सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को विशिष्ट बॉन्ड संख्याओं समेत चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारियों का 21 मार्च तक खुलासा करने का निर्देश दिया। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।केजरीवाल जल बोर्ड से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी के सामने पेश नहीं हुए,कोलकाता में निर्माणाधीन इमारत ढहने से दो लोगों की मौत, ममता ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया,‘शक्ति’ के लिए जान की बाजी लगा दूंगा: प्रधानमंत्री मोदी, सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका खारिज की, तुरंत सरेंडर करने को कहा।
तालिबान ने अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हवाई हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। तालिबान की सेनाओं ने डूरंड रेखा के पास स्थित पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को ध्वस्त कर दिया। अफगान मीडिया ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से हमले की पुष्टि की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगान रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की आक्रमकता का जवाब देते हुए तालिबान के सीमा बल ने भारी हथियारों के साथ पाकिस्तानी सैन्य केंद्रों को निशाना बनाया है। अफगानिस्तान का रक्षा बल किसी भी आक्रमक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार है। हम हर परिस्थिति में अपनी अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करेंगे।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में घुसकर की थी एयरस्ट्राइक
दरअसल, सोमवार सुबह सात बजे डूरंड रेखा पर तालिबान और पाकिस्तानी सीमा सुरक्षा बलों के बीच झड़प हो गई थी। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से रॉकेट हमले किए गए। इस वजह से अफगानिस्तान के दंडपाटन इलाके के लोगों को अपने घर खाली करने पड़ गए। इसके बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के खोस्त और पक्तिका प्रांतों में हवाई हमले किए, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। अफगानी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने एक बार फिर अफगान क्षेत्र में प्रवेश किया। उन्होंने पक्तिका प्रांत के बरमेल जिले और खोस्त प्रांत के सेपेरा जिले में बमबारी की। रहवासी इलाकों में हुए पाकिस्तानी हमलों के कारण महिलाओं और बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो गई।
तालिबान ने पाकिस्तान को धमकाया
तालिबान ने हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी हवाई हमले अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं होगा। इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके अलावा, तालिबान के उपप्रवक्ता हमदुल्ला फितरत ने कहा कि अफगानिस्तान का इस्लामिक अमीरात इन हमलों की कड़ी निंदा करता है।
पाकिस्तान ने कहा- हमने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की
हालांकि, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि उन्होंने अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी अभियान को अंजाम दिया है। अभियान का उद्देश्य हाफिज गुल बहादुर समूह के आतंकवादियों का विनाश था। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ-साथ हाफिज गुल बहादुर समूह भी पाकिस्तान के अंदर हुए कई आतंकी हमलों का जिम्मेदार था। दोनों प्रतिबंधित संगठनों के कारण पाकिस्तान के सैकड़ों नागरिकों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों की मौत हुई है। शनिवार को ही उत्तरी वजीरिस्तान के मीर अली में स्थित एक सुरक्षा चौकी पर हमला किया गया था, जिसमें सात पाकिस्तानी सैनिकों की जान चली गई थी।
बंगलूरू में अजान के दौरान दुकानदार को हनुमान चालीसा बजाने पर पीटा, तीन गिरफ्तार
कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू में रविवार शाम अजान के दौरान तेज आवाज में भक्ति गीत बजाने पर कुछ लोगों ने एक दुकानदार को पीट दिया। घटना हलासुरू गेट थाना क्षेत्र के सिद्धन्नागली की है। कहा जा रहा है कि आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय से थे और हनुमान चालीसा बजाने से खफा थे। पुलिस ने सोमवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि तीन फरार हैं।कहा जा रहा है कि आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय से थे और हनुमान चालीसा बजाने से खफा थे। पुलिस ने सोमवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि तीन फरार हैं।
पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित मुकेश ने कहा कि वह अपनी दुकान में भक्ति गीत बजा रहा था। तभी वहां छह-सात लोग आ धमके। उन्होंने कहा कि अभी हमारी अजान का समय है। इस समय भजन नहीं बजने चाहिए। वे उसके साथ मारपीट करने लगे और चाकू से हमले की धमकी भी दी।
भाजपा का कांग्रेस पर निशाना, बचे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
उधर, घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सियासत शुरू हो गई है। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या न पीड़ित से मुलाकात की और प्रदेश सरकार को चेताया कि सभी आरोपियों को मंगलवार तक गिरफ्तार नहीं किया तो वह आंदोलन करेंगे।
शरीयत कानून-बहुविवाह की वैधता पर फैसला करेगा सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित याचिका भी ट्रांसफर
सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत कानून, 1937 की वैधता को चुनौती देने वाली और आईपीसी की धारा 494 (बहुविवाह के लिए सजा) को शून्य करने की मांग से संबंधित इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष लंबित जनहित याचिका को अपने पास स्थानांतरित कर लिया।पिछले साल मार्च में हाईकोर्ट की एक पीठ ने हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया था। हालांकि, केंद्र ने इस आधार पर याचिका को स्थानांतरित करने की मांग की थी कि संविधान पीठ के मामले (अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ) में समान मुद्दे विचाराधीन हैं।
सोमवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ को बताया गया कि नोटिस जारी होने के बावजूद प्रतिवादी उपस्थित नहीं हुआ। यह देखते हुए कि उठाए गए मुद्दे मोटे तौर पर संविधान पीठ के समक्ष विचाराधीन हैं, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल याचिका को अपने पास स्थानांतरित कर दिया और इसे लंबित मामले के साथ जोड़ दिया।
संविधान पीठ पहले से कर रही कुछ याचिकाओं पर सुनवाई
पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि उपर्युक्त रिट याचिका में हाईकोर्ट के समक्ष जो मुद्दे उठाए गए हैं वे मोटे तौर पर 2018 की दायर एक रिट याचिका में शामिल है, जो संविधान पीठ के समक्ष विचाराधीन हैं। लिहाजा हम रिट याचिका को इस न्यायालय में स्थानांतरित करना उचित समझते हैं और 2018 की रिट याचिका के साथ जोड़ देते हैं। बहुविवाह और निकाह हलाला की सांविधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं का एक समूह सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष लंबित है। 2018 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने इन याचिकाओं को पांच जजों की पीठ को भेजा था।
बिलकिस बानो मामले में एक और दोषी पहुंचा सर्वोच्च अदालत,
बिलकिस बानो मामले में एक और दोषी ने सुप्रीम कोर्ट से अपने 8 जनवरी के फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया है। शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार की ओर से दोषी को सजा में मिली छूट को रद्द कर दिया था। दोषी ने यह तर्क दिया है कि अपराध की प्रकृति और न्याय के लिए समाज की पुकार के आधार पर सजा में छूट को चुनौती नहीं दी जा सकती। दोषी रमेश रूपाभाई चंदन की ओर से दायर समीक्षा याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई, 2022 को शीर्ष अदालत की एक अन्य पीठ की ओर से पारित आदेश और फैसले को खारिज करते हुए गलती की। 11 दोषियों में से दो ने पहले ही 8 जनवरी के फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दायर कर रखी है।
एआई और मशीन लर्निंग से अपनी क्षमता बढ़ाएगी भारतीय सेना, अनुसंधान-मूल्यांकन के लिए गठित की खास यूनिट
भारतीय सेना ने 6जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी भविष्य की संचार प्रौद्योगिकियों के सैन्य उपयोग पर अनुसंधान और मूल्यांकन के लिए एक खास यूनिट गठित की है। इसे सेना ने सिग्नल टेक्नोलॉजी इवैल्यूएशन एंड एडाप्टेशन ग्रुप (स्टेज) नाम दिया है।
एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत और स्टार्ट-अप इंडिया के सिद्धांतों को आत्मसात करते हुए सेना ने स्टेज के जरिये सशस्त्र बलों को उद्योग और शिक्षा जगत से जोड़ने का तरीका निकाला है।
दक्ष और उन्नत बनाने की जरूरत
सेना ने बताया कि स्टेज की स्थापना भविष्य के युद्धक्षेत्र को ध्यान में रखते हुए प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के सेना के प्रयासों का हिस्सा है। इसके जरिये सेना विशिष्ट प्रौद्योगिकी का उपयोग करने, अत्याधुनिक समाधानों का लाभ उठाने और शिक्षा व उद्योग के साथ सहयोग को बढ़ावा देकर रक्षा अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त मामलों की पहचान करने की क्षमता को बढ़ाएगी। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे युद्ध की बदलती प्रकृति के मद्देनजर रक्षा बलों को नई तकनीकों के लिहाज से दक्ष और उन्नत बनाने की जरूरत पर जोर डालते रहे हैं।
सशस्त्र बलों को उद्योग और शिक्षा जगत से जोड़ने का तरीका
वहीं, एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत और स्टार्ट-अप इंडिया के सिद्धांतों को आत्मसात करते हुए सेना ने स्टेज के जरिये सशस्त्र बलों को उद्योग और शिक्षा जगत से जोड़ने का तरीका निकाला है। यह एक तरह का उत्कृष्टता केंद्र होगा जो उच्च-स्तरीय संचार प्रौद्योगिकी के मामले में देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा। इस क्षेत्र में अब तक उन्नत अर्थव्यवस्थाओं और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र वाले चुनिंदा देशों का एकाधिकार रहा है।
थोड़ी कुर्बानियां सभी को देनी पड़ती हैं- चिराग पासवान
बिहार में सीट-बंटवारे की घोषणा पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि इस गठबंधन में मौजूद हमारे तमाम साथियों का मैं आभार प्रकट करता हूं, उन्होंने इस गठबंधन को मजबूती देने के लिए इतनी सहजता से सीटों का बंटवारा किया। जब कोई बड़ा गठबंधन बनता है तो हर दल को छोटे-मोटे समझौते करने पड़ते हैं, थोड़ी बहुत कुर्बानियां हर किसी को देनी पड़ती है। मुझे भी अपनी 1 सीट कम करनी पड़ी वे हमने सहजता से किया। JDU ने भी अपनी 1 सीट कम की। मांझी जी ने और हर किसी ने किया। भाजपा ने तो 2019 से ही कुर्बानी दी है।
चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने SBI को जमकर सुनाया
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर आनाकानी में एसबीआई को जमकर सुनाया है। शीर्ष अदालत ने एसबीआई को सारी जानकारी देने को कहा। सीबीआई ने दलील दी की कि उसकी छवि गलत बना जा रही है। हम हर जानकारी देने को तैयार हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SBI सारी जानकारी दे।
सत्येंद्र जैन की याचिका खारिज, अब जाना पड़ेगा जेल
सुप्रीम कोर्ट से सत्येंद्र जैन को झटका लगा है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पर जमानत याचिका की सुनवाई को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि सत्येंद्र जैन को सरेंडर करना होगा। इसके साथ ही तीनों सह आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है। इससे पहले सत्येंद्र जैन मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत पर बाहर थे। सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन के वकीलों ने एक सप्ताह का समय मांगा था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने इस समय को बढ़ाने से इनकार कर दिया। इससे पहले पिछले साल मई में उन्हें अंतरिम जमानत दी गई थी। सत्येंद्र जैन के वकीलों का कहना था कि अभी उनकी फिजियोथेरेपी चल रही है।
कोलकाता में 5 मंजिला इमारत गिरी, कई लोग फंसे
दक्षिण कोलकाता के मेटियाब्रुज में 5 मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिर गई है। हादसे के बाद 7 लोग मलबे में फंसे हुए हैं। वहीं, 5 लोगों को बाहर निकाल लिया गया है। अग्निशमन एवं आपदा प्रबंधन निदेशक अभिजीत पांडे ने बताया कि खोज एवं बचाव अभियान जारी है। अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। घटना के बारे में पश्चिम बंगाल के अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस ने कहा कि एक इमारत गिरी है, बचाव अभियान के तहत 13 लोगों को अभी निकाला गया है। मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका है।
रूस में पुतिन ने फिर जीता राष्ट्रपति चुनाव, 2030 तक बढ़ा कार्यकाल
पुतिन ने रूस के राष्ट्रपति का चुनाव फिर जीत लिया है। कोई ताकतवर प्रतिद्वंद्वी नहीं होने की वजह से एक तरफा मुकाबले में उन्हें जीत मिली। इसी के बाद पुतिन का कार्यकाल 2030 तक बढ़ गया है। रूस में ये पांचवीं बार है जब पुतिन का ‘राज’ आया।
गुजरात :अंतरराष्ट्रीय छवि, सभी धर्मों का आदर की क्यों उठ रही बात,
गुजरात के अहमदाबाद में यूनिवर्सिटी हॉस्टल में भीड़ घुसकर छात्रों को पीट देती है। भीड़ हॉस्टल के कमरों में घुसकर तोड़फोड़ करती है। घटना के पीछे तात्कालिक वजह छात्रों का नमाज पढ़ना या इसके पीछे कोई साजिश है। वजह जो भी है लेकिन इससे देश की अंतरराष्ट्रीय छवि से जुड़ी घटना है
अहमदाबाद में गुजरात यूनिवर्सिटी हॉस्टल में घुसकर जिस तरह स्थानीय निवासियों की भीड़ ने नमाज पढ़ रहे विदेशी छात्रों पर हमला किया, वह घटना तो गंभीर है ही, उससे निपटने के तरीकों से जुड़ी शुरुआती सूचनाएं भी कुछ सवाल खड़े करती हैं।
बुनियादी तथ्य : यह देश की अंतरराष्ट्रीय छवि से जुड़ी संवेदनशील घटना है। सबसे पहले घटना से जुड़े बुनियादी तथ्यों को समझने की जरूरत है। शुरुआती सूचनाओं के मुताबिक हमलावर भीड़ बाहर से आई थी। जिन विदेशी छात्रों पर हमला हुआ वे अपने कमरे से बाहर, लेकिन हॉस्टल परिसर के अंदर नमाज पढ़ रहे थे। भीड़ ने उन्हें रोकते हुए कहा कि नमाज पढ़ना है तो मस्जिद में जाएं। इसके बाद दोनों पक्षों में कहा-सुनी हुई और भीड़ ने कमरों में घुसकर तोड़फोड़ की।
तुरंत गिरफ्तारी : अच्छी बात है कि पुलिस ने कार्रवाई में तेजी दिखाई। दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और पुलिस का कहना है कि बाकी आरोपियों को भी जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले के मद्देनजर न सिर्फ राज्य के गृहमंत्री ने पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की बल्कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कदम उठाए।
घटना की पृष्ठभूमि : फिर भी कुछ बातें गौर करने की हैं। गुजरात यूनिवर्सिटी में स्टडी एब्रॉड प्रोग्रैम (SAP) 2005 से ही चल रहा है, लेकिन इस तरह की यह पहली घटना है। जैसा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन का भी कहना है कि ऐसी घटना रातों-रात नहीं हो सकती। निश्चित रूप से इसकी पृष्ठभूमि पहले से तैयार हो रही होगी। आगे ऐसी घटना फिर से न हो, इसके लिए उन हालात पर भी विचार करना जरूरी है, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं।
सही नजरिया जरूरी : इस तरह की जांच सही नजरिए के साथ किए जाने की जरूरत है, तभी सही नतीजे मिलेंगे। यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से मीडिया में आए कुछ बयानों में कहा गया है कि विदेशी छात्रों को सांस्कृतिक तौर पर ज्यादा संवेदनशील होने की जरूरत है। ऐसा बयान न सिर्फ अनावश्यक है बल्कि जांच की सही दिशा को लेकर भ्रम भी पैदा कर सकता है। ध्यान रहे, इस घटना में विदेशी छात्रों की तरफ से किसी तरह के उकसावे का कोई संकेत नहीं मिलता। यह सूचना भी महत्वपूर्ण है कि हॉस्टल परिसर में कोई मस्जिद नहीं है।
अति संवेदनशीलता : देश के अंदर कुछ हिस्सों में पिछले कुछ समय से धर्म को लेकर जिस तरह की असहिष्णुता और अति संवेदनशीलता दिख रही है, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पहली नजर में यह घटना उसी का एक उदाहरण लगती है।
सर्व धर्म, सम भाव : कानून व्यवस्था से जुड़ी एजेंसियों को तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के जरिए इस मामले को मिसाल के रूप में पेश करना ही चाहिए, राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं को भी अपने स्तर पर सक्रिय हस्तक्षेप के जरिए यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि समाज में सभी धर्मों का आदर करने की भावना कमजोर न हो।