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मनोस्वास्थ्य : डिप्रेशन का द्वार बनती है चिंता और बेचैनी*

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      ~  रीता चौधरी (हापुड़)

   आजकल चिंता, तनाव जैसी मानसिक स्थितियां हमारे नियमित जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं। इसकी वजह से हम एक खुशहाल जंदगी जीना भूल गए हैं। जब हम इन स्थितियों को अपना लेते हैं तो हम इनसे बाहर आने की कोशिश भी नहीं करते और धीरे-धीरे ये समस्याएं हमारे मानसिक स्वास्थ्य के साथ साथ शारीरिक स्वास्थ्य पर भी हावी पड़ने लगती हैं।

फलत: हमे लांग टर्म में हाई ब्लड प्रेशर, दिल से जुड़ी समस्याएं, मोटापे के साथ ही अन्य लाइफस्टाइल डिसऑर्डर्स का सामना करना पड़ता है।

    यही कारण है कि हमारी ये जनरेशन काफी कम उम्र से ही डिप्रेशन और एंग्जाइटी की दवाइयां लेना शुरू कर देती है। यदि आपके साथ ही भी ऐसा हो रहा है तो इसपर फौरन ध्यान दें। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए हम आपके लिए लेकर आये हैं, एंग्जाइटी जैसे स्थिति से उभरने के कुछ प्रभावी टिप्स.

     *1. कावा :*

कावा को एक औषधीय पौधे से बनाकर तैयार किया जाता है। इस पौधे का वैज्ञानिक नाम पाइपर मेथिस्टिकम (piper methysticum) है।

     इसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्यायों में घरेलू उपचार के तौर पर होता है। यह मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के साथ साथ पीरियड्स के दर्द से राहत देता है।

 यह साइकोलॉजिकल और फिजिकल दोनों ही रूप से आपको आराम पहुंचाता है। इसके इस्तेमाल से आपका मूड बेहतर होता है और यह चिंता, घबराहट, बेचैनी जैसी समस्याओं को नियंत्रित रखता है।

*2. कैमोमाइल की चाय :*

   कैमोमाइल एक प्रभावी हर्ब के रूप में काम करते हुए आपके नर्व को आराम पहुंचाता है और तनाव और चिंता को कम करता है। आप इसे चाय के रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। यह समग्र मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक बेहरीन हर्ब साबित होगा। इतना ही नहीं इसकी प्रोपर्टी शारीरिक थकान और तनाव को भी कम करने में मदद करती हैं।

*3. बेहतर नींद लेना है जरूरी :*

    उचित नींद मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देती है और हमारे बॉडी को एनर्जी रीगेन करने में मदद करती है। नींद की कमी भी चिंता और बेचैनी का एक बहुत बड़ा फैक्टर है।

    इसलिए रात को समय अनुसार सोने की कोशिश करें, और कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।

*4. सहयोगी खाद्य पदार्थ :*

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि ड्राई फ्रूट, फल, अंजीर, सोयाबीन, हरी पत्तेदार सब्जियां, केला दही और दाल का सेवन करें। एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल से होने वाले प्रभाव को कम करते हुए तनाव से राहत प्रदान करता है।

     इसके अलावा आप मल्टीविटामिन और मल्टीमिनरल सप्लीमेंट ले सकती हैं। इतना ही नहीं विटामिन सी की उचित मात्रा लेना भी महत्वपूर्ण है। साथ ही यदि फ्रूट जूस पीते हैं तो आज से सब्जी का रस पीना शुरू करें। यह ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित किए बिना आपको तनाव एवं चिंता से राहत प्रदान करेगा।

*5. खुदको वक्त देना है जरुरी :*

    यदि आप अक्सर चिंता और परेशानियों में डूबी रहती हैं तो ऐसी स्थिति में दिन का कम से कम 30 मिनट खुद के साथ बिताने का प्रयास करें।

   साथ ही अपनी हॉबी जैसे की डांसिंग, पोएट्री, पेंटिंग, किताबें पढ़ना इत्यादि को अपनी दिनचर्या शामिल करें ऐसा करने से आपको बेहतर महसूस होगा।

    अपने व्यस्त दिनचर्या से कुछ वक्त निकालें और सुबह या शाम किसी भी वक्त कुछ देर खुली वातावरण में टहलने की आदत बनाएं। वहीं हफ्ते में कम से कम 4 दिन योग या एक्सरसाइज जैसी गतिविधियों में भाग लें।

     सबसे बेहतर होगा की डेली के 23 घंटे आप परिवार, संसार और अपनी रूटीन लाइफ को चाहे दें, मगर कम से कम एक घंटे खुद को दें. इस एक घंटे में प्राणायाम, ध्यान करें या यह समय अपने सर्वप्रिय इंसान को दें. अगर आप प्रेम और सेक्ससुख से महरूम हैं तो इस सर्वप्रिय से यह भी लें. सप्ताह में नहीं तो माह में एक बार अवश्य. डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण यही आभाव होता है और इसके निवारण का सबसे बड़ा आधार भी इस आभाव की अभिपूर्ति ही है. (चेतना विकास मिशन).

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