अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

अजमेर की मेयर ब्रज लता हाड़ा की दिलेरी, पार्षद पतियों और पुत्रों को बैठक से बाहर निकाला

Share

एस पी मित्तल, अजमेर 

राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ पिछले दो वर्ष से अजमेर के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे। राठौड़ ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर पुष्कर से चुनाव लड़ने के संकेत भी दिए, लेकिन जमीनी हकीकत समझने के बाद राठौड़ को पुष्कर से हार का डर हो गया। असल में पूर्व विधायक नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली ने राठौड़ को पुष्कर से भागने को मजबूर कर दिया। पुष्कर में जो हालात उत्पन्न हुए वही अब अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में होने की उम्मीद है। क्योंकि उत्तर में महेंद्र सिंह रलावता ने अपनी जाजम बिछा रखी है। रलावता गत बार भले ही चुनाव हार गए हो, लेकिन उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के तोर पर सर्वाधिक 57 हजार वोट हासिल किए। हार के बाद भी रलावता उत्तर क्षेत्र में सक्रिय रहे। अजमेर में रलावता के नेतृत्व को चुनौती देने वाला कोई कांग्रेसी नहीं है। लेकिन अब धर्मेन्द्र राठौड़ की सक्रियता से रलावता के समर्थकों में गुस्सा है। समर्थक चाहते हैं कि जो मेहनत रलावता ने की है, उसका फायदा राठौड़ उठाएं। रलावता के समर्थक भी राठौड़ को अजमेर उत्तर से भगाने में लग गए हैं। समर्थकों का कहना है कि यदि राठौड़ ने अजमेर उत्तर से चुनाव लड़ने की गलती की तो पुष्कर से भी ज्यादा दुर्गति होगी। रलावता किसी भी स्थिति में मैदान छोड़ने के इच्छुक नहीं है। वैसे  भी धर्मेन्द्र राठौड़ पूर्व में बानसूर से चुनाव हार चुके हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दम पर राजनीति करते हैं। नसीम अख्तर और रलावता दोनों ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक हैं। अख्तर और रलावता कभी नहीं चाहेंगे कि गहलोत समर्थक राठौड़ अजमेर में नेतागिरी करे। वैसे राठौड़ की राजनीतिक समझ की दाद देनी होगी कि पहले पुष्कर और अब अजमेर उत्तर से अपनी जीत की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि पुष्कर से गत दो बार और अजमेर से गत चार बार से भाजपा की जीत हो रही है। भाजपा से पहले तो नसीम अख्तर और महेंद्र सिंह रलावता ही धर्मेन्द्र राठौड़ को हरवा देंगे। राठौड़ ने अब उत्तर में ब्राह्मणों को साधने का काम शुरू कर दिया है। अनिल शर्मा नाम के एक व्यक्ति को जयपुर से लाए हैं और आरटीडीसी के खादिम टूरिस्ट बंगलों में ठहराया है। अनिल शर्मा अब अजमेर उत्तर में ब्राह्मणों को एकत्रित कर रहे हैं। कभी परशुराम सर्किल पर आरती करवाई जा रही है तो कभी ब्राह्मण प्रतिनिधि मंडल धर्मेन्द्र राठौड़ को ज्ञापन देन रहा है। लेकिन जानकारों का कहना है कि ब्राह्मण समाज के प्रमुख पदाधिकारियों ने राठौड़ के प्रयासों में कोई रुचि नहीं दिखाई है।

28 अप्रैल को सफाई के मुद्दे पर अजमेर की मेयर श्रीमती ब्रज लता हाड़ा ने पार्षदों की एक बैठक बुलाई। इस बैठक में जब महिला पार्षदों के पतियों और पुत्रों ने बोलने का प्रयास किया तो श्रीमती हाड़ा ने नाराजगी जताई। हाड़ा ने कहा कि यह बैठक पार्षदों की है, इसलिए कोई गैर पार्षद अपनी बात नहीं रखता सकता है। हाड़ा ने बैठक में मौजूद पार्षद पतियों और पुत्रों को शक्ति के साथ बाहर निकलवा दिया। हाड़ा ने यह जो निर्णय लिया वह वाकई दिलेरी वाला है, क्योंकि महिला पार्षदों के पति और पुत्र ही नगर निगम में दखलअंदाजी करते हैं। ऐसा आम तौर पर देश भर में होता है। अब अजमेर की मेयर ने एक अच्छी पहल की है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए। जो महिला जनप्रतिनिधि हैं उनका भी यह दायित्व है कि बैठकों में भाग ले और अपनी दक्षता साबित करें। यहां यह उल्लेखनीय है कि श्रीमती हाड़ा के पति डॉ. प्रिय शील हाड़ा अजमेर शहर भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं। लेकिन निगम के कामकाज में उनका दखल नहीं के बराबर है। पार्षदों की बैठकों और निगम के अन्य काम काज का निपटारा श्रीमती हाड़ा ही करती हैं। 

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें