अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

बीपीएससी छात्रों का आंदोलन बिहार की सियासत के केंद्र में 

Share

अनिल अंशुमन

“लाठी खाए बच्चा, प्रगति-यात्रा पर चच्चा” नारे लिखे पोस्टर लिए बीपीएससी परीक्षा अभ्यर्थी छात्रों का आंदोलन बदस्तूर जारी है। जो अपने कैरियर के साथ सरकार और आयोग द्वारा किये जा रहे खिलवाड़ के ख़िलाफ़ पुलिस का लाठी-दमन-मुक़दमा झेलते हुए भी ‘न्याय के लिए’ आंदोलन में डटे हुए हैं। जिसे अनसुना करके राज्य के मुख्यमंत्री जी चुप्पी साधकर अपनी चुनावी “प्रगति यात्रा” में खुद को व्यस्त किये हुए हैं।

गौरतलब है कि बीपीएससी 70 वीं परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर बिहार के छात्र अभ्यर्थी विगत 17 दिनों से लगातार आंदोलनरत हैं। जिनपर अब तक कई बार पुलिस लाठीचार्ज हो चुका है। आंदोलन में सक्रिय कई छात्रों पर फर्जी मुकदमे थोपकर उन्हें गिरफ्तार करने की कवायद की जा रही है। जिससे मामला इस क़दर सरगर्म हो चुका है कि अब यह आंदोलन न सिर्फ प्रदेश की सियासत के केंद्र में आ गया है, बल्कि धीरे-धीरे एक व्यापक स्वरूप लेता जा रहा है। 

प्रदेश के सभी वामपंथी छात्र-युवा संगठनों (AISA-RYA, AISF, SFI-DYFI इत्यादि) के साथ साथ अन्य कई अन्य संगठनों के भी छात्र-युवा आंदोलनकारी बीपीएससी अभ्यर्थी छात्रों के समर्थन व उनपर हो रहे पुलिस दमन के विरोध में में सड़कों पर ‘आमने-सामने’ के विरोध-मुकाबले में उतर गए हैं। वहीं, वाम दलों (भाकपा माले,सीपीआई-सीपीएम) के अलावा कांग्रेस समेत विपक्ष के कई सांसद-विधायकों ने भी छात्रों पर “भाजपा-जदयू सरकार” द्वारा किये जा रहे पुलिस-दमन के विरोध में अपना मोर्चा खोल दिया है। फलतः इन सबों के ख़िलाफ़ भी संगीन धाराओं वाले फर्जी मुक़दमे थोप दिए गए हैं।   

व्यापक विरोध का एक नज़ारा 3 जनवरी को राजधानी की सड़कों पर स्पष्ट दिखा। वामपंथी छात्र-युवा संगठनों समेत कई अन्य छात्र संगठनों के सैकड़ों एक्टिविस्टों ने बीपीएससी की 70वीं परीक्षा (पीटी) में हुई गड़बड़ियों-धांधलियों के ख़िलाफ़ सड़कों पर अपना तीखा रोष प्रदर्शित किया। इसके माध्यम से ये मांग उठायी कि- ली गयी परीक्षा फ़ौरन रद्द कर फिर से परीक्षा ली जाए, पेपर लीक-परीक्षा माफिया तंत्र को ख़त्म करो व सख्त कानून बनाओ, अभ्यर्थियों पर सारे फ़र्ज़ी मुकदमों को अविलम्ब वापस लो, अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज के दोषियों को दण्डित करो तथा बीपीएससी द्वारा छात्रों के भविष्य से किये जा रहे सुनियोजित खिलाड़ से क्षुब्ध होकर जान देने वाले अभ्यर्थी छात्र सोनू कुमार को न्याय दो व उनके परिजनों को 5 करोड़ रुपये मुआवजा दो!

बीपीएससी की 70वीं परीक्षा को नए सिरे व पारदर्शी तरीके से लेने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण ढंग आंदोलन कर रहे अभ्यर्थी छात्र-छात्राओं पर विगत 29 दिसंबर को हुए बर्बर पुलिस दमन ने पुरे राज्य में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है। क्योंकि सोशल मिडिया में जारी सैकड़ों वीडियो फुटेज में ये साफ़ साफ़ दिखा कि किस तरीके से न्याय की गुहार लगा रहे बीपीएससी अभ्यर्थी छात्र-छात्राएं जब गाँधी मैदान से सटे ‘जेपी गोलंबर’ के पास शांतिपूर्ण ढंग से धरन-प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं तो बिना किसी पूर्व सूचना के भीषण ठंड में भी उनपर पुलिस ने “वाटर कैनन वाहनों” से पानी की बौछार करते हुए बर्बर लाठीचार्ज किया। निहत्थे छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर व घसीट-घसीटकर बुरी तरह से पीटा गया। घायल छात्र-छात्राओं से हर तरह का दुर्व्यवहार किया गया। 

इसी के ख़िलाफ़ 3 जनवरी को ‘मुख्यमंत्री घेराव’ की घोषणा हुई थी। जिसके लिए सैकड़ों छात्र-युवाओं का जुटान जब पटना स्थित गांधी मैदान से अपना ‘विरोध-मार्च’ निकालकर आगे बढ़ने लगा तो पहले से ही लगाकर रखे गए बैरिकेड से पुलिस ने रोकना चाहा। जिसे आक्रोशित छात्र-युवाओं के हुजूम ने तोड़ दिया और सरकार-पुलिस विरोधी नारे लगाते हुए आगे बढ़ गए। बाद में पुलिस छावनी में बदले दिए गये डाक बँगला चौराहा पर जुलुस के पहुँचने पर फिर से पुलिस द्वारा फिर से रोके जाने पर सारे प्रदर्शनकारी वहीं सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शित करने लगे। 

इसी दौरान आंदोलनकारी छात्रों के समर्थन में भाकपा माले समेत कांग्रेस व सीपीएम-सीपीआई के भी विधायक गण ‘घेराव-मार्च’ में आकर शामिल हो गए। आंदोलनकारी छात्र-युवाओं की मांगों का समर्थन करते हुए- ‘बीपीएससी चेयरमैन को तत्काल बर्खास्त करो’, पुलिस लाठी चार्ज के दोषियों को दण्डित करो व ‘मुख्यमंत्री चुप्पी तोड़ो’ के नारे लगाते हुए डाकबंगला चौराहे पर ‘छात्र-युवाओं’ के प्रतिरोध-सभा को संबोधित किया।

जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे व वर्तमान में भाकपा माले पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने सरकार और बीपीएससी प्रशासन पर पर स्पष्ट आरोप लगाते हुए कहा कि- अभ्यर्थियों ने जो सबूत आयोग को दिए हैं, जो सोशल मीडिया में भी ज़ोरों से वायरल हैं, वो परीक्षा रद्द करवाने के लिए पर्याप्त हैं। लेकिन तब भी सरकार परीक्षा रद्द नहीं कर रही है तो यकीनन “चोर की दाढ़ी में तिनका है” वाला मामला है। निश्चित रूप से पूरे सुनियोजित ढंग से धांधली की गयी है। चूँकि परीक्षा के रद्द करने पर जांच की भी बात होगी ही। इसलिए जांच से सभी बचना चाहते हैं। अपने भ्रष्टाचार-गलतियों को ढंकने के लिए ही परीक्षा को रद्द नहीं किया जा रहा है। बदले में सोनू कुमार जैसे छात्रों क शहीद करवा रहे हैं।

बात बात पर छात्र-युवों की भलाई का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा और उसके मंत्री-नेताओं की असलियत भी खुलकर सामने आ रही है कि आज 17 दिन हो गए आंदोलन के, लेकिन इनके पास छात्रों के लिए 17 सेकेण्ड भी नहीं है कि वे आकर इनकी बात सुनें।         

परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थी छात्रों पर लाठियां बरसानेवाले पुलिसवालों का शातिर समूह इस नैरेटिव को फैलाने में लगा हुआ है कि- सड़कों पर धरना-विरोध करनेवाले पढ़ने-लिखने वाले छात्र नहीं हैं। साथ ही रोज-रोज यह भी मिथ्या प्रचार कर रहे हैं कि- उन्हें “पेपर-लीक व धांधली के पुख्ता सबूत चाहिए।                                                  

उस पर से आलम ये है कि छात्र-आंदोलन से ही चर्चित राजनेता बने राज्य के माननीय मुख्यमंत्री लागातर चुप हैं। तो उनके “स्वयंभू स्थानापन्न प्रवक्ता” बनाकर भाजपा कोटे से राज्य सरकार के उप मुख्यमंत्री-मंत्री बने नेताओं द्वारा मनमाने ढंग से लगातार दिए जा रहे बेतुके-झूठे बयानों से स्थिति कहीं भी “नियंत्रण” में नज़र नहीं आ रही है। उसपर से बीपीएससी के चेयरमैन के “हठधर्मितापूर्ण”  बयानों से ये साफ़ लगने लगा है कि “दाल में सिर्फ काला” नहीं है बल्कि पूरी “दाल ही काली” है। 

बहरहाल, छात्रों पर हुई पुलिस बर्बरता को लेकर इसके खिलाफ प्रदेश के लोकतंत्रपसंद नागरिक समाज में भी काफी क्षोभ है। देखना है कि भ्रष्टाचार को लेकर “जीरो टालरेंस और न्यायपूर्ण विकास” का ढिंढोरा पीटने वाले मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी कब अपनी चुप्पी तोड़ते है?  

Add comment

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें