शनिवार शाम 11 एजेंसियों के एग्जिट पोल्स सामने आए। सभी एजेंसियों ने एनडीए को 340 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया है। कुंडली की स्थिति और ग्रहों की चाल को देखते हुए ज्योतिषार्यों का अनुमान भी यही कहता है कि एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने के आसार हैं। 4 जून को जनादेश कैसा रह सकता है, भाजपा और एनडीए को कितनी सीटें मिल सकती हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांध की कुंडली क्या कहती है, यह जानने के लिए ‘माय ज्योतिष’ ने ‘क्या कहते हैं राजनीति के सितारे’ विषय पर चर्चा रखी। इसमें जाने माने ज्योतिषाचार्य अजय लूथरा, मंजू शर्मा, आचार्य इशिका, राज रानी और आध्यात्मिक वक्ता पूनम कालरा ने हिस्सा लिया। लोकसभा चुनाव के तहत मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अलग-अलग एजेंसियों के एग्जिट पोल्स भी सामने आ चुके हैं। अब इंतजार 4 जून का है, जब नतीजे सामने आएंगे। इससे पहले ‘माय ज्योतिष’ ने कुछ ज्योतिषाचार्यों से बात की और उनसे जाना कि नेताओं की कुंडली क्या कह रही है?
भाजपा ने 400 पार का नारा दिया है। कुछ एग्जिट पोल्स में भी 400 का आंकड़ा दिया गया है। इस दावे में कितना दम है?
अजय लूथरा: भाजपा ने जिस नक्षत्र में 400 पार का नारा दिया था, उसके हिसाब से मौजूदा ग्रह-नक्षत्र इसके आसार कम बता रहे हैं। मोदी जी ने काम किए हैं, इसलिए उनकी जीत के आसार जरूर हैं। मोदी जी की कुंडली पर नजर डालें तो छठा लग्न उन्हें जीत दिलवाएगा। सूर्य जब सातवें स्थान पर हो स्थिति थोड़ी जटिल हो जाती है। भाजपा का अपना आंकड़ा 270-315 के बीच आंकड़ा रह सकता है। आज भारत में सूर्य, शुक्र जैसे ग्रह लग्न में हैं। 4 जून को नतीजे हैं और 5-6 जून को अमावस्या है। ऐसे में आने वाले समय में निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
मंजू शर्मा: सितारे कहते हैं कि भाजपा+ का आंकड़ा 350 पार जा सकता है। भाजपा के ग्रह-नक्षत्र अभी मजबूत हैं। प्रधानमंत्री की कुंडली मजबूत है। उनके ग्रहों की दशा भी अनुकूल है।
आचार्य इशिका: मोदी जी की कुंडली में ऊर्जा का भाव बहुत नजर आता है। मंगल अपने ही स्थान पर है। गुरु की वजह से लोगों का प्यार उन्हें मिलता रहेगा। गज केसरी योग, शंख योग भी उनकी कुंडली में है। मौजूदा स्थिति बताती है कि उनकी वजह से आने वाली सरकार का आत्मविश्वास बढ़ेगा। इन्हें ऐतिहासिक जीत मिलने के आसार हैं। भाजपा को 300 से 325 सीटें और एनडीए को 350-390 सीटें मिल सकती हैं।
राज रानी: नेताओं की कुंडली वैसी नहीं होती, जैसी सबके सामने होती है या बताई जाती है। सभी की समय की अलग-अलग गणना होती है। यदि जन्म का समय नहीं है तो चंद्र का समय देखा जाना चाहिए। मोदी जी की कुंडली के मुख्य बिंदुओं को देखें तो वहां कुछ गतिरोध नजर आते हैं। मोदी जी का बुध यानी वाणी और गुरु यानी ज्ञान वक्री हैं। वक्रत्व जब ग्रहों में आता है तो वह असाधारण होता है। यह उनके व्यक्तित्व को निखारेगा, लेकिन इसका आगे असर क्या होगा, यह देखना होगा। एनडीए का 400 पार जाना मुश्किल है, इसमें कुछ कमी रह सकती है।
राहुल गांधी के ग्रह किस तरह हैं?
अजय लूथरा: 2009 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद नहीं दिया गया। राहुल के मौजूदा ग्रह अच्छे हैं, लेकिन जब तक उनके साथ के लोग उनकी प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी का समर्थन नहीं करते, उनका उस पद पर पहुंचना मुश्किल है। राहुल गांधी को अपनी अलग छवि बनाने की जरूरत है। उनके पास राजयोग हैं, लेकिन उन्हें परिवार की छाया से अलग होना पड़ेगा। उनका परिवार सोने की थाली में खाना खा चुका है, इसलिए अब वह अवसर उनके पास नहीं बचा है।
आचार्य इशिका: राहुल गांधी की कुंडली में प्रधानमंत्री बनने के योग अभी नजर नहीं आ रहे। शनि की स्थिति अभी उन्हें निर्णायक स्थिति में नहीं ला पा रही है। राहु पांचवें स्थान पर होने से यह स्थिति कमजोर हो जाती है। राहुल वायनाड में जी सकते हैं, लेकिन रायबरेली के बारे में कहना मुश्किल है।
मंजू शर्मा: राहुल गांधी के ग्रह बताते हैं कि मौजूदा राजनीति में उन्हें सफलता मिल पाना थोड़ा मुश्किल है। आने वाले समय में वे बड़ी जिम्मेदारी निभाते नजर आ सकते हैं। वायनाड से जीत संभव है, लेकिन रायबरेली से उनकी जीत के आसार कम दिख रहे हैं। उत्तर प्रदेश की बात करें तो अखिलेश यादव की कुंडली में राजयोग थे, इसलिए वे मुख्यमंत्री रहे। कन्नौज की सीट पर उनकी जीत के आसार हैं, लेकिन कांग्रेस से हाथ मिलाने पर उनकी पार्टी को बहुत ज्यादा फायदा मिलेगा, यह नहीं कहा जा सकता।
राज रानी: जब अयोध्या का विवाद हुआ, तब कुछ ज्योतिषाचार्यों ने कहा कि वहां मंदिर कभी नहीं बनेगा, लेकिन प्रारब्ध कुछ और था और मंदिर बन गया। लिहाजा राहुल गांधी के बारे में आप ये नहीं सकते कि वे कभी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। राहुल गांधी ने जो भारत जोड़ो यात्रा की थी, उससे उनका शनि मजबूत होगा। राज योग सिर्फ अखिलेश की कुंडली में नहीं, राहुल गांधी की कुंडली में भी है। उनका परिवार और उनकी पार्टी सत्ता में रहेगी। कितना राज योग मिलेगा, यह देखना होगा। फिलहाल मोदी जी के वकृत्व का जादू चल रहा है।
अरविंद केजरीवाल और तेजस्वी यादव की कुंडली क्या कहती है?
पूनम कालरा: जिनकी हार होनी है, वो पहले से जानते हैं कि वे हार रहे हैं। तेजस्वी की जीत-हार की आधा-आधा गुंजाइश है।
मंजू शर्मा: नीतीश कुमार की पार्टी का प्रदर्शन तेजस्वी से बेहतर रह सकता है।
अजय लूथरा: केजरीवाल का शनि कमजोर है। आम आदमी पार्टी के सितारे उनके मुकाबले मजबूत हैं। केजरीवाल का जेल जाने का घटनाक्रम उन्हें 2027-28 के बाद ज्यादा मजबूत कर सकता है।
आचार्य इशिका: केजरीवाल के पास आगे राजयोग कितना मजबूत रहेगा, यह कहना बहुत ही मुश्किल है।
राज रानी: किसी भी नेता की कुंडली में कोई न कोई खराब योग होता ही है, इसलिए केजरीवाल का मामला कोई अलग नहीं है।