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लाड़ली बहना आरती केवट को न्याय दिलाएं मुख्यमंत्री चौहान : नारी चेतना मंच

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रीवा । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तयचौहान के शासनकाल में 40 वर्षीया परित्यक्तता आरती केवट को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है। विगत 11 अप्रैल से स्थानीय वेंकट भवन परिसर के बाहर वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हुई है। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रधानमंत्री के 24 अप्रैल को होने जा रहे कार्यक्रम के सिलसिले में रीवा आना-जाना बना हुआ है लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत ग्राम बरा कोपरिहन टोला निवासी आरती केवट आत्मजा रामकरण केवट की शादी सन 1997 में करीब 15 वर्ष की उम्र में रीवा के महाजन टोला निवासी राम दुलारे केवट के साथ हुई थी। लेकिन कुछ समय बाद उसके पति राम दुलारे केवट ने दूसरी महिला से ब्याह रचाकर उसे छोड़ दिया। जिसके चलते 20 वर्ष से वह परित्यक्तता जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं । मायके में वह अपने बूढ़े माता-पिता के साथ रहती है जहां  उसका छोटा भाई सुभाकर केवट उर्फ रिंकू, भाभी अन्नू केवट और चचेरा भाई संदीप केवट उर्फ छोटू के द्वारा आए दिन तंग किया जाता है। भाभी और चचेरे भाई की मिलीभगत के चलते चुगली करने पर शराब के नशे में उसका छोटा सगा भाई सुभाकर अक्सर उसके साथ गाली गलौज और मारपीट करता है। जिसके आतंक की वजह से वह अपने मायके में नहीं रह पा रही है। आरती केवट का कहना है कि उसने कुटुंब न्यायालय में अपने पति के खिलाफ गुजारा भत्ता का मामला दर्ज कराया था। कुटुंब न्यायालय के फैसले के बाद उसे एक हजार रुपए महीने मिलने लगे थे लेकिन बाद में उसके पति ने यह राशि भी देना बंद कर दी। जब इस बात की शिकायत कुटुंब न्यायालय में की गई तो उसके पति द्वारा मामले को हाईकोर्ट ले जाया गया। काफी समय से उसे गुजारा भत्ता नहीं मिल पा रहा है। आरती बताती है कि 10 अप्रैल को उसके द्वारा लाड़ली बहना योजना के लिए आवेदन पत्र भरना था लेकिन घर में छोटे भाई सुभाकर के द्वारा मारपीट करने के कारण उसे विश्वविद्यालय थाना रिपोर्ट करने जाना पड़ा। लेकिन थाना में उसकी शिकायत को नहीं सुना गया। इसके विरोध में दूसरे दिन 11 अप्रैल से वह अनिश्चितकालीन धरना पर बैठी हुई है लेकिन 12 दिन बीतने के बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हुई। आरती का कहना है कि उसे काफी समय पहले ससुराल छोड़ने को मजबूर होना पड़ा और इधर सगे भाई भाभी और चचेरे भाई के आतंक के चलते उसका मायका में रहना मुश्किल हो गया है। वह कहती है कि मायके में उसे केवल रहने का ठिकाना चाहिए लेकिन उसका वहां भी जीवन सुरक्षित नहीं है। आखिरकार वह कहां जाए। आरती कहती है कि वह मजदूरी करके भी कमा सकती है। सामाजिक इज्जत की वजह से वह मायका में सुरक्षित रहना चाहती है लेकिन मायके में भी उसे चैन से नहीं जीने दिया जा रहा है। धरने पर बैठी आरती केवट लाड़ली बहना योजना की पात्रता रखने के बावजूद आवेदन पत्र नहीं भर पाई है। नारी चेतना मंच ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चाहिए कि आरती केवट का लाड़ली बहना योजना अंतर्गत आवेदन फार्म भरवाएं और उसकी सुरक्षित रहने की व्यवस्था भी कराएं।

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