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इंदौर के भिखारियों ने उज्जैन में मचाया गदर

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इंदौर। शहर को भिक्षुकमुक्त करने की पहल कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा की गई है और अभी 1 जनवरी से भीख देने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। पिछले दिनों बड़ी संख्या में इंदौर के भिखारियों को पकडक़र उज्जैन भिजवाया गया। हालांकि वहां की सेवाधाम संस्था को इन भिखारियों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मगर उज्जैन में एकाएक भिखारियों की संख्या बढ़ गई और सडक़ों पर ये भिखारी बड़ी संख्या में नजर आने लगे, जिसके चलते उज्जैन के निवासी और बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु परेशान हो गए हैं। ये भिखारी सिर्फ पैसे ही मांगते हैं और भोजन या अन्य सामग्री देने पर उसे फेंक देते हैं।

बीते कुछ दिनों में बड़ी संख्या में इंदौर के भिखारियों को पकडक़र उज्जैन भिजवाया जा रहा है। वहीं पंचकुईया स्थित अनाथ आश्रम युग पुरुष धाम की भी मान्यता कलेक्टर ने समाप्त कर दी, क्योंकि पिछले दिनों 10 बच्चों की लापरवाही के चलते मौत हो गई और कई बच्चों को अस्पताल में भर्ती भी कराना पड़ा था। उसके बाद संस्था में जो 86 मानसिक दिव्यांग बच्चे हैं उन्हें भी उज्जैन के सेवाधाम में शिफ्ट कराया गया। दूसरी तरफ उज्जैन के ही मीडिया ने इंदौर के भिखारियों द्वारा मचाए जा रहे गदर को लेकर खबरों का प्रकाशन किया है।

सूत्रों का कहना है कि इंदौर से जो भिखारी उज्जैन भिजवाए गए वे सडक़ों पर भीख मांग रहे हैं। हालांकि इनका जिम्मा सेवाधाम आश्रम को सौंपा गया था। मगर इन भिखारियों ने उज्जैन में मंदिरों से लेकर सडक़ों पर डेरा जमा लिया और आने वाले श्रद्धालुओं से जबरन पैसों की मांग करते हैं और अगर इन्हें कोई खाद्य या अन्य सामग्री दी जाती है तो उसे फेंक देते हैं। यहां तक कि इन भिखारियों के पास छोटे-छोटे बच्चे भी हैं और उनसे भी भीख मंगवाई जा रही है। रामघाट, गोपाल मंदिर के आसपास से लेकर मंगलनाथ सहित अन्य स्थानों पर इन भिखारियों ने अपना डेरा डाल लिया है। यह भी उल्लेखनीय है कि इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने भिक्षुक मुक्त शहर का अभियान चला रखा है, जिसके चलते अभी 1 जनवरी से भीख देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ इंदौर में कुछ भिखारी जो पकड़े गए उनके पास बड़ी मात्रा में नकदी भी मिली है।

पहले एक महिला भिखारी के पास से 75 हजार रुपए मिले थे, तो अभी महिला बाल विकास विभाग की टीम ने दो भिखारियों को पकड़ा, जिनमें से एक महिला भिखारी के पास 45 हजार और पुरुष भिखारी के पास 20 हजार नकद मिले। यह राशि इन्होंने हफ्ते-पन्द्रह दिन में कमा ली। यही कारण है कि देश के कई शहरों से बड़ी संख्या में ट्रेन या अन्य साधनों से इंदौर आकर भीख मांग रहे हैं। पकड़े गए भिखारियों के पास ट्रेन के टिकट और जहां से ये निवासी हैं उससे संबंधित प्रमाण भी पाए गए। पिछले दिनों जो महिला पकड़ी गई थी उसने 15 दिन में ही 75 हजार रुपए की राशि भीख मांगकर जमा कर ली। महिला बाल विकास विभाग का कहना है कि भिक्षुक मुक्त अभियान के तहत अब तक 300 से अधिक भिखारियों को रेस्क्यू कर उज्जैन के सेवाधाम में निर्वासित किया जा चुका है। मगर दूसरी तरफ उज्जैन में इन भिखारियों से गदर मचने लगा है।

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