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शेखावत को उम्मीदवार बनाने की घोषणा हो सकती है राहुल की बदनावर की सभा में

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इंदौर।कांग्रेस से इस बार कोई भी पुराना नेता लोकसभा प्रत्याशी बनने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। इसलिए पार्टी विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में गए भंवरसिंह शेखावत को ही इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि भंवरसिंह का भाजपा की चुनावी रणनीति से वाकिफ होना और प्रत्याशी को कड़ी टक््कर देना। सूत्रों का कहना है कि तैयारी पूरी है और 5 मार्च को राहुल गांधी की बदनावर में सभा के दौरान उनसे शेखावत की बात करवाई जाएगी, जिसे वे टाल नहीं पाएंगे। यानि इसी दिन उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की जा सकती है।

पूरे देश में मोदी लहर बन रही है, लेकिन कांग्रेस इस बार प्रदेश की 28 सीटों में से कई सीटों पर अपना दावा कर रही है। कांग्रेस के बड़े नेताओं का मानना है कि गत विधानसभा चुनाव में मोदी और शिवराज की लहर में नरोत्तम मिश्रा और कमल पटेल जैसे मंत्री हार गए थे तो फिर लोकसभा में भी ऐसा ही हो सकता है। इसलिए भी पार्टी इंदौर लोकसभा सीट से कड़े मुकाबले को लेकर रणनीति बना रही है।

वैसे इंदौर सीट से भंवरसिंह शेखावत के अलावा वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, सत्यनारायण पटेल और स्वप्निल कोठारी तथा अरविन्द बागड़ी जैसे नाम सामने आए हैं, लेकिन पटवारी अध्यक्ष होने के कारण चुनाव लडऩे के मूड में नहीं है। सत्तू पटेल जरूर अंदर ही अंदर तैयारी कर रहे हैं, लेकिन हाल ही में हुई विधानसभा चुनाव की हार ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया है, वहीं बागड़ी और कोठारी को कांग्रेस अभी लोकसभा जैसी सीट पर उतारने की रिस्क नहीं लेना चाहती है। बचते हैं भंवरसिंह शेखावत।

शेखावत की राजनीतिक कर्मभूमि इंदौर रहा है और यहां भाजपा में आज भी उनके कई समर्थक हैं। दूसरा बड़ा कारण शेखावत उस जमाने के नेता हैं, जब भाजपा के पास कुछ नहीं था और उन रणनीतिकारों में वे भी शामिल हैं, जो भाजपा को इस मुकाम पर लाए हैं, लेकिन विधासभा चुनाव में अपने को भाजपा से टिकट मिलता न देख वे कांग्रेस में शमिल हो गए थे। इन सब मुद्दों से कांग्रेस को फायदा होते दिख रहा है और कड़ी टक््कर भी। इसलिए कांग्रेस ने उनका नाम आगे किया है। हालांकि वे लोकसभा चुनाव लडऩे से इनकार कर चुके हैं। 5 मार्च को राहुल गांधी की बदनावर में एक बड़ी सभा है, जहां के वे विधायक हैं।

इसी दिन कांग्रेस के बड़े नेता इंदौर लोकसभा सीट से उनके नाम पर मुहर लगा सकते हैं या फिर किसी दूसरी लोकसभा सीट से भी उनको खड़ा किया जा सकता है। इसका फायदा कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मिलेगा और भाजपा की रणनीति से लडऩे में वे कारगर साबित होंगे। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि इसी दिन राहुल गांधी से उनकी मुलाकात भी करवा दी जाएगी और राहुल से कहलवाया जाएगा कि वे लोकसभा चुनाव लड़ें, ताकि कांग्रेस को फायदा हो। अब इसके बाद भी शेखावत चुनाव लड़ते हैं या नहीं यह तो अगले सप्ताह ही तय हो पाएगा।

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