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कई देशों में बैन, भारत में विक्री :  योनि के लिए खतरनाक हैं लेस अंडरवियर

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        मनीषा कुमारी 

  योनि के स्वास्थ्य को लेकर लोगों में दिनों दिन जागरूकता बढ़ने लगी है। दरअसल, वेजाइना शरीर के मुख्य अंगों से एक है। इसकी हाइजीन को मेंटेन करने के लिए ऐसे अंडरवियर का चुनाव करना बेहतर है, जिससे वेजाइना ड्राई और क्लीन बना रह सके।

   इसी के चलते कई देश हैं, जहां लेस अंडरवियर को सालों पहले बैन किया जा चूका है। साल 2014 में कज़ाकिस्तान, रूस और बेलारूस में लेस अंडरवियर की सेल और इंपोर्ट पर रोक लगा दी गई थी। 

       लेस अंडरवियर को डे टू डे लाइफ में प्रयोग करने से स्किन फोल्डस में संक्रमण बढ़ने लगता है। वेजाइनल इंफै्क्शन का खतरा बढ़ने से इचिंग, जलन और सूजन की संभावना बढ़ जाती है। किसी भी प्रकार की एलर्जी और इंफै्क्शन से बचने के लिए ब्रीथएबल कपड़ों से तैयार अंडरवियर पहनें।

     गर्मी के मौसम में लेस और टाइट अंडरवियर पहनना स्वैटिंग का कारण साबित होता है। जो वेजाइना के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। वे अंडरवियर जो स्किन इरिटेशन का कारण बनने लगें, उन्हें पहनने से बचें।

ये हैं लेस अंडरवियर के नुकसान :

*1. नमी और पसीने का कारण :*

लेस और अनब्रिथएबल सिंथेटिक अंडरवियर योनि में नमी को लॉक कर देती है। इससे इंफे्क्शन के चलते खुजली और पसीने की समस्या का सामना करना पड़ता है। 

    इसे नियमित रूप से प्रयोग में लाने से योनि में संक्रमण का खतरा तेज़ी से बढ़ने लगता है। इसलिए फैंसी अंडरवियर के इस्तेमाल से बचें।

*2. हार्श डाई और केमिकल का इस्तेमाल :*

     रिसर्च के अनुसार लेसिज़ को तैयार करने में कई प्रकार की डाई और हार्श केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है।

     इससे वेजाइना पर उसका कुप्रभाव देखने का मिलता है। इसमें प्रयोग किए गए रंगों और रसायनों से हार्मोन असंतुलन और कैंसर का खतरा बना रहता है।

*3. सूजन और इंफेक्शन का खतरा :*

     नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार लेस अंडरवियर पहनने से यीस्ट इंफैक्शन का खतरा बना रहा है। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता हें एक्सपर्ट के अनुसार लेस अंडरवियर की क्लीनिंग में बैक्टीरिया पूरी तरह से क्लीन नहीं हो पाते हैं, जिससे योनि के इर्द गिर्द रैशेज और एलर्जी की संभावना बनी रहती है।

    नियमित रूप से इसका प्रयोग स्वास्थ्य संबधी समस्याओं को बढ़ा सकता है।

*4. योनि के पीएच बैलेंस को करे असंतुलित :*

ज्यादातर लेस अंडरवियर सिंथेटिक होते हैं, जो त्वचा के संपर्क में आते ही स्वैटिंग और संक्रमण का कारण बनने लगते हैं। ये पैंटीज़ आमतौर पर टाइट होती हैं।

     इससे योनि के पास बैक्टीरिया का विकास तेज़ी से होने लगता है। इससे पीएच का स्तर असंतुलित हो जाता है। इसके अलावा यूटीआई और वेजाइनल बॉइल का खरा बना रहता है।

*कॉटन अंडरवियर ही फायदेमंद :*

     वेजाइना के स्किन मुलायम और सेंसिटिव होती हैं। ऐसे में नायलॉन फेब्रिक से बनी लेस अंडरवियर मॉइश्चर को कैद कर देता है। इस समस्या को दूर करने के लिए काफटन अंडरवियर को चुनें।

    लेस अंडरवियर को पहनने से स्वैटिंग बढ़ने लगती है, जो इचिंग और इरिटेशन का कारण साबित होती है। दिनभर खुजली और जलन से राहत पाने के लिए कॉटन अंडरवियर या ब्रीथएबल फेब्रिक ही पहनें।

    सिंथेटिक या लेस अंडरवियर से बढ़ने वाली खुजली और जलन को दूर करने के लिए डॉक्टर की सलाह से एंटी रैश क्रीम या पाउडर का प्रयोग करें। इसके अलावा त्वचा को अच्छी तरह क्लीन कर लें।

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