विधानसभा चुनाव के लिए बिछी सियासत में आप अपनी साख बचाने के लिए पूरा दमखम लगा रही है तो भाजपा दिल्ली में वनवास खत्म करना चाहती है। कांग्रेस भी करो या मरो वाले मुकाबले के लिए मैदान में है। दो चुनावों में शून्य पर सिमटी कांग्रेस और 70 में से महज 8 सीटें ही जीतने वाली भाजपा ने जिस तरह उम्मीदवारों का चयन किया है, उससे संकेत मिल रहे हैं कि दोनों पार्टियां इस बार आप को शिकस्त देने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं।
भाजपा और कांग्रेस ने आप के तीन सबसे बड़े नेताओं के खिलाफ अपने दिग्गज प्रत्याशियों को उतारकर यह संकेत दे दिया है। दोनों दलों की रणनीति यह है कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आतिशी अपनी ही सीटों पर सिमटकर रह जाएं, वे दूसरी सीटों पर कम ध्यान दें। कालकाजी में कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा और भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी लोगों के बीच पकड़ बनाने में जुट गए हैं। ऐसे में पिछले चुनावों में जीत हासिल करने वालीं आतिशी को इस बार कड़ी टक्कर मिल सकती है।
आप व भाजपा के विरोधी वोटों में बिखराव करने में अगर कांग्रेस कामयाब रही तो आतिशी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसी तरह नई दिल्ली क्षेत्र में केजरीवाल के सामने कांग्रेस से संदीप दीक्षित और भाजपा ने प्रवेश वर्मा को उतारा है। दोनों नेता घर-घर प्रचार करने में जुटे हैं। इधर, पटपड़गंज सीट बदल चुके मनीष सिसोदिया के सामने भी जंगपुरा क्षेत्र में भाजपा ने पूर्व विधायक सरदार तरविंदर सिंह मारवाह को उतार कर रही सही कसर पूरी कर दी है। इस सीट पर मुस्लिम और सिख मतदाताओं की अच्छी आबादी है। कांग्रेस ने सिसोदिया के खिलाफ फरहाद सूरी को उतारा है।
मुस्लिम वोटरों का आधार यहां से खिसका तो सिसोदिया के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। जंगपुरा से मारवाह तीन बार विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा गांधी नगर सीट से भाजपा ने पूर्व कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली को मैदान में उतारा है। एक दौर में यह सीट कांग्रेस की गढ़ मानी जाती थी। पटपड़गंज विधानसभा सीट से भाजपा ने रवींद्र नेगी को प्रत्याशी बनाया है।
सुरक्षित सीट भी निकालने का भरोसा
भाजपा नेता सुरक्षित सीटें जीतने का भरोसा जता रहे हैं। इस कारण मंगोलपुरी (सुरक्षित) से राजकुमार चौहान को टिकट दिया है जो कांग्रेस के कद्दावर नेता रह चुके हैं। करोल बाग (सुरक्षित) सीट से दुष्यंत कुमार गौतम, पटेल नगर (सुरक्षित) से आप सरकार में पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद, अंबेडकर नगर (सुरक्षित) से खुशीराम चुनार, सीमापुरी (सुरक्षित) से कुमारी रिंकू भी मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं।
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