: रूस और यूक्रेन के बीच में पिछले कई सालों से तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था जिसने पिछले सप्ताह युद्ध का रूप ले लिया. रूस ने 24 फरवरी,2022 को यूक्रेन पर हमला कर दिया. इस युद्ध की संभावना काफी पहले से बनी हुई थी. इस समय वोलोदमीर जेलेंस्की यूक्रेन के राष्ट्रपति हैं, जो दुनिया के समने एक हीरो बन कर उभर रहे है. यूक्रेन और रूस की इस लड़ाई में जहां एक तरफ पुतिन रुकने को तैयार नहीं है वहीं जेलेंस्की भी अपनी जिद पर अड़े हैं और किसी भी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं है. 1991 से अब तक यूक्रेन में 7 राष्ट्रपति रह चुके है. यूक्रेन और रूस के बीच चलते युद्ध के बीच एक नाम पर चर्चा तेज हो गयी है और वह है विक्टर यानुकोविच कौन है विक्टर यानुकोविच ? क्यों चाहते है पुतिन उन्हें यूक्रेन का राष्ट्रपति बनाना ? क्या है कारण , आइये हम आपको अपने लेख में समझाने का प्रयास करते है ?

कौन है विक्टर यानुकोविच ?
डोनेट बेसिन के एक गरीब परिवार में जन्मे विक्टर यानुकोविच साल 2010 से 2014 तक यूक्रेन के राष्ट्रपति रह चुके है. वह यूक्रेन के चौथे राष्ट्रपति थे. अपने शासनकाल के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे. विक्टर के अनुसार उनका बचपन बहुत ही कठिनाइयों भरा रहा है. दो साल की उम्र में उनकी मां का देहांत हो गया था. यानुकोविच की मां एक रूसी नर्स थीं और उनके पिता एक पोलिश-बेलारूसी लोकोमोटिव चाकल थे. किशोर अवस्था तक आते आते यानुकोविच ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया. यानुकोविच की अपने पिता के पुनर्विवाह से दो सौतेली बहने भी है. किशोरावस्था (teenage) में यानुकोविच दो बार जेल भी गए है. पहली बार 1967 में उन्हें चोरी और डकैती के मामले में 3 साल की जेल हुई, दूसरी बार 1980 में दोबारा उन्हें डकैती करने के आरोप में दो साल की जेल हुई.
साल 1971 में यानुकोविच ने ल्यूडमिला नास्तेंको से शादी की, जो येनाकीयेव शहर के न्यायाधीश ऑलेक्ज़ेंडर साज़िन की भतीजी थीं. यानुकोविच ने 1996 तक येनाकीव और डोनेट्स्क में परिवहन कंपनियों में विभिन्न पदों पर कार्य किया.
विक्टर यानुकोविच का राजनैतिक करियर
यानुकोविच का राजनीतिक जीवन तब शुरू हुआ जब उन्हें अगस्त 1996 में “Vice-Head of Donetsk Oblast Administration” के रूप में नियुक्त किया गया. उसके बाद 1997 में उन्हें “Head of the Administration” के रूप में नियुक्त किया गया.इसके बाद साल 2002 में राष्ट्रपति लियोनिद कुचमा ने यानुकोविच को प्रधानमंत्री नियुक्त किया. विदेशी मामलों में यानुकोविच की कैबिनेट को रूस का करीबी मन जाता था. यानुकोविच को रूस के राष्ट्रपति पुतिन का खास दोस्त माना जाता था. इसलिए जब यूक्रेन में तख्तापलट हुआ तो उन्होंने रूस में शरण ली. फरवरी 2010 को विक्टर यानुकोविच को यूक्रेन का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया , राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने रूस के प्रति अपने समर्थन को स्पष्ट कर दिया.
यानुकोविच के तख्तापलट के क्या कारण रहे ?
संघ से अलग होने के बाद यूक्रेन की राजनीती में रूस का प्रभाव था जिसका सभी लोग समर्थन नहीं करते थे. रूस के प्रभाव के विरोध में एक संगठन खड़ा हो गया जिसने लोगो को यह विश्वास दिलाया कि जब तक रूस का प्रभाव यूक्रेन की राजनीती में रहेगा तब तक यूक्रेन में लोकतंत्र की स्थापना नहीं होगी और जब तक यूक्रेन में लोकतंत्र स्थापित नहीं हो पायेगा तब तक यूक्रेन के लोगो का विकास नहीं हो पायेगा. साल 2013 में यूक्रेन की मौजूदा सरकार पर यूरोपीय संघ के साथ समझौते का दबाव बढ़ने लगा, लेकिन, उस समय के राष्ट्रपति पद पर बैठे विक्टर यानुकोविच ने यूक्रेनी-यूरोपीय संघ समझौते को खारिज कर दिया,जिसके विरोध में यूक्रेन में बड़े पैमाने पर विरोध की लहर उठी, इस विरोध प्रदर्शन को “Euromaidan” का नाम दिया गया.
फरवरी 2014 में इस विरोध प्रदर्शन में लगभग 150 लोगो की मौत हो गयी जिसमे आम जनता के अतिरिक्त पुलिस के जवान भी शामिल थे. 21 फरवरी 2014 को यूक्रेन की सरकार और विपक्ष के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए जिसके अनुसार यूक्रेन में तुरतं चुनाव करवाने और एक interim सरकार के गठन का आह्वाहन किया गया. अगले दिन देश की राजधानी कीव प्रदर्शनकारियों के नियंत्रण में आ गयी और यानुकोविच देश छोड़ कर भाग गया.