सांसद बने जोशी की उम्र 47 वर्ष है। जोशी भाजपा की गुटबाजी से भी दूर रहे हैं। लेकिन अब देखना होगा कि जोशी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के गुट के साथ कैसे तालमेल बिठाते हैं, क्योंकि सतीश पूनिया साढ़े तीन वर्ष पहले जब अध्यक्ष बने थे, तब से अब तक पूनिया को वसुंधरा राजे द्वारा खड़ी की गई चुनौतियां से मुकाबला करना पड़ रहा था। पूनिया ने राजे के जन्मदिन पर तीन बार तो शक्ति प्रदर्शन का ही सामना किया। राजे समर्थक विधायकों ने कभी विधानसभा में भेदभाव के पत्र लिखे तो कभी वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने की मांग की। डॉ. पूनिया के नेतृत्व में जब कभी संगठन मजबूत नजर आया, तब राजे समर्थकों ने टांग खींचने का भी पूनिया ने पूरी मजबूती के साथ मुकाबला किया। अब जब पूनिया की जगह सीपी जोशी अध्यक्ष बन गए है, तब देखना होगा कि वसुंधरा राजे का क्या रुख रहता है। अलबत्ता राजे के समर्थक पूर्व मंत्री यूनुस खान ने अपनी फेसबुक पर जोशी की नियुक्ति का स्वागत किया है।

शेखावत ने किया स्वागत:

अजमेर नगर निगम के भाजपा पार्षद देवेंद्र सिंह शेखावत ने 24 मार्च को दिल्ली में नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का स्वागत किया। जोशी के दिल्ली आवास पर हुई मुलाकात में शेखावत ने जोशी को बधाई दी। शेखावत ने बताया कि जब वे अजमेर में भाजयुमो के जिला अध्यक्ष थे, तब सीपी जोशी प्रदेश अध्यक्ष थे। मैंने सीपी जोशी के साथ लंबे समय तक काम किया है। 

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