*राजेंद्र शर्मा के चार व्यंग्य* भई अडानी जी के साथ तो बहुत ही अन्याय हो रहा है। पहले भी बेबात उनके नाम पर हल्ला होता रहता था। बेचारे हवाई अड्डा खरीदें, तो इसका शोर कि सारे हवाई अड्डे अडानी के नाम क्यों कर दिए। बंदरगाह...
Category - साहित्य
सपने पूरे करने हैं मुझे / ज़माना आगे बढ़ गया / आखिर क्या लिखूं कहानी अपनी? /इतिहास फिर दोहराया गया
सपने पूरे करने हैं मुझे पार्वती आर्यगुलेर, कपकोटबागेश्वर, उत्तराखंड सपने मुझे खुद ही पूरे करने हैं,मंज़िले मुझे खुद तय करनी है,राह आसान नहीं, पर चलना है,हौसला रख कर मुझे करना है,विश्वास से आगे को बढ़ना है,अब पीछे मुझे...