मुनेश त्यागी
“बुल्डोजर” ने
कर दिया है
“धाराशाही”
देश के
संविधान को
कानून के शासन को
न्यायपालिका को
पुलिस व्यवस्था को
वकील को
दलील को
अपील को।
अब नहीं रह गई है जरूरत
एफ आई आर की
अदालत की
मुंसिफ की
सबूत की
गवाह की
वकील की।
प्राणहीन है यह बुलडोजर
मगर फिर भी इसको पता है
अपने और परायों का,
अपनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता
मगर जब यह परायों के घर ढहाता है
तो अपनों को होती है बहुत ख़ुशी।
अब चल गया है पता पूरी दुनिया को
कि हमारे यहां बुलडोजर है
जो जीवनहीन होकर भी
अपने पराए का ख्याल रखता है
सच में आज कल परायों के घर ढाकर
गजब कर रहा है यह बुलडोजर।
और गजब तो यह है कि
जब यह परायों के घर ढा रहा होता है
तो कोई नहीं बोलता
सब चुप रहते हैं
न्यायपालिका भी
पुलिस भी और
अपील दलील और वकील भी।
अब तो बुलडोजर कह रहा है
चिल्ला चिल्ला कर
तुम्हें नहीं है जरूरत करने की
एलएलबी और एल एल एम,
जरूरत नहीं है परीक्षा वरीक्षा देने की,
सीख लो चलाना बुलडोजर,
जल्दी ही जज बन जाओगे।