इंदौर
नगर निगम की टीम ने गुरुवार काे अतिखतरनाक मकानाें काे जमींदाेज करने की कार्रवाई शुरू की। टीम सुबह जेसीबी मशीन और बुलडोजर लेकर पहुंची और 4 जर्जर मकानों को ध्वस्त कर दिया। ये सभी मकान ऐसी हालत में थे कि कभी भी गिर सकते थे। इनमें से कुछ मकान के हिस्से तो हवा में लटकने लगे थे। टीम ने सबसे पहले पालसी मोहल्ले में कार्रवाई को अंजाम दिया। इसके बाद सिलावटपुरा और लोहार पट्टी में मकानों को गिराया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा।
निगम लंबे समय से जर्जर मकानों पर कार्रवाई की बात कहता आ रहा था। हालांकि बारिश का सीजन आने के बाद भी कार्रवाई शुरू नहीं की जा रही थी। इस बात को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। बारिश की झड़ी लगने पर हादसे का भी डर बना हुआ था। हालांकि गुरुवार सुबह से टीम ने मैदान संभाल लिया और जर्जर मकानों को तोड़ने का काम शुरू किया।
जेसीबी की मदद से 4 मकानों को गिराया गया।
निगम ने जर्जर मकानों को तोड़ने की कार्रवाई सुबह पारसी मोहल्ले से शुरू की। सुबह साढ़े 8 बजे उपायुक्त लता अग्रवाल टीम और जेसीबी लेकर मौके पर पहुंची। टीम ने मकान को गिराने के लिए पहले ही नोटिस चस्पा कर दिए थे, जिस कारण सुबह यह मकान पूरी तरह से खाली मिला। इस पर टीम ने जेसीबी की मदद से मो. अकील पिता फजल खान के मकान को गिरा दिया।
यहां से निगम की टीम सिलावटपुरा पहुंची। यहां पर भी नोटिस के साथ कागजी कार्रवाई पहले ही टीम ने पूरी कर ली थी। ऐसे में टीम मौके पर पहुंचते ही रिया पिता रत्नेश के मकान को जमींदोज करने में जुट गई। यहां से टीम लोहार पट्टी पहुंची और संजय और कमल के मकान को जमींदोज करने की कार्रवाई काे अंजाम दिया। ये दोनों ही मकान बहुत बुरी हालत में पहुंच चुके थे। इन्होंने अपने मकान को खुद ही तोड़ने की बात कही, लेकिन निगम ने पहुंचकर कार्रवाई की।
कार्रवाई को अंजाम देने के बाद अधिकारियों का कहना था कि अब लगातार यह कार्रवाई जारी रहेगी। हमने पहले ही 20 से ज्यादा अति खरतनाक मकानों को चिन्हित कर लिया है। इन मकानों को पोकलेन और जेसीबी मशीन की मदद से जमींदोज किया जाएगा। मकानों को गिराने के पहले सभी को नोटिस देकर सूचना दे दी गई है।
इस कारण लेट हुई कार्रवाई
निगम यह कार्रवाई गर्मी में करने वाला था, लेकिन यह बारिश के सीजन तक खिंच गया। इसके लेट होने के जो कारण बताए जा रहे हैं। पहले तो काेरोना के कारण कार्रवाई नहीं की जा सकी। उसके बाद स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम का शहर में आने का चलता रहा। उस टीम के आने के बाद वाटर प्लस के टीम का आना तय हो गया। ऐसे में निगम चाहता था कि सर्वे हो जाए, इसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया जाए। वाटर प्लस की टीम के सर्वे कर लाैटने के साथ ही जर्जर मकानों को तोड़ने की कार्रवाई को शुरू कर दी गई है।
इन मकानाें काे किया ध्वस्त
- पारसी मोहल्ले में मोहम्मद अकील पिता फजल खान के दो मंजिला मकान।
- मौलाना आजाद मार्ग लोहार पट्टी स्थित संजय चित्तौड़ा का जी प्लस वन मकान।
- मौलाना आजाद मार्ग लोहार पट्टी स्थित कमल सोमानी का जी प्लस टू मकान।
- सिलावट पूरा में रिया पति रत्नेश कुसुमाकर का जी प्लस वन मकान।