उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी की कभी पूरे राज्य में तूती बोलती थी। बड़े बड़े दिग्गज उनके फैसले को काटते नहीं थे। लेकिन जब कवियत्री मधुमता हत्याकांड में नाम आया तो कानून के आगे उनकी पूरी हैकड़ी धरी की धरी रह गई। अब एक और नया विवाद उनके लिए मुसीबत लाया है। वो है एक व्यापारी के बेटे का अपहरण। इस 22 साल पुराने मामले में कोर्ट ने दस दिन की मोहलत देते हुए त्रिपाठी की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की प्रॉपर्टी कुर्क करने के लिए आदेश दिया है। इसके लिए कोर्ट ने पुलिस को 10 दिन की मोहलत दी है। इससे पहले पूर्व मंत्री ने कुर्की रोकने अपील की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब कोर्ट के आदेश पर पूर्व मंत्री की चल और अचल संपत्ति पुलिस खंगाल रही है, मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
22 साल पुराने राहुल अपहरण कांड केस की सुनवाई में हाजिर नहीं होने पर अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ यह एक्शन लिया जा रहा है।व्यापारी के बेटे के अपहरण के मामले में 22 साल से फरार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली। पुलिस ने बुधवार को केस की सुनवाई के दौरान अदालत में अमरमणि की संपत्तियों की सूची प्रस्तुत की। साथ ही कुर्की के लिए कुछ और वक्त मांगा।
6 दिसंबर 2001 को व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल के अपहरण केस में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम/विशेष न्यायाधीश की अदालत में रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि अपहरण, साजिश, बंधक बनाने, गैंगस्टर आदि धाराओं में वांछित अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ चल रही कुर्की की कार्रवाई के क्रम में समस्त चल/अचल संपत्ति का ब्योरा एकत्रित किया गया है। कुर्की के लिए डीएम बस्ती से पत्राचार किया गया है। जल्द ही जिला प्रशासन के समन्वय से उन संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा, इसके लिए अतिरिक्त समय प्रदान किया जाए। न्यायालय ने एक अवसर प्रदान करते हुए 20 जनवरी को सुनवाई के लिए तारीख तय की। इस बीच कुर्की की कार्रवाई पूरी करनी होगी।