नोएडा पुलिस ने यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता एल्विश यादव को गिरफ्तार किया।मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन की जमानत पर 18 मार्च को SC में सुनवाई,आइसलैंड में फिर फटा ज्वालामुखी, आसपास के इलाके खाली करने के निर्देशमुंबई में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का समापन आज, राहुल गांधी करेंगे पदयात्रा,पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष को पुलिस ने हिरासत में लिया, उधर भारत निर्वाचन आयोग ने अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की मतगणना कार्यक्रम को 4 जून से बदलकर 2 जून कर दिया है। वहीं NIA ने ISIS मॉड्यूल आतंकी मामले में पुणे में 4 अचल संपत्तियां कुर्क कीं।
आज दुनिया देखेगी बरसाना की लठामार होली, मथुरा की गलियों में अगले महीने तक छाया रहेगा उल्लास
बरसाना के श्रीलाडलीजी मंदिर में लड्डूमार होली हर्षोल्लास के साथ खेली गई। देश विदेश से पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने होली का अद्भुत आनंद लिया। बरसाना मंदिर परिसर में नंदगांव और बरसाना गोस्वामी समाज के लोगों ने समाज गायन किया। लठामार होली का निमंत्रण स्वीकार होने के बाद मंदिर परिसर में लड्डू बरसाए गए। सोमवार को बरसाना की रंगीली गलियों में लठामार होली खेली जाएगी।
होलाष्टक के साथ ही रविवार से ब्रज में होली की शुरुआत हो गई। श्रीलाडलीजी मंदिर में लड्डू होली के साथ गुलाल से आसमान सतरंगी हो उठा तो द्वारिकाधीश मंदिर में राजाधिराज ने अपनी पटरानी के साथ भक्तों पर चांदी की पिचकारी से रंग डाला। सोमवार को बरसाना की रंगीली गलियों में लठामार होली खेली जाएगी। पढ़िये तीन प्रमुख मंदिरों से होली का हाल…
श्रीलाडली जी मंदिर…बरसाना में उमड़े श्रद्धालुु
दो अप्रैल तक छाया रहेगा होली का उल्लास : 17 मार्च लड्डू होली बरसाना, 18 मार्च लठामार होली बरसाना, 19 मार्च लठामार होली नंदगांव व रावल, 20 मार्च जन्मस्थान, ठा. बांके बिहारी, 21 मार्च को गाेकुल में छड़ीमार होली, 24 मार्च फालैन, 25 मार्च धुल्हेड़ी, 26 मार्च बलदेव, गांव जाब, मुखराई, 27 मार्च बठैन, गिडोह, 31 मार्च महावन, दो अप्रैल रंगजी मंदिर।
द्वारिकाधीश मंदिर…यमुना के प्रतीकात्मक किनारे पर भक्तों संग भगवान की होली
पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के मंदिर द्वारिकाधीश में रविवार को राजाधिराज ने पटरानी के साथ रविवार को यमुना के प्रतीकात्मक किनारे पर बैठकर रजत पिचकारी से जमकर भक्तों पर रंग उड़ेला। मंदिर में पुजारी द्वारा उड़ाए जा रहे रंग और गुलाल में महिला, पुरुष और बच्चे लिपटे नजर आए। यह क्रम 25 मार्च तक प्रतिदिन सुबह राजभोग के दर्शनों में सुबह 10 बजे से 11 बजे तक चलेगा। 20 मार्च को ठाकुरजी कुंज में विराजमान होकर होली खेलेंगे।
राधावल्लभ मंदिर…400 साल पुरानी परंपरा निभाने के लिए 20 को निकलेंगे राधाकृष्ण
ठाकुर राधावल्लभ मंदिर की लगभग 400 साल पुरानी होली की परंपरा का का निर्वाह रंगभरनी एकादशी पर 20 मार्च को होगा। बड़े रासमंडल से प्रिया-प्रियतम राधाकृष्ण के स्वरूप निशानों के साथ अठखंभा पहुंचेंगे। यहां से बग्घी में विराजमान होकर राधाकृष्ण के स्वरूप सखियों के साथ नगर भ्रमण कर ब्रजवासियों को होली के लिए आमंत्रित करेंगे। इस सवारी के बाद से वृंदावन के मंदिरों में रंग की होली की शुरुआत हो जाएगी।
लड्डूमार होली के दौरान भगदड़, 17 श्रद्धालु घायल
बरसाना के लाडली जी मंदिर में रविवार को लड्डू मार होली के दौरान भीड़ के दबाव से मंदिर की सीढि़यों पर लगी रेलिंग टूट गई। इससे भगदड़ मच गई और 17 श्रद्धालु दबकर घायल हो गए। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। श्रद्धालुओं में ज्यादातर को हाथ-पैर और पीठ में चोट आई है। लड्डू होली का आनंद लेने के लिए देश-दुनिया से श्रद्धालु बरसाना पहुंचे थे। प्रशासन के अनुसार बरसाना में करीब 10 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। 20 क्विंटल से ज्यादा लड्ड भक्तों पर फेंके गए।
5,000 साल से बरसाना के बहनोई हैं नंदगांव के हुरियारे
बरसाना की सखियां रविवार को नंदगांव में होरी का न्योता देने गईं। उन्होंने बहनोई की तरह नंदगांव के हुरियारों का मान-सम्मान किया। मगर, जानकारी हैरानी होगी कि बिना शादी-संबंधों के पांच हजार साल से यह परंपरा निभाई जा रही है। बरसाना-नंदगांव के लोग आपस में अपने बेटे-बेटियों का विवाह नहीं करते हैं। ब्रज की इस अनोखी रीत को पांच हजार साल से सभी जाति-धर्मों के लोग निभा रहे हैं।
श्रीकृष्ण व ब्रज पर शोध कर रहे पीएचडी स्कॉलर महेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि सूरदास की पंक्तियां…”ऊधौ मन न भए दस-बीस, एक हुतो सो गयौ स्याम संग, कौ अराधे ईस”
ब्रजवासियों खासकर गोपियों के कान्हा के प्रति प्रेम को बताने के लिए काफी हैं। कृष्ण को अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाली गोपियों और उद्धव की बातचीत को लगभग पांच हजार साल से अधिक समय हो गया। परंतु बरसाने की छोरियों के विवाह आज भी नंदगांव में नहीं होते। नंदगांव के विश्व प्रसिद्ध नंदबाबा मंदिर में राधारानी के दर्शन घर की बहू के रूप में होते हैं। नंदबाबा, माता यशोदा, बलभद्र और रेवती जी से अलग राधारानी एक कोने में बहू की परंपरा का निर्वहन करती हैं।
होली जगत विख्यात…पर रिश्ता मंजूर नहीं
ये बात और है कि बरसाना और नंदगांव की होली विश्व विख्यात है, लेकिन इन दो गांवों में आज भी भौतिक जगत के संबंधों को इजाजत नहीं दी जाती। यह अनूठा रिश्ता पिछले पांच हजार सालों से बरकरार है। होली खेलने के दौरान दोनों गांवों के हुरियारे-हुरियारिनों के बीच खूब हंसी-ठिठोली होली होती है, लेकिन शादी संबंध कर सांसारिक रिश्तों में बंधना इन्हें मंजूर नहीं।
-राहुल दक्ष
ये पांच तरीके बनाएंगे बुढ़ापे को आरामदायक, लंबे समय तक करना होगा काम
पिछले सप्ताह मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी के कर्मचारियों के लिए आयोजित वित्तीय कल्याण कार्यशाला में था। 20 वर्ष के युवा दर्शक बेसब्री से किसी चमत्कार का इंतजार कर रहे थे, ताकि उनके पास जल्द ही ढेर सारा पैसा आ जाए। इसका अधिकतर संबंध शेयर बाजार में हालिया उछाल से था। इसलिए, मैंने उनसे किसी प्रोग्राम या एप्लिकेशन के लिए सॉफ्टवेयर कोड लिखने की प्रक्रिया के बारे में पूछा। उन्होंने पहले यह समझने की प्रक्रिया शुरू की कि ग्राहक को क्या चाहिए।अपनी सेवानिवृत्ति योजना को लेकर एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में सोचने की जरूरत है, जो छोटे, सरल और आसान कदमों से आपको मंजिल तक पहुंचने में मदद करेगी। योजना बनाने के इस नजरिये के साथ आप अपने किसी भी लक्ष्य को बाधित किए बिना ऐसे नतीजे पर पहुंच सकते हैं, जो आपके लिए बेहतर होगा।
मैंने उन्हें बताया कि सेवानिवृत्ति योजना इस प्रक्रिया से अलग नहीं है। इसके लिए आपको लंबे समय तक काम करने की जरूरत है। बेहतर सेवानिवृत्ति के लिए ये हैं पांच तरीके…
लक्ष्य हासिल करने के लिए बनाएं योजना
अगर यात्रा पर जा रहे हैं तो खुद से पूछें कि क्या आप इसके लिए तैयार हैं और लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करेंगे। जिस तरह किसी भी परियोजना के लिए एक योजना की जरूरत होती है उसी तरह सेवानिवृत्ति के लिए भी इसकी जरूरत होती है, जो कई दशक आगे हो सकती है। पहला कदम सचेत रूप से सेवानिवृत्ति के लिए बचत और निवेश को अलग-अलग रखना शुरू करना है। इसमें पीएफ या एनपीएस जैसी किसी भी अनिवार्य बचत के साथ पीपीएफ या ऐसे किसी अन्य साधन में भी योगदान करें। शुरुआत के बाद, हमेशा याद रखें कि जब तक आप रिटायर नहीं हो जाते, इसमें डूबे न रहें। कुछ वर्षों में इन योगदानों की समीक्षा करें।
कठोर रणनीति बनाएं
जब किसी गंतव्य तक पहुंचने की बात आती है तो लोगों के लिए आसान रास्ता अपनाना आम बात है। हालांकि, सेवानिवृत्ति इतना आसान नहीं है। आपके पास ऐसे चरण होंगे, जब सेवानिवृत्ति बचत का पैसा छुट्टियों पर खर्च करने या होम लोन आदि का भुगतान करना आसान लगेगा। इस यात्रा में लापरवाही न बरतें, क्योंकि आपको इस बात में सावधानी बरतनी होगी कि आप सेवानिवृत्ति की ज्यादा बचत करने के लिए निवेश साधनों का चयन कैसे करते हैं। यह देखते हुए कि व्यक्ति जिस उम्र में कमाई करना शुरू करता है, उससे रिटायर होने में 30 साल लगते हैं। एक एसेट क्लास के रूप में इक्विटी में ज्यादा निवेश करना और उसे बनाए रखना अच्छा होता है।
लंबी अवधि के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें
जब आप लंबी यात्रा पर जा रहे हों तो प्राप्त होने वाले छोटे लक्ष्य निर्धारित करें। यात्रा पर चाय ब्रेक की तरह आपको भी 35 या 40 और 45 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते लक्ष्य तय कर लेना चाहिए।
इस तरह आपको पता चलेगा कि आप कहां जा रहे हैं और आर्थिक रूप से यात्रा कैसे आगे बढ़ रही है। यह भी समझेंगे कि सेवानिवृत्ति के लिए बचत करते समय आपको कितना जोखिम उठाना होगा। लक्ष्य तय करने से यह भी जान पाएंगे कि आप अपेक्षा अनुरूप उस तक पहुंच रहे हैं या नहीं। आसानी से होने वाले लक्ष्य तय न करें।
एक ब्रेक लें
ऐसे समय होते हैं जब अन्य वित्तीय लक्ष्यों को प्राथमिकता देने की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए, आपको बच्चे की शिक्षा के लिए पैसे की जरूरत होगी और इससे समझौता नहीं कर सकते। इसलिए, सेवानिवृत्ति के लिए स्वैच्छिक निवेश के बजाय कुछ वर्षों तक इस लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ऐसे लक्ष्यों को प्राप्त करने के बाद आप अधिक रकम के साथ इस रणनीति का उपयोग कर सकते हैं।
बरकरार रखें पैसे का मूल्य
जैसे-जैसे सेवानिवृत्ति लक्ष्य के अंतिम चरण के करीब पहुंचते हैं, यह समझना होगा कि आपने इतने वर्षों में क्या किया है। उन हालातों से सावधान रहें जिनके लिए आपने यात्रा शुरू करते समय योजना नहीं बनाई थी। उदाहरण के लिए, अक्सर जब किसी को बहुत सारा पैसा मिल जाता है, वे इसे तुरंत खर्च करने की सोचते हैं और भूल जाते हैं कि यह पैसा उनके लिए सेवानिवृत्ति के 25-30 साल अच्छे समय बिताने के लिए है। इसका मतलब कि सेवानिवृत्त होने के बाद पैसे का मूल्य और बढ़ाने की जरूरत है।
नोएडावासी सबसे अधिक शिक्षित पर मतदान में फिसड्डी, इस बार प्रशासन ने कसी कमर
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर नोएडा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सबसे अधिक शिक्षित हैं, लेकिन हर चुनाव में मतदान करने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। इस बार प्रशासन ने भी नोएडा को अव्वल लाने की कमान संभाली है। मतदाता सूची को ठीक करने के साथ-साथ सोसाइटियों में बूथ बनाए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग मतदान कर सकें। मतदाता पर्ची में बूथ की जानकारी होगी। सभी बीएलओ को एक-एक मतदाता तक पहुंचने की जिम्मेदारी दी गई है।इस बार प्रशासन ने भी नोएडा को अव्वल लाने की कमान संभाली है। मतदाता सूची को ठीक करने के साथ-साथ सोसाइटियों में बूथ बनाए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग मतदान कर सकें। मतदाता पर्ची में बूथ की जानकारी होगी। सभी बीएलओ को एक-एक मतदाता तक पहुंचने की जिम्मेदारी दी गई है।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नोएडा क्षेत्र में 53.46 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि लोकसभा सीट के चार अन्य विधानसभा क्षेत्रों में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था। यही स्थिति वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में रही। नोएडा क्षेत्र में 52.35 प्रतिशत मतदान हुआ। बाकी विधानसभा क्षेत्रों में 60 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया था। अफसरों ने बताया कि नोएडा विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची को ठीक कराया गया है। पिछली बार कई परिवार के सदस्यों के अलग-अलग बूथ थे, लेकिन अब इसमें सुधार किया गया है।
हर परिवार का एक ही बूथ होगा। बूथ दूर होने से मतदाता घरों से बाहर निकलने से बचते थे, लेकिन इस बार 34 सोसाइटियों में 52 बूथ बनाए गए हैं, ताकि मतदान प्रतिशत बढ़ सके। स्कूलों में बच्चों से अभिभावकों को मतदान करने की अपील करने को कहा जा रहा है। बच्चों की बात को अभिभावक नहीं टालेंगे। कॉलेज, बैंक और उद्योगों के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा हैं। बीएलओ हर मतदाता के संपर्क में रहेगा।
पिछले दो लोकसभा चुनाव में कहां-कितना मतदान
विधानसभा क्षेत्र वर्ष 2019 वर्ष 2014
नोएडा 52.35% 53.46%
दादरी 60.85% 60.88%
जेवर 65.04% 61.83%
खुर्जा 64.73% 64.48%
सिकंद्राबाद 65.93% 64.10%
नो योर कैंडिडेट से देख सकेंगे प्रत्याशी की कुंडली
चुनाव आयोग ने इस बार नो योर कैंडिडेट ऐप की सुविधा भी दी है। जिले के मतदाता मोबाइल में इसे डाउनलोड कर सकते हैं। इससे कोई भी मतदाता किसी भी प्रत्याशी की कुंडली जान सकेगा। नामांकन करने के बाद प्रत्याशी का शपथ पत्र ऐप पर अपलोड कर दिया जाएगा। शपथ पत्र में प्रत्याशी की निजी जानकारी से लेकर चल-अचल संपत्ति व आपराधिक रिकॉर्ड आदि की जानकारी होगी।
फोटो या वीडियो के साथ कर सकते हैं शिकायत
आयोग ने 21 ऐप जारी किए हैं। इनमें कुछ अफसर तो कुछ मतदाताओं से जुड़े हैं। वोटर हेल्पलाइन ऐप से मतदाता अपना नाम सूची में देख सकेंगे। ई-एपिक से वोटर कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। वहीं, सी-विजिल एप से जिले के लोग आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दे सकते हैं। एप पर आचार संहिता के उल्लंघन का फोटो या वीडियो अपलोड किया जा सकता है। इस पर प्रशासन की टीम तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगी।
दस दिवसीय लमितिये युद्धाभ्यास आज से, जापानी PMO ने कहा- दक्षिण कोरिया ने फिर दागी बैलिस्टिक मिस
हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोगात्मक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत और सेशेल्स के बीच 10 दिवसीय संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास लमितिये-24 सोमवार से शुरू होगा। 27 मार्च तक चलने वाले इस अभ्यास के 10वें सत्र में भाग लेने के लिए भारतीय सेना का दल रविवार को सेशेल्स रवाना हुआ। इसमें भारतीय गोरखा राइफल्स और सेशेल्स रक्षा बल (एसडीएफ) से 45-45 कर्मी हिस्सा लेंगे। सेना के मुताबिक, यह अभ्यास आपसी समझ विकसित करने और सहयोग बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। साथ ही दोनों सेनाओं के बीच कौशल, अनुभव और अनुरूप अभ्यासों के आदान-प्रदान के अलावा द्विपक्षीय सैन्य संबंधों का निर्माण भी करेगा और उन्हें प्रोत्साहन देगा।
आधुनिक उपकरणों का होगा प्रदर्शन: अभ्यास के दौरान दोनों देश आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करेंगे और अर्ध-शहरी वातावरण में आने वाले संभावित खतरों को विफल करने के लिए सामरिक अभ्यासों की एक शृंखला को संयुक्त रूप से प्रशिक्षित और कार्यान्वित करेंगे। क्रियोल भाषा में ‘लमितिये’ का अर्थ ‘मित्रता’ होता है। यह एक द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है और 2001 से इसका आयोजन सेशेल्स में किया जा रहा है।
उत्तर कोरिया ने दागी मिसाइल
जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोमवार को घोषणा की कि उत्तर कोरिया ने एक संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की है। दक्षिण कोरिया की सेना का भी कहना है कि उत्तर कोरिया ने सोमवार को पूर्वी सागर में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। प्योंगयांग ने इससे पहले 14 जनवरी को संदिग्ध मिसाइल प्रक्षेपण किया था।।
पेपर लीक मामले में 270 आरोपी गिरफ्तार, तेजस्वी बोले- बिहार में माफिया राज; चौधरी ने भी दी प्रतिक्रिया
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई)-3 में प्रश्न पत्र लीक मामले में झारखंड के हजारीबाग से 270 से अधिक अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की है। अधिकारियों ने बताया कि 14 और 15 मार्च को हजारीबाग में कई स्थानों पर तलाशी ली गई। इस दौरान पता चला कि बिहार में कई स्थानों से लाए गए टीआरई-3 के अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए गए थे।राजद नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि पीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होना, इस बात का सबूत है कि एनडीए शासन के तहत राज्य में माफिया राज चल रहा है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि जब राजद राज्य में शासन कर रहा था, तब राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) के एक अध्यक्ष को जेल जाना पड़ा था।
बयान के मुताबिक, 15 मार्च को परीक्षा के दिन अभ्यर्थियों को अपने-अपने परीक्षा केंद्र के लिए सुबह करीब तीन बजे निकलना था। उन सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। इसमें शामिल गिरोह के कुछ शातिरों को पकड़ा गया है। पुलिस ने कुछ दिन पहले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। ये टीआरई-3 के प्रश्नपत्र को लीक कराने के मास्टरमाइंड थे। पुलिस ने उनके पास से प्रश्नपत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर व पेन ड्राइव बरामद किए थे। जांच में पता चला, आरोपियों ने प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार से अच्छी-खासी रकम ली थी।
एनडीए शासन में माफिया राज
अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। पक्ष-विपक्ष एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि पीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होना, इस बात का सबूत है कि एनडीए शासन के तहत राज्य में माफिया राज चल रहा है। हमने 70 दिनों में दो लाख उम्मीदवारों को शिक्षण नौकरियां प्रदान की थीं, लेकिन कोई पेपर लीक नहीं हुआ था। अब एनडीए शासनकाल में टीआरई-3 का प्रश्नपत्र लीक हो गया। यह माफिया राज के कारण हुआ है। यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से भी पेपर लीक का मामला सामने आया है।
आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
उपमुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि जब राजद राज्य में शासन कर रहा था, तब राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) के एक अध्यक्ष को जेल जाना पड़ा था। हालांकि, उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का नाम नहीं बताया। चौधरी ने कहा कि पेपर लीक में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो इस घटना में शामिल हैं, वे अपराधी हैं। जांच जारी है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
अजमेर के मदार रेलवे स्टेशन के पास रेल हादसा; कांग्रेस कार्य समिति की बैठक 19 को
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की 19 मार्च को प्रस्तावित बैठक में पार्टी के चुनाव घोषणापत्र को अंतिम रूप दिया जाएगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की भी 19 व 20 मार्च को बैठक होने की संभावना है। इसमें शेष उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
अजमेर के मदार रेलवे स्टेशन के पास रेल हादसा
अजमेर के मदार रेलवे स्टेशन के पास रेल हादसा हो गया है। बताया जा रहा है कि सोमवार देर रात यहां मालगाड़ी और एक्सप्रेस ट्रेन की भिड़ंत हो गई है।
शिव सेना के लिए काला दिन, न्याय यात्रा रैली के विरोध में बोले एकनाथ शिंदे
विपक्षी गुट ‘इंडिया’ की भारत जोड़ो न्याय यात्रा रैली के दौरान मुंबई के शिवाजी पार्क का मंच साझा करना मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को नागवार गुजरा। उन्होंने अफसोस जताया कि यह वही जगह है जहां से उनकी पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे अपने लोगों को संबोधित करते थे। आज का दिन शिव सेना वालों के लिए काला दिन है, क्योंकि शिवाजी पार्क से ही बाला साहेब ठाकरे ने देश को संबोधित किया था। अब, उसी स्थान पर भारत की रैली हो रही है।
कांग्रेस का 84 वाला करिश्मा … 24 में दोहरा पाएगी भाजपा?
हर नारा हकीकत में बदले, यह मुमकिन नहीं। 2024 के लोकसभा चुनाव का सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या भाजपा यूपी की सभी 80 सीटें जीतने के संकल्प को पूरा कर पाएगी? विश्लेषकों का कहना है कि यह कठिन जरूर है, लेकिन नामुमकिन कतई नहीं है। कांग्रेस इस तरह का करिश्मा 40 साल पहले दिखा चुकी है और भाजपा नीत राजग तब की सहानुभूति से इतर मनमोहन सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर (एंटी इन्कम्बेंसी) की मदद से 2014 में 73 सीटें हासिल कर चुकी है। यही नहीं 2019 में कांग्रेस को 84 में मिले मत प्रतिशत को भी पीछे छोड़ चुकी है। हरियाणा, गुजरात व हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य हैं, जहां की लोकसभा की शत-प्रतिशत सीटें भी जीती हैं।
सियासी पंडित तर्क दे रहे हैं कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जिस तरह से भावनाओं का उभार हाे रहा है, ज्ञानवापी और मथुरा का प्रचार हो रहा है, सीएए से ध्रुवीकरण हो रहा है उससे माहौल तो बना ही है। यह भी कहा जा रहा है कि लाभार्थियों का बड़ा वर्ग एक तरफ जा सकता है। 2019 से भी कमजोर हालत में पहुंच चुके विपक्षी गठबंधन और भगवा खेमे को परोक्ष रूप से लाभ पहुंचाने वाली बसपा की नीतियां गुल खिला सकती हैं। ऐसे में 80 में 80 न सही, लेकिन 1984 में जिस तरह 85 में 83 सीटें कांग्रेस ने जीती थीं, उस तरह का परिणाम नजर आए तो चौंकना भी नहीं चाहिए। हालांकि रोजगार और महंगाई के विपक्ष के मुद्दे 80 में 80 के नारे को पलीता भी लगा सकते हैं।
दरअसल 1984 के आम चुनाव तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से उपजे आक्रोश और सहानुभूति की लहर के बीच हुए थे। तब कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर लड़ी गई 518 सीटों में 415 और यूपी की 85 लोकसभा सीटों में से 83 पर जीत मिली थी। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यूपी में लोकसभा सीटें 85 से घट कर 80 रह गईं। 84 के कांग्रेस के करिश्मे को यूपी में तो आज तक कोई नहीं दोहरा पाया है। लेकिन, 40 साल बाद राम मंदिर से बन रहे माहौल के बीच हो रहे लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने यूपी के लिए नाराा दिया है, अबकी बार 80 पार। तो यह 80 पार कर 83 या 84 तो हो नहीं सकता, लेकिन 80 में 80 के लक्ष्य के लिए सब कुछ झोंक दिया है। आज के माहौल में कठिन मानी जाने वाली सीटों पर विपक्ष की मुश्किलें बढ़ाने वाले कदम लगातार उठाए जा रहे हैं।
कांग्रेस की सबसे मजबूत सीटों की किलेबंदी
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा को पांच, बसपा को 10 और कांग्रेस को एक सीट मिली थी। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी परंपरागत सीट अमेठी तक केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी से हार गए थे। आज भी कई लोग कहते मिल जाते हैं कि कांग्रेस पूरे प्रदेश में कितना लड़ाई दे पाएगी अलग बात है, अमेठी और रायबरेली में तो इस बार भी कड़ी टक्कर दे सकती है। यदि गांधी परिवार से प्रत्याशी आए तो लड़ाई कांटे की होगी।
- भाजपा ने इन सीटों को कमजोर करने के लिए शुरू में ही ऐसा दांव चला है कि कांग्रेस को प्रत्याशी तय करने में तगड़ी माथापच्ची करनी पड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव तक इन जिलों में कांग्रेस के भी विधायक हुआ करते थे। वर्तमान में पार्टी का एक भी विधायक नहीं है। ऐसे में सपा से गठबंधन के बाद कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली में भी सपा के विधायकों से बड़ी उम्मीद रही होगी। मगर, भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में सपा के असरदार माने जाने वाले दो विधायकों-पूर्व मंत्री मनोज पांडेय और राकेश प्रताप सिंह को अपने पाले में लाकर तहलका मचा दिया। पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महाराजी प्रजापति वोट देने ही नहीं पहुंचीं। ऐसे में कांग्रेस के लिए अब अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार को उतारना किसी चुनौती से कम नहीं है।
- अलग-अलग क्षेत्र में सपा के मजबूत नेताओं को तोड़कर एनडीए में लाने का प्रयास भी चल रहा है। सपा सरकार में पूर्व मंत्री संजय गर्ग और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर जैसे कई नेता लगातार शामिल किए जा रहे हैं।
सपा की ताकत कम करने पर पूरा ध्यान
समाजवादी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पांच सीटें हासिल की थीं। तब बसपा और रालोद के साथ गठबंधन था। पश्चिम में सपा की मददगार रही रालोद एनडीए का हिस्सा हो गया है। बसपा फिलहाल अकेले चुनाव लड़ रही है। 2019 के बाद से पूर्वांचल में सपा की मजबूत मददगार रही सुभासपा भी एनडीए का हिस्सा बन गई है।’
- दारा की वापसी : नोनिया चौहान बिरादरी में पकड़ रखने वाले दारा सिंह चौहान फिर भाजपा में लौट आए हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान दारा सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।
- स्वामी प्रसाद सपा से अलग : मौर्य बिरादरी में पकड़ रखने वाले स्वामी प्रसाद सपा से अलग हो गए हैं। दारा की तरह ये भी विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी में चले गए थे। बाद में उपेक्षा का आरोप लगाकर इन्होंने अलग राह पकड़ ली। भाजपा इन दोनों नेताओं के कदमों से सपा को नुकसान और अपने फायदे की उम्मीद कर रही है।
बसपा का एकला चलो का निर्णय भी अहम
बसपा ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की बात कही है। एनडीए व इंडिया गठबंधन की आमने-सामने की लड़ाई में बसपा का अकेले मैदान में होना कई जगह लड़ाई को त्रिकोणीय बनाएगा। बसपा के टिकटों के लिहाज से इस त्रिकोण का ज्यादा लाभ एनडीए के खाते में जा सकता है।
रूस में पुतिन ने फिर जीता राष्ट्रपति चुनाव, 2030 तक बढ़ा कार्यकाल
पुतिन ने रूस के राष्ट्रपति का चुनाव फिर जीत लिया है। कोई ताकतवर प्रतिद्वंद्वी नहीं होने की वजह से एक तरफा मुकाबले में उन्हें जीत मिली। इसी के बाद पुतिन का कार्यकाल 2030 तक बढ़ गया है। रूस में ये पांचवीं बार है जब पुतिन का ‘राज’ आया।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन कार्यक्रम में INDIA गठबंधन के नेता शामिल हुए।
उत्तर 24 परगना (पश्चिम बंगाल): निलंबित टीएमसी नेता शेख शाहजहां के भाई शेख आलमगीर और संदेशखाली मामले के तीन आरोपियों को CBI ने बशीरहाट उप-विभागीय अदालत से हिरासत में ले लिया।
भारत निर्वाचन आयोग ने अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की मतगणना कार्यक्रम को 4 जून से बदलकर 2 जून कर दिया है।