पुष्पा गुप्ता
_उदाहरण के लिए मेक्सिको देश को लेते हैं. 2010 से 2013 के बीच मेक्सिको के अरबपति कार्लोस स्लिम दुनिया के सबसे अमीर आदमी थे. मेक्सिको की 80% टेलिकॉम बाजार पर कार्लोस स्लिम की कंपनी का कब्ज़ा है. कार्लोस स्लिम के अलावा मेक्सिको में कई अनगिनत अरबपति हैं जैसे माइनिंग टायकून अल्बर्टो गोंजाले. मीडिया टीवी किंग रिकार्डो सलिनेज़, शराब अरबपति मारिया अरामबुरूज़बल._
अरबपतियों और लखपतियों के आलीशान मकान होते हैं. उनके पास चमचमाती गाड़ी होती है. इन अमीरों के ऐशो आराम के लिए नए बाजार बनते हैं. इनके द्वारा खड़ी की गई चमचमाती इकोनामी के पीछे गरीबी और भुखमरी की कहानी पीछे छूट जाती है.
तो क्या इन अमीरों की अमीरी के कारण मेक्सिको का हर आदमी अमीर है, उसके पास बेहतर घर, शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी उपलब्ध है ?
मेक्सिको की 43% आबादी गरीबी रेखा के नीचे है. गरीबी का अपराध से गहरा संबंध है. मर्डर, लूटमार और ड्रग्स के मामले में मेक्सिको बदनाम देश है. अमीर अरबपतियों के बावजूद मेक्सिको एक गरीब देश है.
गुजरात भी सबसे ज्यादा अरबपति देने के बावजूद एक गरीब और फिसड्डी राज्य है. मुट्ठी भर गुजराती व्यापारी अमीर होंगे, अडानी अंबानी के पास लाखों करोड़ों की संपत्ति है लेकिन इसका यह बिल्कुल भी अर्थ नही गुजरात विकसित राज्य है. अरबपतियों की संपत्ति से कोई राज्य या देश अमीर नही बनता.
उस देश और राज्य की आबादी के पास क्या बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं ? जैसे सड़क, आवास, बिजली, पानी, टॉयलेट, स्कूल और आसपास ?
प्रथम करोना काल में गुजरात हाई कोर्ट ने गुजरात की सरकारी स्वास्थ्य सेवा को खतरनाक तहखाना कहा था. यह सब जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है.
आज मोरबी के जिस सरकारी अस्पताल में हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी घायलों का हालचाल जानने गए थे. इस सरकारी अस्पताल को 40 पेंटरों और अनगिनत मजदूरों ने 48 घंटों में दिन रात काम कर चमका दिया.
इस अस्पताल में साफ पानी की किल्लत है. लैब टेक्नीशियन और डॉक्टर घर से पानी लाते हैं और मरीज मिनरल वाटर खरीद कर पानी पीने को मजबूर हैं.
ब्राह्मण बनिया मीडिया UPA-1 और 2 के ज़माने से गुजरात राज्य की असली तस्वीर को छिपाते आ रहा है. सेक्युलर और लिबरल पत्रकारों ने नरेंद्र मोदी की मुस्लिम विरोधी छवि बनाकर उन्हें हिन्दू सम्राट बनाने में अहम भूमिका निभाई.
मुट्ठी भर उद्योगपति और अडानी अंबानी के अलावा गुजरात में छह करोड़ इंसान भी रहते हैं. क्या इनके सुख समृद्धि और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए गुजरात में कभी किसी मुख्यमंत्री ने इमानदारी से काम किया ?
अमीर उद्योगपतियों की जन्मस्थली के बावजूद गुजरात एक गरीब और बीमारू राज्य है.