सुसंस्कृति परिहार
उफ़ बड़ी ही त्रासद ख़बर मिल रही है।उनके मुखारबिंद से ऐसे शब्द निकले हैं कि सचमुच दिल दहल गया रोज़ बा रोज़ भारतीय संविधान की संविधान की उपेक्षा और उसके पर कतरने पर आमादा हमारी सरकार प्रमुख साहिब ने अपने प्रचार के दौरान बाड़मेर में बाबा अंबेडकर जयंती के एक दिन पहले यह कहा है कि “यदि आज बाबा साहिब भी संविधान बदलने आ जाए तो वह हम नहीं होने देंगे। संविधान बना रहेगा।विपक्षी नेताओं की बात पर भरोसा नहीं करें।” इतनी बड़ी गारंटी देने के बाद भी भरोसा नहीं हो रहा है। आखिरकार क्यों?
याद करिए ये वही साहिब जी हैं, जिन्होंने कभी कहा था – देश नहीं बिकने दूंगा और देश की सम्पदा और ज़मीनें ,खेत,सेब के बागीचे ऐसे बिके कि सब जादू की तरह छूमंतर हो गए। लालकिला,’रेल ,तेल गैस, हवाई अड्डे , बीएसएनएल ,,भेल , शिक्षा , स्वास्थ्य सब बिक रहा है।जिस संसद की चौखट पर माथा टेका उसे छोड़ा सेंंट्ल विस्तार में चले गए। संविधान को सज़दा किया उस पर मुसीबत खड़ी कर दी।2014में खाते में 15लाख आयेंगे,हर साल दो करोड़ रोजगार सामने आएंगे,100दिन में अच्छे दिन, स्मार्ट सिटी,बुलेट ट्रेन कांग्रेस समाप्त हो जाएगी वगैरह ऐसी कई बातें हैं जो साहिब जी पर हर्गिज विश्वास नहीं होने देतीं। मंहगाई, बेरोजगारी की बात तो राममंदिर प्राण-प्रतिष्ठा से छुपाने की साज़िश का भी खुलासा हो चुका है वरना अपूर्ण मंदिर में यह कार्य कर चारों शंकराचार्यों की उपेक्षा नहीं की जाती।
अब जब से आरक्षण बरकरार रहेगा और संविधान बना रहेगा कहा गया है वह पूरी तरह अविश्वसनीय नज़र आ रहा है उधर विपक्ष इंडिया गठबंधन ने उनकी 2024में क्या तैयारी है साहिब जी की पोल खोलनी शुरू कर दी है। संविधान के प्रति उनके व्यवहार को बराबर रेखांकित किया जा रहा है चुनी हुई प्रदेश सरकारों में दखलंदाजी कर उन्हें गिराना,चुने हुए मुख्यमंत्रियों को ईडी के ज़रिए छवि धूमिल कर जेल भेजना, अडानी के सवाल पर संसद सदस्यता ख़त्म करना।145सांसदों का निलंबन कर मनमाने विधेयक पास करना। चुनाव आयोग का असंवैधानिक गठन, स्वतंत्र जांच एजेंसियों के ज़रिए इलेक्टोरल बांड की बिक्रीऔर खरीदारों को मनमानी छूट,कोरोना काल में आई देश विदेश से आई सहयोग राशि का खुलासा ना करना और ईवीएम के ख़िलाफ़ खड़े 36दलों की आवाज़ नकारना, केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रीमंडल के अधिकारों का हनन तथा चीन के ज़मीनी अतिक्रमण पर चुप्पी ऐसे मुद्दे हैं जो स्पष्ट तौर पर हमारे संविधान प्रदत्त अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
इन संविधान विरोधी कृत्यों के बावजूद अब संविधान रक्षा की बात एक मज़ाक की तरह है याद कीजिए इस समय के सबसे जागरुक और जुझारू नेता कांग्रेस राहुल गांधी ने जब यह कहा था कि चौकीदार चोर है तब यदि हम जाग जाते उनका मज़ाक नहीं उड़ाते तो देश की तस्वीर ऐसी ना होती।जब उन्होंने सारे मोदी चोर है कहा, तब भले यह वर्तमान साहिब के लिए ना कहा गया हो पर अब जितने बड़े भ्रष्टाचार के स्केंडलों में वे शामिल हैं वह सच ही लगता है। आश्चर्यजनक बात तो यह है एक अकेला राहुल गांधी है जिसने इनकी कमज़ोर नस को बहुत पहले पहचान लिया था तथा बराबर संसद और सड़कों पर हमले झेलता रहा।आज इंडिया गठबंधन का साथ है तो निश्चित ही बदलाव होगा।यह भी सच है कि यदि इंडिया गठबंधन ने संविधान बदलने का भरपूर स्वर मुखर ना किया होता तो शायद वे बाड़मेर में ऐसा हरगिज नहीं कहते। अंबेडकर वादियों को साधने की यह कोशिश भी उनकी नाकाम हुई है उन्होंने इस बात आपत्ति ज़ाहिर की कि साहिब जी ने अपने कथन से अंबेडकर का ना केवल अपमान किया है बल्कि अपने को बाबा साहब से महान दिखाने का प्रयास किया है।
कुल मिलाकर साहिब का संविधान की रक्षा कहना ख़तरे से खाली नहीं है वो जो कहते हैं उसके ठीक विपरीत अब तक किए हैं ये उनकी पहचान दस साला शासन में बन चुकी है जिसे अवाम समझने लगी है।आज साहिब जी ने राहुल को शाही जादूगर मान लिया है यकीनन आज जिस तरह राहुल का जादू सिर चढ़कर गांव गांव बोल रहा है उससे उनके करिश्माई प्रभाव का भट्टा बैठ रहा है उनकी तमाम लच्छेदार बातें हवा में झूल रही हैं।उनकी कथनी करनी को समझें और सावधान होकर मतदान करें।