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BEST ने लिया फैसला,मुंबई में अडाणी ग्रुप के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक

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मुंबई : बृहन्मुंबई ट्रांसपोर्ट ऐंड इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई (बेस्ट) द्वारा दक्षिण मुंबई में स्मार्ट मीटर लगाने के काम पर ब्रेक लग गया है। नवभारत टाइम्स ने कुछ दिन पहले इस संदर्भ में खबर प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि कई ग्राहकों ने मीटर बदलने के बाद भुगतान की रकम बढ़ जाने की शिकायतें की थीं। बुधवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने सभी आवासीय उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट बिजली मीटरों की स्थापना को सस्पेंड करने की घोषणा की है। बेस्ट का यह क्षेत्र कोलाबा-कफ परेड और सायन-माहिम तक फैला हुआ है। अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में स्थापित किए गए स्मार्ट मीटरों के बारे में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा और इस संबंध में अधिकारियों की एक बैठक बुलाई जाएगी। बेस्ट के वर्तमान में 10.8 लाख बिजली उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करता है, जिनमें से 6.5 लाख आवासीय उपभोक्ता हैं। अब तक, लगभग 3 लाख स्मार्ट मीटर रेजिडेंशल और कमर्शल कंज्यूमर के लिए इंस्टॉल किए जा चुके हैं।

लोगों की शिकायत, एमएलए ने रखी मांग

मुंबादेवी सीट से कांग्रेस के विधायक अमीन पटेल ने बुधवार को बेस्ट के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। पटेल ने स्मार्ट मीटरों पर बेस्ट को याचिका दी थी। मुलाकात के बाद पटेल ने कहा, ‘बेस्ट ने मुझे लिखित में पुष्टि की है कि रेजिडेंशल कंज्यूमर्स के लिए स्मार्ट मीटर का इंस्टॉलेशन को सस्पेंड कर दिया गया है। हम चाहते हैं कि एक्सट्रा सेफ्टी डिपॉजिट की रक़म भी वापस की जाए।’ गौरतलब है कि अडाणी ग्रुप द्वारा बेस्ट के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। कई ग्राहकों की शिकायत थी कि बिना नोटिस दिए मीटर लगाए जा रहे हैं और अतिरिक्त डिपॉजिट की रक़म भी बिल में जोड़ी जा रही है।

क्या है स्मार्ट मीटर

स्मार्ट मीटर मौजूदा डिजिटल मीटर की तरह ही होते हैं, लेकिन ऊर्जा खपत के बारे में रियल टाइम डेटा जनरेट करते हैं। इस तकनीक से ग्राहक और बिजली प्रदाता, दोनों ही रियल टाइम में बिजली की खपत का वास्तविक अंदाजा लगा सकते हैं। स्मार्ट मीटर सरकारी योजना के तहत पेश किया गया है, जिसका उद्देश्य सभी घरों को स्मार्ट मीटर से जोड़कर वास्तविक लागत का अंदाजा लगाना है। सूत्रों के अनुसार बाजार में इसकी प्रति मीटर लागत करीब 12,000 रुपये तक हो सकती है।


चुनाव का है मौका, तो मीटर का काम रोका?

विधानसभा चुनावों की तैयारी को देखते हुए सरकार ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहती है, जिससे उन्हें नुकसान हों। इसी मौके को देखते हुए बेस्ट की बसें चलाने वाले वेट लीज बसों के कर्मचारियों ने दोबारा आंदोलन शुरू कर दिया है। बुधवार को देवनार बस डिपो में बस चालकों के आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 10 मार्गों पर बस सेवाएं प्रभावित हुईं। देवनार डिपो से संचालित 84 वेट लीज बसों में से बेस्ट ने अपने ड्राइवरों और अन्य डिपो से कुछ वेट लीज ड्राइवरों की मदद से 56 बसें चलीं। इस आंदोलन की टाइमिंग को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।

चुनावों का मौका देखकर जिस तरह स्मार्ट मीटर का काम रोक दिया गया है, वैसे ही वेट लीज कर्मचारियों के भी वेतन या बोनस जैसी डिमांड का मनवाने सही अवसर है। सूत्रों के अनुसार, देवनार डिपो के अलावा मुलुंड डिपो में भी वेट लीज के कर्मचारी आंदोलन कर सकते हैं और चुनावों से पहले और भी लोग जुड़ सकते हैं।

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