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आजम खान के परिवार को बड़ी राहत, पत्नी, बेटे और बहन को मिली जमानत

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रामपुरः सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के परिवार को अदालत से बड़ी राहत मिली है. शत्रु संपत्ति मामले में 18 फरवरी को आजम खान के छोटे बेटे अब्दुल्लाह आजम खान की जमानत रामपुर के एमपी एमएलए विशेष अदालत मजिस्ट्रेट ट्रायल से मंजूर हुई थी.

इसी मामले में अब रामपुर के एमपी एमएलए विशेष अदालत मजिस्ट्रेट ट्रायल जज शोभित बंसल ने आजम खान की पत्नी डॉक्टर तज़ीन फातिमा, बड़े बेटे अदीब और बहन निकहत अफलाक की भी जमानत मंजूर कर ली है.

शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में आरोपी बनाए गए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के परिवार को बुधवार को अदालत से बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने आजम खान की पत्नी तज़ीन फातिमा, बेटे अदीब आजम खान और बहन निकहत अखलाक को शत्रु संपत्ति से संबंधित एक मामले में जमानत दे दी है।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के परिवार को बुधवार को अदालत से बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में आरोपी बनाए गए आजम खान की पत्नी तज़ीन फातिमा, बेटे अदीब आजम खान और बहन निकहत अखलाक को जमानत दे दी है।

कोर्ट से बाहर निकली आजम खान की पत्नी एवं पूर्व सांसद ताजीन फातिमा ने कहा कि कस्टोडियन के सिलसिले में एक मुकदमा किया गया था, उसी सिलसिले में जमानत के लिए आई थी. इस मामले में अंतरिम जमानत मिली है. उन्होंने कहा कि कस्टोडियन के जो ऑफिस है, उसके रिकॉर्ड्स को इधर-उधर करने का मामला था, जो कि झूठ दर्ज किया गया था. रिकॉर्ड रूम की शक्ल ही उन्होंने आज तक नहीं देखी है.आजम खान पक्ष के वकील जुबेर अहमद खान ने बताया कि शत्रु संपत्ति से संबंधित रिकॉर्ड रूम में रिकॉर्ड को खुर्द-बुर्द करने का आजम खान के परिवार के सदस्यों पर आरोप लगाते हुए 2020 में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में कोर्ट ने सम्मन भेजा. इसमें अब्दुल्लाह खान, उनकी मां डॉक्टर ताजीन फातिमा, बड़े भाई अदीब आजम खान और उनकी बुआ निघत अखलाक ने बुधवार को न्यायालय के समक्ष सरेंडर किया था. कोर्ट ने बहस सुनने के बाद तीनों को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया है.जुबेर अहमद ने बताया कि जिस मुकदमे में कल अब्दुल्लाह खान को जमानत मिली है. उम्मीद जताई जा रही है कि अब्दुल्लाह जल्द जेल से बाहर आ सकते हैं. जुबेर ने बताया कि चूंकि मुकदमे बहुत ज्यादा हैं, तस्दीक होने में टाइम लगता है. जैसे ही वहां से तस्दीक होकर आएंगे फिर न्यायालय द्वारा रिलीज ऑर्डर (परवाना) जारी किया जाएगा. वह परवाना भी कोई एक परवाना नहीं है बहुत सारे लगभग 40 से 45 परवाने हैं तो इसमें टाइम टेकिंग प्रक्रिया है दो-तीन दिन लगेंगे।

साल 2020 में शत्रु संपत्ति के एक मामले में अब्दुल्ला आजम आरोपी हैं. इसकी वजह से वह जेल में हैं. उनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मंजूर हो चुकी है. इस मुकदमे में पुलिस की ओर से अब्दुल्ला के खिलाफ कुछ अतिरिक्त धाराएं बढ़ाने के लिए अदालत से सिफारिश की गई थी. माना जा रहा था कि इन धाराओं के बढ़ने पर अब्दुल्ला आजम की रिहाई नहीं हो सकेगी. पुलिस के इस प्रार्थना पत्र को अदालत से झटका लगा. अदालत ने प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया. इसके बाद अब अब्दुल्ला को जमानत भी मिल गई है.

बता दें कि इससे पहले इस मामले में पुलिस ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान को क्लीन दी थी. शासन ने रामपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक शुक्ला के खिलाफ जांच बैठाने के साथ साथ इस मामले की पुनः विवेचना का आदेश था. अपराध शाखा के इंस्पेक्टर नवाब सिंह ने इस मामले की पुनः जांच की थी और आज़म खान और अब्दुल्ला आज़म को आरोपी बनाया था. उसके बाद आज़म खान अब्दुल्ला आज़म ने कोर्ट की शरण ली थी.

अब्दुल्लाह आजम के अधिवक्ता जुबेर अहमद खान ने बताया कि अब्दुल्ला आजम के खिलाफ जो मामले थे, उनमें सभी में बेल हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने भी बेल दे दी थी. यह आखिरी मुकदमा था, जो 2020 का मुकदमा है. आज न्यायालय ने जमानत पर आदेश कर दिया है. अब रिहाई क्लियर है.

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