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बीजेपी ने जगदीप धनखड़ के मुद्दे को जाट अपमान में बदला

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नई दिल्ली: मिशन 2024 की तैयारी में जुटा विपक्ष अपने नट-वोल्ट तो कसने की पूरी कोशिश कर रहा है। लेकिन गाहे-बगाहे उस खेमे के नेता कुछ ऐसा फाउल शॉट खेल जाते हैं, जो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अच्छा-खासा माइलेज दे देता है। ताजा मामला देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री का है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद के बाहर धनखड़ की मिमिक्री कर दी, दूसरी तरफ राहुल गांधी इसका वीडियो बना रहे थे। बीजेपी ने इस मामले को दोनों हाथों से लपक लिया। पार्टी ने इसे देश के संवैधानिक पद के अपमान से जोड़ दिया है। भगवा दल विपक्ष की इस हरकत को जाट के अपमान से जोड़ दिया। यानी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष ने सत्ता पक्ष को बैठे बिठाए मुद्दा दे दिया है।

अभी तक डाल-डाल पर चल रहे विपक्ष को अब सत्तारूढ़ बीजेपी पात-पात वाली राजनीति बता रही है। यानी आपकी गलती से हम अपना आगे का रास्ता बनाएंगे। दरअसल, बीजेपी विपक्ष की हर चूक को लपककर आगे बढ़ती है जो उसे सियासी तौर पर फायदा पहुंचाता हो। राज्यसभा में तो आज केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ-साफ इसे उपराष्ट्रपति कि प्रतिष्ठा से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि कल हमने देखा कैसे एक दूसरे सदन के सदस्य आपके संविधान पद को अपमानित किया है। उस सदन के सदस्य हैं राहुल गांधी, पूरा संविधान पद और आपका अपमान किया है, हम इसकी निंदा करते हैं, किसी वर्ग और समाज को अपमानित करना सही नहीं है।


समझिए बीजेपी की रणनीति

दरअसल, बीजेपी ने उपराष्ट्रपति की मिमिक्री को जाति से जोड़कर बड़ा दांव चल दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश में ओबीसी जनगणना की मांग कर रहे हैं। इसी मुद्दे पर कांग्रेस ने राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। लेकिन पार्टी इन तीनों राज्यों में हार गई। कांग्रेस इस मुद्दे को उठाकर बीजेपी के ओबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में थी। लेकिन पार्टी को इसका फायदा नहीं हुआ। उधर, बीजेपी उपराष्ट्रपति के अपमान को ओबीसी से जोड़कर अपने वोटर को बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। 2024 के चुनाव में पार्टी जब उतरेगी तो उसे अपने इन वोटर्स से फिर एकबार मजबूत साथ की उम्मीद होगी।
पीएम मोदी के अपमान को भी लाई

बीजेपी इसके अलावा अपने सबसे बड़ी ताकत पीएम नरेंद्र मोदी को भी इस मुद्दे में ले आई। जोशी ने राज्यसभा में कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि ये इस हद तक गए हों। उन्होंने कहा कि ये बार-बार संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को अपमानित किया है। पीएम नरेंद्र मोदी को 20 साल तक अपमानित किया। चूंकि वो गरीब तबके से आते थे, ओबीसी थे इसलिए वो ऐसा करते थे। यही नहीं, पीएम बनने के बाद भी उनको अपमानित किया गया। इन्होंने राष्ट्रपति को अपमानित किया क्योंकि वो अनुसूचित जनजाति की हैं। जोशी ने कहा कि किसान पुत्र और जाट समाज का भी अपमान किया गया है। विपक्ष उपराष्ट्रपति का अपमान कर रहा है। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। संविधान का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। बीजेपी को ये अच्छे से पता है कि 24 के चुनाव में पीएम मोदी का चेहरा विपक्ष पर भारी पड़ने वाला है। विपक्ष के पास मोदी की टक्कर का अभी कोई चेहरा नहीं है। पीएम मोदी के अपमान के मुद्दे को सामने लाकर पार्टी अपने वोटर्स की गोलबंदी को और मजबूत करना चाहती है।

विपक्ष भी बैकफुट पर

कल्याण बनर्जी के बयान की मिमिक्री के बाद विपक्ष भी बैकफुट पर है। खुद बनर्जी ने कहा उनका मकसद किसी की आहत करना नहीं था। वो मिमिक्री को आर्ट से जोड़ रहे हैं। पर बड़ा सवाल है ये है कि किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की संसद भवन के अंदर ही मिमिक्री करने की जरूरत ही क्या थी। जो बात विपक्ष अभी कह रहा है, वो उस वक्त भी कर सकता था जब बनर्जी ये हरकत कर रहे थे। सबसे बड़ी बात ये है कि विपक्ष के नेता बैठे-बिठाए बीजेपी को ऐसा मुद्दा दे देते हैं जिसके बाद वो बैकफुट पर आ जाते हैं। मिमिक्री हथियार के जरिए अब बीजेपी 24 का चक्रव्यूह बनाएगी। फिलहाल विपक्ष को इसकी काट खोजनी होगी।

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