अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे की पैकिंग जारी,पीथमपुर भेजा जाएगा

Share

40 साल पहले हुए भोपाल गैस कांड का कचरा हटाने की प्रक्रिया रविवार को शुरू हुई  लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी पैंकिंग का कार्य जारी है। यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के गोदाम में रखे 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरा है।  एक्सपर्ट्स की टीम मौके मौजूद है। कड़े सुरक्षा घेरे में कचरे को 12 कंटेनर में भरने की प्रोसेस जारी है। 3 जनवरी से पहले कंटेनर पीथमपुर पहुंचाया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में कैम्पस के अंदर जाने पर रोक है। गैस राहत विभाग के आयुक्त स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि पैंकिंग का काम तेजी से चल रहा है आज देर रात या कल इले फीथमपुर के लिए रवाना किया जाएगा।भोपाल के यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के गोदाम में रखे 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को कंटेनर भरने की प्रक्रिया जारी है। कचरे को 12 कंटेनर में भरने की प्रोसेस जारी है। 3 जनवरी से पहले कंटेनर पीथमपुर पहुंचाया जाएगा।

क्षेत्र को किया गया है सील
इस क्षेत्र के रास्ते भी बंद किए गए हैं। कैंपस में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं। वहीं, कुल 400 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी, एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों की टीम इस काम में जुटी है। गैस कांड के 40 साल बाद पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट (रामकी) कंपनी के एक्सपर्ट्स की मॉनिटरिंग में ये कचरा 12 कंटेनर ट्रकों में भरा जा रहा है।

रख रहे पूरी सावधानी 
गौरतलब है कि हवा में यूनियन कार्बाइड गैस फैलने के कारण 1984 में 5 हजार से अधिक मौतें हुईं थी। इसीलिए यूका परिसर में 3 जगहों पर एयर क्वालिटी की मॉनिटरिंग के लिए उपकरण लगाए हैं। इनसे पीएम 10 व पीएम 2.5 के साथ नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड आदि की जांच की जा रही है। कचरा जिस स्थान पर रखा है, उस इलाके की धूल भी कचरे के साथ जाएगी। यदि कहीं कचरा गिरा है तो उस जगह की मिट्टी को भी पीथमपुर ले जाया जाएगा। इस मिट्टी और धूल की भी टेस्टिंग होगी। जांचा जाएगा कि कहीं मिट्टी भी तो जहरीली नहीं हुई?।

बनेगा 250 किमी का ग्रीन कॉरिडोर
कचरे को कड़ी सुरक्षा के साथ 250 किमी का ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पीथमपुर भेजा जाएगा। यहां कचरे को रामकी एनवायरो में जलाया जाएगा। बता दें कि, हाईकोर्ट ने 6 जनवरी तक इसे हटाने के निर्देश दिए थे। 3 जनवरी को सरकार को हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करना है। यानी, 2 जनवरी तक हर हाल में कचरा पीथमपुर भेजना ही है। रामकी कंपनी इसका निष्पादन करेगी। रामकी एनवायरो में 90 किलोग्राम प्रति घंटे की स्पीड से कचरे को जलाने में 153 दिन यानी 5 महीने 1 दिन का समय लगेगा। 270 किलोग्राम प्रति घंटे की स्पीड से नष्ट करते हैं तो इसे खत्म करने में 51 दिन का वक्त लगेगा।

भोपाल के इन क्षेत्र से गुजरेगा कजेरा का कंटेनर
ट्रक करोंद मंडी होते हुए पीपुल्स मॉल, करोंद चौराहा, गांधी नगर, मुबारकपुर, सीहोर नाका होते हुए इंदौर जा रहे हैं। यह रूट इसलिए चुना गया है, क्योंकि रात के समय इस रूट पर ट्रैफिक का दबाव कम रहता है। हर कंटेनर का एक यूनिक नंबर होगा। ये ट्रक कंटेनर जिस रूट से निकलेंगे उसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी जाएगी। रास्ते पर ट्रैफिक रोकने की जिम्मेदारी भोपाल और इंदौर के संभाग आयुक्तों को सौंपी गई है।

Add comment

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें