भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का खिताबी मुकाबला रविवार को दुबई में खेला गया। इस फाइनल को जीतकर टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ एक अनचाहे रिकॉर्ड के सिलसिले को तोड़ दिया। 1988 के बाद से इस फाइनल से पहले तक साल भारत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी तरह के फाइनल में नहीं हराया था, लेकिन अब 37 साल का इंतजार खत्म हो गया है। 37 साल बाद भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हरा दिया है। 1988 में भारत ने न्यूजीलैंड को शारजाह कप के फाइनल में हराया था। इसके बाद से भारतीय टीम कीवियों के खिलाफ लगातार तीन फाइनल हार चुकी थी।

गेंदबाजों के बाद रोहित शर्मा की अगुआई में बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन से भारत ने रविवार को न्यूजीलैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। भारत ने इस तरह 2013 के बाद इस टूर्नामेंट की ट्रॉफी अपने नाम की। न्यूजीलैंड ने भारत के सामने जीत के लिए 50 ओवर में 252 रनों का लक्ष्य रखा था जिसे भारतीय टीम ने चार विकेट शेष रहते जीता। भारत ने कप्तान रोहित शर्मा के 83 गेंदों पर 76 रनों की पारी के दम पर 49 ओवर में छह विकेट पर 254 रन बनाकर जीत दर्ज की। हम आपको बता रहे हैं कि भारत की इस जीत के पांच हीरो कौन रहे जिनके दम पर भारतीय टीम ने लगातार दूसरा आईसीसी खिताब अपने नाम किया।
12 साल पहले चैंपियंस ट्रॉफी जीता था भारत
भारतीय टीम ने अजेय रहते हुए चैंपियंस ट्रॉफी 2025 अपने नाम की। इससे पहले टीम इंडिया ने 12 साल पहले यानी 2013 में धोनी की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी में जीत हासिल की थी। भारत के लिए इससे पहले न्यूजीलैंड हमेशा कठिन चुनौती साबित हुआ है और आईसीसी टूर्नामेंटों में न्यूजीलैंड का भारत के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड 10-7 का है। न्यूजीलैंड ने आईसीसी नॉकआउट चरण में भारत के खिलाफ पांच में से तीन मुकाबले जीते हैं और टीम इंडिया ने उन्हें दो बार हराया है। आईसीसी के वनडे इवेंट्स में भारत और न्यूजीलैंड 12 बार आमने-सामने आए हैं। इनमें भारत ने सात और न्यूजीलैंड ने छह मैच जीते हैं। आईसीसी के वनडे टूर्नामेंट्स के नॉकआउट में भारत और न्यूजीलैंड चार बार आमने-सामने आए हैं। इनमें से टीम इंडिया और कीवी दोनों ने दो-दो मैच जीते हैं।भारत ने टूर्नामेंट में एक भी मैच गंवाये बिना 2002 और 2013 के बाद तीसरी बार खिताब जीता। कोई दूसरी टीम तीन बार यह ट्रॉफी नहीं जीत पाई है। विजेता भारत पर पैसों की बारिश हुई है। भारतीय टीम को 2.4 मिलियन अमेरिका डॉलर यानी करीब 19.5 करोड़ रुपये मिले। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इनामी राशि में पिछली बार की तुलना में 53 प्रतिशत का इजाफा किया था।
कप्तान रोहित शर्मा के बल्ले के कमाल और स्पिनरों के धमाल के दम पर भारत ने न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर रिकॉर्ड तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की। इस मैच से पहले रोहित के संन्यास की अटकलें लगाई जा रही थीं लेकिन उन्होंने अपने चिर परिचित फॉर्म में लौटकर आलोचकों के मुंह बंद कर दिए। उनकी कप्तानी में यह टी20 विश्व कप 2024 के बाद भारत ने दूसरा आईसीसी खिताब जीता।
सही समय पर चला रोहित का बल्ला
रोहित का बल्ला वनडे प्रारूप में जमकर चलता है और ऐसा ही इस बार भी देखा गया। चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल से पहले रोहित के बल्ले से बड़ी पारी नहीं निकली थी, लेकिन समय पर कप्तान ने बल्ले से अपना दम दिखाया। रोहित शर्मा ने 41 गेंद में वनडे करियर का 58वां अर्धशतक लगाया और खिताबी मैच में अपना दम दिखाया। रोहित ने इसके साथ ही शुभमन गिल के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 105 रनों की साझेदारी की और भारत की जीत की नींव रखी। 83 गेंद में सात चौके और तीन छक्के की मदद से 76 रन बनाकर आउट हुए।
टूर्नामेंट में चला कोहली का बल्ला
भारत की जीत में विराट कोहली का योगदान भी काफी अहम रहा। कोहली इस चैंपियंस ट्रॉफी में लय में नजर आए। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 22 रन, पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 100, न्यूजीलैंड के खिलाफ 11 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रनों की पारियां खेली थी, लेकिन फाइनल में कोहली का बल्ला नहीं चला। कोहली एक रन बनाकर आउट हुए। कोहली ने पांच मैचों में 218 रन बनाए जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है।
श्रेयस ने मध्यक्रम को दी मजबूती
श्रेयस ने चैंपियंस ट्रॉफी में चौथे नंबर पर वही योगदान दिया जैसा उन्होंने वनडे विश्व कप 2023 के दौरान किया था। श्रेयस ने बांग्लादेश के खिलाफ 15 रन, पाकिस्तान के खिलाफ 56 रन, न्यूजीलैंड के खिलाफ 79 रन, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 45 रन और न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में 48 रन बनाए। श्रेयस ने पांच मैचों में 243 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोहली के साथ मिलकर अच्छी साझेदारी की। भारत अगर ग्रुप चरण का समापन शीर्ष पर रहकर कर सका तो उसका सबसे बड़ा कारण श्रेयस ही थे जिन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रुप चरण के मैच में शानदार पारी खेली। वहीं, गिल, कोहली और रोहित के फाइनल में आउट होने के बाद श्रेयस ने अक्षर पटेल के साथ मिलकर पारी को संभाला।
मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ वरुण का चयन
भारत के स्पिनर वरुण चक्रवर्ती शुरुआत में भारत की 15 सदस्यीय टीम में शामिल नहीं थे। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टी20 और वनडे सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया जिसके बाद भारत ने अंतिम समय में वरुण को चैंपियंस ट्रॉफी की टीम में शामिल किया। वरुण पहले दो मैच में नहीं खेले और न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्हें मौका मिला। वरुण ने पहले ही मैच में पांच विकेट झटके और भारत को 250 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव कराने में अहम भूमिका निभाई। वरुण ने फिर सेमीफाइनल और फाइनल में भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया। वरुण ने टूर्नामेंट के दौरान कुल नौ विकेट लिए और वह सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में शीर्ष पांच में रहे।
फाइनल में चमके कुलदीप
कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने भी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वह बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में विकेट नहीं ले सके थे, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ 40 रन देकर तीन विकेट हासिल करने में सफल रहे। फिर उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रुप चरण में दो विकेट झटके, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में खाली हाथ रहे। हालांकि, फाइनल में कुलदीप ने दम दिखाया और रचिन रवींद्र तथा केन विलियमसन के विकेट लेकर कीवी टीम को बड़ा झटका दिया। कुलदीप खिताबी मुकाबले में दो विकेट लेने में सफल हुए। इस तरह उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में सात विकेट लिए।
उपविजेता टीम को मिले 9.72 करोड़ रुपये
विजेता के अलावा उपविजेता न्यूजीलैंड की टीम को 1.12 मिलियन डॉलर (करीब 9.72 करोड़ रुपये) मिले, जबकि सेमीफाइनल में बाहर होने वाली दोनों टीमें ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को 56000 डॉलर (4.86 करोड़ रुपये) मिले। इस टूर्नामेंट की कुल इनामी राशि बढ़कर 6.9 मिलियन डॉलर (करीब 60 करोड़ रुपये) हुई थी। आईसीसी के अध्यक्ष जय शाह ने एक बयान में कहा था, पर्याप्त पुरस्कार राशि खेल में निवेश करने और हमारे आयोजनों की वैश्विक प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए आईसीसी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
अन्य टीमों को कितने रुपये मिले?
किसी भी टीम को ग्रुप चरण में जीत हासिल करने पर 34,000 डॉलर (30 लाख रुपये) की पुरस्कार राशि मिली। पांचवें और छठे स्थान पर रहने वाली टीमों को 350000 डॉलर (करीब तीन करोड़ रुपये), जबकि सातवें और आठवें स्थान पर रहने वाली टीमों को 140000 डॉलर (करीब 1.2 करोड़ रुपये) मिले। इसके अतिरिक्त सभी आठ टीमों को इस आईसीसी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए 125000 डॉलर (करीब 1.08) करोड़ रुपये की राशि दी गई।
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