लोकसभा चुनाव 2024 में इंदौर लोकसभा सीट की चर्चा मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में की जा रही है। इंदौर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेकर भाजपा ज्वाइन करने के बाद कांग्रेस ने क्षेत्र के नागरिकों से NOTA पर वोट करे की अपील कर दी है। इसे लेकर शहरभर के कई वाहनों और गली नुक्कड़ों पर बैनर – पोस्टर भी लगवाए गए। वहीं, दूसरी तरफ शहर के भाजपाई इन पोस्टरों को शहरभर में घूम-घूमकर फाड़ने में जुटे हुए हैं।
इसी कड़ी में इंदौर में कांग्रेस पार्टी ने ‘वोट फॉर नोटा’ अभियान को लेकर एक ऑटो के पीछे पोस्टर चिपकाया था। इसे बीजेपी नेताओं ने फाड़ दिया। इसका एक वीडियो कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया शेयर भी किया गया है। साथ ही, लिखा गया है कि ‘भाजपा नेता क्यों घबरा गए हैं ? NOTA से सब मिलकर इंदौर में जनता की आवाज को दबाने में लगे हैं। निर्वाचन आयोग जनता को दिए गए अधिकार को खत्म कर रही है। जनता जाग चुकी है, नोटा दबा कर रहेगी।’
वायरल हो रहा ये वीडियो
मध्य प्रदेश कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल का कहना है कि पहले कांग्रेस प्रत्याशी का हरण किया। लोकतंत्र की हत्या की। अब इंदौर की जनता को संवैधानिक अधिकार नोटा दबाने का मन बना चुका है, तो फिर आम जनता को अपने मत का अधिकार का उपयोग करने से रोकने की खुली मुहिम चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि, भाजपा ने मान लिया है कि इंदौर में नोटा ही नंबर-1 आएगा। इसलिए क्या इंदौर जैसे शहर में इस बार चुनाव में जनता को मतदान केंद्र तक भी भाजपाई पहुंचने देंगे की नहीं ? जनता के अधिकार की हत्या मत करो। अपने प्रत्याशी के काम के आधार पर वोट मांगने की ताकत भाजपा खो चुकी है। मोदी मैजिक भी गायब हो चुका है। इसलिए भाजपा डरी हुई है।
आखिर क्यों यहां हो रहा NOTA का समर्थन
इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने 29 अप्रैल को अपना नामांकन फॉर्म वापस ले लिया। अक्षय बम विधायक रमेश मेंदोला के साथ फॉर्म वापस देने आए थे। इसके कुछ देर बाद ही वो भाजपा में शामिल भी हो गए। तभी से इंदौर लोकसभा सीट पर सियासी घमासाम मचा हुआ है।
इंदौर में 13 मई को मतदान
इंदौर लोकसभा सीट पर 13 मई को लोकसभा के चौथे और मध्य प्रदेश के अंतिम चरण में मतदान होना है। बीजेपी ने इस सीट से जहां शंकर लालवानी को टिकट दिया है। वहीं अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस से कोई प्रत्याशी वहां नहीं है। अक्षय के साथ 23 में से 9 उम्मीदवारों ने भी अपने नामांकन वापस ले लिए थे, जिसके बाद अब सिर्फ इस सीट पर 14 उम्मीदवार ही अपनी अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में हैं।