कुशीनगर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावमें सियासत के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. यूपी चुनाव में भाजपा सांसद को सपा कैंडिडेट के लिए वोट मांगते देखा गया है. जी हां, यूपी चुनाव में फाजिलनगर सीट से सपा प्रत्याशी स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य वोट मांग रही हैं. हालांकि, यहां जानना जरूरी है कि बीते दिनों संघमित्रा मौर्य ने स्पष्ट किया था कि वह पिता स्वामी के खिलाफ में प्रचार नहीं करेंगी. भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य, स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार अपनी परंपरागत सीट पडरौना छोड़कर कुशीनगर जिले की ही फाजिलनगर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जहां से भाजपा ने सुरेंद्र कुशवाहा पर अपना दांव खेला है.
बताया जा रहा है कि सपा प्रत्याशी और पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में वोट मांगने के लिए रात के अंधेरे में बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य कुशीनगर पहुंची हैं. फाजिलनगर विधानसभा के जौरा-मगुलही गांव में बीजेपी सांसद संघमित्र मौर्य को रविवार की देर शाम को पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में प्रचार करते देखा गया है. हालांकि, बीजेपी कार्यकर्ताओं और स्थानीय मीडिया को देखते ही भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य गाड़ी में बैठकर आगे बढ़ गईं. जब उनसे पिता के पक्ष में प्रचार करने से जुड़ा सवाल किया गया तो उन्होंने इससे इनकार किया और कहा कि वह स्वतंत्र रूप से यहां घूम रही हैं. बता दें कि संघमित्रा मौर्य स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी होने के साथ-साथ बदायूं से भारतीय जनता पार्टी की सांसद भी हैं.विज्ञापन
दरअसल, यूपी चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य भी भाजपा में थे और योगी कैबिनेट में मंत्री भी थे. मगर विधानसभा चुनावों के ठीक पहले पिछड़ों की उपेक्षा के नाम पर उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था. हालांकि, आरपीएन सिंह के भाजपा में जाते ही स्वामी प्रसाद मौर्य की सीट भी बदल गई और सपा ने उन्हें उनकी परंपरागत पडरौना विधानसभा सीट के बदले बगल की फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया. इस सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य को कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है.
भाजपा ने इस बार अपने मौजूदा विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के बेटे सुरेंद्र कुशवाहा को स्वामी के अगेंस्ट में उतारा है. पेशे से शिक्षक सुरेन्द्र युवा हैं और साफ सुथरी छवि के हैं. वहीं कांग्रेस से मनोज कुमार सिंह और बहुजन समाज पार्टी ने सपा के बागी इलियास अंसारी को उम्मीदवार बनाया है जो स्वामी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. मौर्य को हराने के लिए बसपा और भाजपा दोनों ही पूरी ताकत झोंक रहें है. फाजिलनगर में स्वामी प्रसाद मौर्य को भीतरघात का सामना भी करना पड़ रहा है. आपको बता दें कि 2017 विधानसभा चुनाव के पहले ‘टिकट के लिए पैसे मांगने’ का आरोप लगाते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने बहुजन समाज पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था.
बसपा और भाजपा में भी रह चुके हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी राजनीति की शुरुआत लोकदल से की थी. प्रतापगढ़ जिले के मूल निवासी 68 वर्षीय स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा में नेता विपक्ष और मायावती की सरकारों में मंत्री रह चुके हैं. वह दो बार रायबरेली की ऊंचाहार और तीन बार कुशीनगर की पडरौना सीट से विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. मौर्य पिछले विधानसभा चुनाव से पहले बसपा विधानमंडल दल का नेता पद छोड़कर भाजपा में और इस बार भी चुनाव से पहले मंत्री पद छोड़कर सपा में शामिल हो गये. आपको बता दें कि कोइरी जाति पश्चिमी यूपी के आगरा से लेकर कुशीनगर तक अच्छी संख्या में हैं.