मृतपाल सिंह अभी भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर पंजाब पुलिस ने एड़ी-चोटी की जोर लगा दिया है लेकिन वह अब भी गिरफ्त से दूर है। शुक्रवार को जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने तख्त दमदमा साहिब में मीडिया को बुलाया है।
हर अनजान शख्स पर होगी नजर
अभी तक पुलिस उसका कोई सुराग नहीं लगा पाई है कि अमृतपाल सिंह कहां है। हालांकि अब कयास लगाए जा रहे हैं कि अमृतपाल सिंह श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की तलवंडी साबो के तख्त श्री दमदमा साहिब में बुलाई गई सभा में आ सकता है और यहां सरेंडर कर सकता है। इसे लेकर पुलिस अलर्ट है। हर संदिग्ध पर नजर रहेगी।
पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च
अमृतपाल के सरेंडर की चर्चा पर भटिंडा पुलिस ने गुरुवार को तलवंडी साबो कस्बे में फ्लैग मार्च किया। हालांकि कहा जा रहा है कि फ्लैग मार्च अपराधियों के बीच कानून का डर पैदा करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए था। चूंकि बैसाखी का त्योहार नजदीक है, इसलिए बड़ी संख्या में लोग यहां आएंगे और लोगों में विश्वास पैदा करना जरूरी है।
श्री हरिमंदिर साहिब के पास कर सकता है सरेंडर
28 और 29 मार्च को सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग वीडियो क्लिप में, फरार सिख कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने जत्थेदार से तख्त दमदमा साहिब में बैसाखी पर सरबत खालसा को बुलाने के लिए कहा था। हालांकि जत्थेदार ने इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की है। एसएसपी ने इस बात से इनकार किया कि इस कवायद का 7 अप्रैल को तख्त पर पत्रकारों की बैठक से कोई लेना-देना है।
यूपी-नेपाल बॉर्डर पर बढ़ाई गई पुलिस फोर्स
अमृतपाल सिंह को लेकर उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट है। बरेली पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक प्रेम चंद मीणा ने पीलीभीत में 54 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता के समर्थन में किसी भी गुरुद्वारे में कोई सभा या सभा आयोजित न हो और उसे वहां शरण न दी जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। एसपी अतुल शर्मा ने कहा, ‘हम सशस्त्र सीमा बल के साथ सक्रिय समन्वय में काम कर रहे हैं, भारत-नेपाल सीमा पर गांवों में कड़ी निगरानी रख रहे हैं और आसपास के ग्रामीण इलाकों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि के मामले में निगरानी सुनिश्चित कर रहे हैं। इसके अलावा, नेपाल जाने वाले वाहनों या कृषि फसलों, विशेष रूप से गन्ने की आपूर्ति करने वाले वाहनों की जांच तेज कर दी गई है।’
अमृतसर में सरेंडर की थी चर्चा लेकिन…
बताया जा रहा है कि गुरुद्वारे का एक प्रमुख शख्स अमृतसर गया था। यहां पर उन्होंने जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मुलाकात की थी। यहां उनसे अमृतपाल के सरेंडर पर चर्चा हुई थी लेकिन यह योजना सफल नहीं हो पाई थी। बताया जा रहा है कि भगोड़ा अमृतपाल सिंह जिस गुरुद्वारे में अमृतपाल रुका था, वहां से उसका पुराना लिंक था। इसी साल फरवरी के पहले हफ्ते में गुरुद्वारे में हुए समागम में अमृतपाल शामिल हुआ था। उसके गुरुद्वारे में आने से पहले बड़े-बड़े पोस्टर्स लगाए गए थे।