जयपुर: दो महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों के चयन की कवायद शुरू कर दी है। प्रत्याशियों के चयन के लिए 22 फरवरी को दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व की एक बैठक हो चुकी है। आगामी एक दो दिन में पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक और बैठक होने वाली है। इस बार भाजपा आधे से ज्यादा प्रत्याशी बदलने के मूड में है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी 6 प्रत्याशी बदल गए थे और नागौर सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ गठबंधन किया था। इस बार भाजपा किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करने वाली है। सभी 25 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा को दो बार मोदी के नाम पर मिली सभी 25 सीटें
प्रत्याशियों के चयन को लेकर भाजपा हर बार चौंकाती रही है। चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव। प्रत्याशियों का चयन केंद्रीय नेतृत्व अपने विवेक से लेता है। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राजस्थान की सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सब जानते हैं कि बीजेपी प्रत्याशियों की जीत की सबसे बड़ी वजह नरेंद्र मोदी का नाम ही रहा। दोनों ही बार मोदी लहर रही और बीजेपी के प्रत्याशियों की जीत हुई।
आधे से ज्यादा प्रत्याशी बदलेगी भाजपा
पिछले चुनाव में बीजेपी ने 6 सीटों पर प्रत्याशी बदले थे। इस बार आधे से ज्यादा यानी करीब 15 सीटों पर प्रत्याशी बदलने जाने की संभावना है। इसका एक कारण यह है कि पार्टी ने इस बार 6 लोकसभा सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा था। विधानसभा चुनाव जीतने वाले तीन सांसद अब विधायक बन चुके हैं। ऐसे में इन 3 सीटों पर प्रत्याशी बदलना तय है। जो 3 सांसद लोकसभा चुनाव में हार गए थे। पार्टी उन्हें भी लोकसभा चुनाव में उतारने के मूड में नहीं है। दूसरा कारण यह है कि कई सांसदों को बीजेपी तीसरी बार रिपीट करने के मूड में बिल्कुल नहीं है।
जानिए किन सीटों पर बदले जा सकते हैं प्रत्याशी
जिन सीटों पर प्रत्याशी बदले जाने हैं। उनमें जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, राजसमंद, अलवर, अजमेर, जालोर सिरोही, झुंझुनूं, टोंक सवाई माधोपुर, करौली धौलपुर, उदयपुर, श्रीगंगानगर हनुमानगढ, भीलवाड़ा, दौसा और डूंगरपुर बांसवाड़ा शामिल बताई जा रही है। इन सीटों में पार्टी नए प्रत्याशियों को अवसर देगी। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले महेंद्रजीत सिंह मालवीय को पार्टी लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। साथ ही ऐसी चर्चाएं है कि कुछ और नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले हैं। पार्टी में आने वाले ऐसे नेताओं को भी लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है।