अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

भोपाल के फोटोग्राफर संजीव गुप्ता के फोटो बने आंकड़ों के विवादों की वजह

Share

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में छाए संजीव के फोटो, टाइम मैग्जीन, न्यूयार्क टाइम्स, टेलीग्रॉफ ने फ्रंट पेज पर दिया स्थान

भोपाल।
अब जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या को लेकर देश-प्रदेश में राजनीति हो रही है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह मुद्दा छाया हुआ है। दरअसल इसकी शुरुआत भोपाल के ही छायाकार संजीव गुप्ता के फोटो से हुई, जो उसके द्वारा कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच मप्र की राजधानी भोपाल के प्रमुख श्मशान घाट भदभदा के लिए गए।
वहां जहां तहां जलती चिताएं मरने वालों की संख्या की हकीकत बयां कर रही थीं। यह वास्तविकता शहर के तमाम श्मशान घाटों की थी। यह तस्वीरें जब खींची गई तब सरकार के आंकड़े ऐसे आ रहे थे जैसे कि कोरोना से सिर्फ नाम के लिए ही मरीजों की मौत हो रही है। दरअसल जब तस्वीरें खींची गई तब प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर इतनी तेज और भयावह बनी हुई थी कि श्मशान घाटों में भी अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही थी। उस समय लोगों को अपने परिजनों के शव के साथ घंटों इंतजार करना पड़ रहा था।
इस दौरान समाजसेवियों और श्मशानघाट के ट्रस्टों से जुड़े लोगों को अधिक चिताओं को जलाने  का इंतजाम करना पड़ रहा था। गुप्ता द्वारा इस हकीकत को बयां करती जब तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की गई तो इससे सरकार के आंकड़ेबाजी की पोल खुल गई। अपनी इस नाकामी को छिपाने के लिए जिम्मेदारों द्वारा अपने-अपने तर्क-कुतर्क दिए जाने लगे। फोटोग्राफर संजीव गुप्ता ने सबसे पहले सात अप्रैल को कोरोना से हो रही मौतों की कब्रिस्तानों में दफनाई और श्मशान घाटों जलती  चिताओं की तस्वीरें खींचीं। उनकी इस हकीकत को बयां करतीं सैकड़ों जलती चिताओं की तस्वीर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने हाथों हाथ उठाई।
इसके बाद तो इन तस्वीरों ने अमरीका और अन्य देशों के सबसे प्रतिष्ठित अखबारों में शुमार टाइम मैगजीन, न्यूयॉर्क टाइम्स, गार्जियन और टेलीग्राफ यूके ने इन्हें फ्रंट पेज पर जगह दी। इसके बाद मप्र में कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों को लेकर विवाद पैदा हो गया। वैसे भी कहा जाता है कि तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोला करती हैं। अब इस मामले में मृतकों की संख्या को लेकर विवाद इतना बढ़ चुका है कि कमलनाथ द्वारा लगाए गए एक लाख से अधिक मौतों के मामले में भाजपा ने उनके खिलाफ एफआईआर तक लिखा डाली है।
दो मीडिया हाउसों ने की संजीव गुप्ता की प्रशंसा
यही नहीं टाइम मैगजीन और न्यूयॉर्क टाइम्स ने श्मशान घाटों पर जलती चिताओं की तस्वीरें खींचने वाले यूरोपियन प्रेस फोटो एजेंसी के फोटो संवाददाता संजीव गुप्ता की प्रशंसा की है। यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठने के बाद प्रदेश प्रशासन और मीडिया के लोग जागृत हुए। 16 अप्रैल को दैनिक भास्कर ने अपने फ्रंट पेज पर जलती चिताओं की तस्वीरों के साथ ही कैप्शन दिया कि ‘जलती चिताएं झूठ नहीं बोलती’। पाकिस्तान के प्रसिद्ध शायर शकैब जलाली का यह शेर देश के प्रसिद्ध छायाकार संजीव गुप्ता पर मौजूं है कि

  शकेब अपने तआरुफ़ के लिए बस इतना काफी है कि हम उस रास्ते पर नहीं चलते जो रास्ता आम हो जाए।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें