इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को 10,730 करोड़ रुपये के इंडिया एआई मिशन के तहत बोली लगाने वाली कंपनियों से 20 हजार ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (जीपीयू) के लिए प्रस्ताव मिले हैं। यह पेशकश पैनल में शामिल कंपनियों ने की है और मांगी गई संख्या से करीब दोगुनी है।
मंत्रालय ने पिछले साल 16 अगस्त को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) कंप्यूटिंग क्षमता बनाने के लिए यह अनुरोध किया था। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम 10 हजार जीपीयू चाह रहे थे। मगर हमारे पास 20 हजार से अधिक प्रस्ताव आए हैं। हम उनका मूल्यांकन कर रहे हैं। उसके बाद ही हम फैसला लेंगे। इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है। कंपनियों के बीच उत्साह है।’
इसका उद्देश्य किफायती एआई बुनियादी ढांचा तैयार करना है जो स्टार्टअप कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों और शोध एजेंसियों सहित कई अन्य संगठनों के लिए मददगार साबित होगा। कम से कम 28 कंपनियों ने इसमें अपनी दिलचस्पी दिखाई है और पैनल में शामिल होने के लिए 19 कंपनियों ने बोली लगाई है जो 36 महीने के लिए है और इसे 12 महीने तक बढ़ाया जा सकता है।
दूसरी ओर, बोली में शामिल होने वाली अथवा रुचि दिखाने वाली अधिकतर भारतीय कंपनियों ने जीपीयू खरीदने के लिए अमेरिकी दिग्गज एनवीडिया के साथ करार किया है। इस क्षेत्र में कंपनी का दबदबा है और उसे दुनिया भर से बड़ी मांग मिल रही है।
उदाहरण के लिए, भारत में रहेजा के नियंत्रण वाली योट्टो इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 16 हजार जीपीयू के लिए कंपनी के साथ करार किया है। इनमें से 4,000 की पहली खेप कुछ महीने पहले दे दी गई थी और उसका उपयोग किया जा रहा है। बाकी खेप भी जल्द मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि वह और 32,000 जीपीयू लेना चाह रही है।
एनवीडिया के साथ करार करने वाली अन्य बड़ी कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज भी शामिल है, जिसने उसके साथ मिलकर भारत में एआई कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की घोषणा की है। कहा जा रहा है कि कंपनी जामनगर में बड़े पैमाने पर डेटा सेंटर बनाने के लिए ब्लैकवेल एआई प्रोसेसर प्रदान करने जा रही है।
इसके अलावा टाटा समूह, ई2ई और ओला की कृत्रिम ने भी जीपीयू लेने के लिए विभिन्न करार और साझेदारी की हैं। बोली में शामिल अन्य कंपनियों में सिफी डिजिटल सर्विसेज, ओरिएंट टेक्नोलॉजिज और सीएमएस कंप्यूटर्स नेक्स्ट जेन का नाम शामिल है।
Add comment