इंदौर : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक ऐसा ब्ल्ड कॉल सेंटर है, जो आपको कहीं भी, कभी भी ब्लड उपलब्ध करवाता है. आप इस नंबर 9200250000 पर कॉल करके मदद ले सकते हैं. इस कॉल सेंटर के पास करीब चार लाख लोगों का डाटा है, जो हर वक्त समाज सेवा के लिए तत्पर रहते हैं. वर्ल्ड ब्लड डोनेशन डे पर आईए जानते हैं कैसा है ये कॉल सेंटर, क्या है खासियत.
जरूरतमंद मरीजों को रक्त उपलब्ध कराने के लिए समर्पित ब्लड ऑन कॉल सेंटर ने अपने सफल चार वर्ष पूरे कर लिए। इस अवसर पर शहीद ऊधम सिंह संवेदना सेवा समिति और गोल्ड कॉइन सेवा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में अभिनव कला समाज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में परमिंदर सिंह भाटिया, डॉ. रामू ठाकुर, नंदकिशोर व्यास और देबज्योति डे शामिल थे। उन्होंने ब्लड ऑन कॉल सेंटर की सराहना करते हुए इसे रक्तदान के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल बताया।
समाजसेवी संगठनों की बड़ी भागीदारी।
कार्यक्रम में 50 से अधिक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिन्होंने ब्लड ऑन कॉल सेंटर की टीम को शुभकामनाएँ दीं और उनके सतत प्रयासों की सराहना की। वक्ताओं ने कहा कि यह सेवा जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है, जिससे हजारों लोगों को समय पर रक्त उपलब्ध हो पाया है।
इस मौके पर शहीद ऊधम सिंह संवेदना सेवा समिति के अध्यक्ष जगप्रीत सिंह टुटेजा और गोल्ड कॉइन सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने संस्था की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन पुष्कर सोनी ने किया।
सेवा का विस्तार और भविष्य की योजनाएँ।
ब्लड ऑन कॉल सेंटर के संचालकों ने ऐलान किया कि आने वाले समय में सेवा का विस्तार किया जाएगा, ताकि रक्त की आवश्यकता वाले प्रत्येक व्यक्ति तक और तेजी से मदद पहुँच सके। साथ ही, रक्तदान जागरूकता अभियान को और मजबूत करने की योजना भी बनाई गई है।
कार्यक्रम के दौरान रक्तदान में विशेष योगदान देने वाली संस्थाओं को सम्मानित किया गया। अतिथियों ने रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “रक्तदान सबसे बड़ा दान है और हर व्यक्ति को इस पुनीत कार्य में भाग लेना चाहिए।”
जागरूकता और प्रतिबद्धता का संकल्प।
कार्यक्रम का समापन रक्तदान जागरूकता अभियान की प्रतिबद्धता और सामाजिक संगठनों के सहयोग के संकल्प के साथ हुआ। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने ब्लड ऑन कॉल सेंटर के इस महत्वपूर्ण प्रयास को जन-जन तक पहुँचाने और अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान से जोड़ने की अपील की।
यह कॉल सेंटर चलाते हैं इंदौर के अशोक नायक. ये नाम से भी नायक हैं और काम से भी. अशोक नायक 2007 से पहले परिवार के साथ दर्जी का काम करते थे. लेकिन, धीरे-धीरे वह लोगों की मदद के लिए आगे बढ़े और जरूरत मंदों के लिए ब्लड का बंदोबस्त करवाने लगे. चूंकि खून का कोई कारखाना नहीं होता, मरीज को चिकित्स्कों की सलाह पर ही ब्लड देना पड़ता है. और ऐसे में डोनर को ढूंढने में किल्लत होती थी. इन सभी के बीच की कड़ी बन गए अशोक नायक.
ये है मन के बदलाव की कहानी
अशोक नायक के मन के बदलाव की भी एक कहानी है. दरअसल, 2007 में वे परिवार के सदस्य को बीमार हालत में MY हॉस्पिटल लेकर गए थे. चूंकि नायक ही अपने परिवार के ऐसे सदस्य थे, जिन्हें घर की गाड़ी लूना चलानी आती थी. इसलिए जब भी कोई बीमार होता तो वे ही उसे अस्पताल लेकर जाते थे. अशोक ने बताया कि MY अस्पताल में उन्होंने एक महिला को रोते देखा और उसकी वजह पूछी. महिला ने बताया कि उसके मरीज के लिए उसे खून की जरूरत है. लेकिन, खून नहीं मिल पा रहा. अशोक नायक ने महिला के परिजन के लिए ब्लड डोनेट किया. इसके बाद से शुरू हुआ ब्लड अरेंजमेंट का सिलसिला. घर आकर जब नायक ने रक्तदान की बात बताई तो कुछ लोगो ने उनके इस कदम की तारीफ की. इससे उनका हौंसला बढ़ गया.
अशोक नायक ने सोचा कि जब एक महिला की मदद करके इतनी खुशी मिल रही है, तो कई परेशान लोगों की मदद करके कितनी खुशी होगी. धीरे-धीरे उन्होंने अपने साथियों को ब्लड डोनेशन के लिए प्रेरित किया. इसके बाद नायक ने अपना मोबाइल नंबर शहर के अस्पतालों में बांट दिया. कुछ लोग उनसे सम्पर्क करने लगे. इस दौरान नायक लोगों को तैयार करने के लिए दिनभर अस्पतालों में दौड़ते रहते. कहते हैं जब अच्छा काम करो तो परेशानी आती ही है. इसी तरह अब अशोक नायक के सामने समस्या खड़ी हो गई पैसे गई. लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और दस फीसदी ब्याज पर बाजार से पैसे ले लिए. इसका उद्देश्य था कि ब्लड डोनर को इंतजार न करना पड़े और डोनर जल्द से जल्द मिल जाए.
देश-प्रदेश में बना लिया नेटवर्क
नायक ने धीरे-धीरे इंदौर ही नहीं देश-प्रदेश के विभिन्न शहरो में भी अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया. इस बीच नायक को शासन की तरफ से (रेड क्रॉस से मदद के तौर पर) गंगवाल बस स्टेण्ड क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल के पास एक भवन मिल गया. यहां नायक ने कॉल सेंटर संचालित करना शुरू कर दिया और एक विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से लगातार मॉनिटरिंग करना शुरू कर दिया. नायक के जज्बे में लोग धीरे धीरे जुड़ते चले गए. आज नायक के कॉल सेंटर में लगभग चार लाख लोगों का डेटा मौजूद है, जो रक्तदान के लिए सहमति प्राप्त कर चुके हैं.
शासन और जनता कर रहे मदद
जिस शहर से भी लोग नायक के कॉल सेंटर पर कॉल करते हैं, वे हॉस्पिटल के पास ही मौजूद ब्लड डोनर को ढूंढकर खून की व्यवस्था कर देते हैं. अब उनकी मदद के लिए शासन और जनता भी आगे आ गए हैं. ब्लड डोनर को पिक-ड्रॉप करने के लिए लोगों ने कार मुहैया करा दी. अशोक नायक को उम्मीद है कि उनके कॉल सेंटर को एक और वाहन मिलना चाहिए, क्योंकि शहर बहुत बड़ा है. उन्हें स्टाफ भी बढ़ने की उम्मीद है.
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