राममंदिर वाली अयोध्या में भाजपा की हार की गूंज देश के साथ ही पूरी दुनिया में है। रामभक्त लोकसभा चुनाव में आए नतीजे से अवाक हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि ऐसा भी हो सकता है। ऐसे में वे रामनगरी में रहने वाले अपने रिश्तेदारों और मित्रों को फोन पर उलाहना दे रहे हैं। चुनाव परिणाम आने के तीन दिन बाद भी यह दौर जारी है। सोशल मीडिया पर तो खैर अयोध्यावासियों पर तंज कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।रामभक्त लोकसभा चुनाव में आए नतीजे से अवाक हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि ऐसा भी हो सकता है। ऐसे में वे रामनगरी में रहने वाले अपने रिश्तेदारों और मित्रों को फोन पर उलाहना दे रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही अयोध्यावासी कशमकश में हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले उनके रिश्तेदार, मित्र और अन्य संपर्की रोज फोन करके अलग-अलग तरह के सवाल पूछ रहे हैं। सबका लब्बोलुआब एक ही है कि आखिर ऐसा हो कैसे गया? वह भी जब 500 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद भाजपा के ही राज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नव्य और भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई हो।
सदर बाजार निवासी अजय साहू बताते हैं कि अयोध्या में भाजपा की हार के बाद से ही उनके दोस्तों के फोन आने शुरू हो गए। सभी ने जमकर कोसा और सब यही कहते रहे कि कैसे लोग हो जो राम को लाने वालों के भी नहीं हुए। वाराणसी के रहने वाले उनके मित्र संदीप ने कहा कि अयोध्यावासी उनके भी नहीं हुए, जिनके प्रयासों से इतना कुछ मिला। गुस्साए लखनऊ के मनीष अरोड़ा ने कहा कि इस नतीजे से पूरे देश के रामभक्त शर्मिंदा हैं।
इसी तरह कंधारी बाजार की सुप्रिया ने बताया कि वाराणसी से उनके ससुर का फोन आया। सबसे पहले पूछा ऐसा कैसे हो गया…! इसके बाद फिर खुद ही बोले तुम लोगों ने बहुत निराश किया। कानपुर की रहने वाली बचपन की सहेली पूनम ग्रोवर ने उनसे कहा कि यार सोचा था राममंदिर बनने के बाद अयोध्या में इतना विकास हुआ, सौगातें मिलीं, चुनाव नतीजे में इसकी झलक रिकॉर्ड अंतर से भाजपा की जीत से दिखेगी लेकिन, यह तो उल्टा ही हो गया।
यह तो सिर्फ कुछ लोगों से हुए संवाद की बानगी भर है। अयोध्या में रहने वाले ज्यादातर लोग इन दिनों ऐसे ही चुभते हुए सवालों का सामना कर रहे हैं। अपने-अपने तरह से समझाने की कोशिश भी।
सोशल मीडिया पर भी नहीं थम रही जुबानी जंग
अयोध्या में भाजपा की हार को लेकर सोशल मीडिया पर शुरू हुई जुबानी जंग भी नहीं थम रही। कोई वीडियो और रील डालकर तो कोई संदेशों के माध्यम से अयोध्यावासियों पर कटाक्ष कर रहा है। एक खेमा लानत-मलानत कर रहा तो दूसरी तरफ का मोर्चा संभालने वाले इस पर सफाई देते हुए अपने बचाव में तर्क दे रहे हैं। उदाहरण के तौर पर एक संत का वीडियो पिछले दो दिनों से वायरल हो रहा है। इसमें वह रोते हुए कहते दिख रहे कि पूरे भारत में भाजपा हार जाती तो कोई बात नहीं थी। अयोध्या जीतती तो पूरी दुनिया जय श्रीराम कहती। आज लग रहा कि अयोध्या वासियों ने फिर से वो त्रेता लौटा दिया, जब मां सीता और प्रभु श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास कर दिया गया था।
दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु भी पूछ रहे सवाल
अयोध्या धाम में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु भी यहां के दुकानदारों और पुजारियों से सवाल कर रहे हैं कि ऐसा कैसे हो गया। होटल व्यवसायी अनूप गुप्त ने बताया कि पिछले दो दिनों से वे परेशान हैं। यहां जो भी पर्यटक आ रहे, सबसे पहले चुनावी नतीजे पर ही चर्चा कर रहे हैं। जवाब देते-देते थक गए हैं। रेस्टोरेंट संचालक अचल ने भी ऐसा ही अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले खाने का ऑर्डर बाद में देते हैं, पहले पूछते हैं कि जिसने राममंदिर बनवाया, यहां के लोगों ने उन्हें हरा क्यों दिया? दुनियाभर में अयोध्या का नाम बदनाम हुआ। इससे आहत तो अयोध्यावासी भी हैं। रामनगर की रहने वाली मीना सधवानी ने लिखा कि अयोध्यावालों ने पूरे देश में अपना नाम खराब कर लिया।