(अपनी माँ के लिये बनाई रामलला की सजीब पेंटिंग)
इन्दौर। रामलला की मूर्ति, प्रतिकृति, रेत-प्रतिकृति, स्केच तो कई लोगों ने बनाये हैं, पर इन्दौर की बिटिया अनुष्का जैन ने अल्पसमय में रामलला की अजब मूर्ति की गजब पेंटिंग बनाई है। और ताज्जुब तो यह है कि कु. अनुष्का जैन कोई प्रोफेशनल चित्रकार नहीं हैं, न इन्होंने किसी से पेंटिंग का प्रशिक्षण लिया है, केवल शोकिया तौर पर बनाती है। ये तो अरबिन्दो कॉलेज में मैडिकल की छात्रा हैं। इनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग रामलला की वह मूर्ति है, जिसकी 22 जनवरी को प्राणप्रतिष्ठा हुई है।
अनुष्का जैन ने बताया कि बहुरंगी चित्र कैनवस पर उतारना उतना जटिल नहीं है, जितना श्वेत-श्याम चित्र। क्योंकि श्याम वर्ण परिकर सहित प्रतिमा को लगभग उसी रूप में दर्शाना उनके लिये चुनौती बन गया था। कु. जैन ने बताया कि उन्होंने यह पेंटिंग अपनी माँ को रामलला के दर्शन कराने के लिये बनाई है, क्योंकि वे अभी अस्वस्थता के कारण कहीं जाने-आने में असक्त हैं। अनुष्का जैन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यह पेंटिंग बेचने के विषय में उन्होंने अभी सोचा नहीं है, किन्तु उचित दाम मिला तो वह बेचने पर विचार भी कर सकती हैं।
अनुष्का जैन का कहना है कि जैन धर्मावलम्बियों में भी श्री राम का उतना ही महत्व है, जितना सनातन धर्म में है। जैनागम के अनुसार रामचन्द्र बीसवें तीर्थंकर मुनिसुव्रत के तीर्थकाल में हुए। राम, हनुमान, सुग्रीव आदि तुंगीगिरि से मोक्ष गये। तुंगीगिरि में श्री राम की प्रतिमा भी है। यहां राम का नाम पद्म आया है और जैन परम्परा में इनके पूर्ण चरित्र पर ‘पद्मपुराण’, पउमचरियम्, पउमचरिउ, तिसट्ठिसलाकाचरित आदि ग्रन्थ उपलब्ध हैं। बीसों तीर्थंकर इक्ष्वाकुवंशी थे।
डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’
22/2, रामगंज, जिंसी, इन्दौर
मो 9826091247