~डॉ. प्रिया मानवी
विकासशील मुल्कों में हेल्थ के छोटे– छोटे पहलुओं पर कम बात होती है। उसमें भी वीमेन हेल्थ पर तो और भी कम। यही छोटी दिक्कतों को नजरंदाज करना महिलाओं को बड़ी बीमारी की ओर धकेल देता है। वेजाइनल इंफेक्शन एक ऐसी ही समस्या है।
आज हम आपको बताएंगे कि क्यों होता है इंफेक्शन और जानेंगे इससे बचने का तरीक़ा।
*क्या है वेजाइनल इन्फेक्शन?*
वेजाइनल इन्फेक्शन वेजाइना में हुए संक्रमण को कहते हैं। ये इनफेक्शन बैक्टीरिया, फंगस, या वायरस के कारण हो सकता है। दरअसल वेजाइना में बैक्टीरिया और फंगस में एक बैलेंस होता है, लेकिन जब यही बैलेंस बिगड़ता है तो इनफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। सुनने में यह भले ही मामूली लगे ये इनफेक्शन कई बार और बड़ी जिम्मेदारियों को जन्म दे देता है।
वेजाइनल इन्फेक्शन के लक्षण :
- यूरिन डिस्चार्ज में बदलाव
- खुजली और जलन
- लालिमा और सूजन
- दर्द
- अनियमित पीरियड्स वैजाइनल इंफेक्शन को निम्नलिखित रूपों में देख सकते हैं :
1. बैक्टीरियल वेजिनोसिस :
यह तब होता है जब वेजाइना में अच्छे और नुकसानदायक बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ जाता है। ये नॉन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है।
2. फंगल इन्फेक्शन :
यह कैंडीडा नामक फंगस के कारण होता है। ये संक्रमण तब बढ़ता है जब फंगस का स्तर नॉर्मल से अधिक हो जाता है। इसमें आपकी वैजाइना लाल।हो जाती है। डायबिटीज के पेशेंट्स को इसका ख़तरा अधिक होता है।
*3. ट्राइकोमोनायसिस :*
ये सेक्सुअली ट्रांसमिट हुआ इनफेक्शन है जो Trichomonas vaginalis नाम की बैक्टीरिया से फैलता है। सेक्स के दौरान कॉन्डोम ना इस्तेमाल करना, एक से अधिक पार्टनर्स के साथ सेक्स करना – ये इस इन्फेक्शन के प्रमुख कारण हैं।
*4. हार्मोनल बदलाव :*
पीरियड्स, प्रेग्नेन्सी या मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, इस बदलाव से भी वेजाइनल इन्फेक्शन हो सकता है। पीरियड्स के दौरान अगर आप अपने पैड्स तीन चार बार नहीं बदलते तो ये इन्फेक्शन कॉमन है।
*5. वेजाइनल सफाई में गलत तरीका अपनाना :*
वेजाइना को अंदर से साफ करने के लिए डूशिंग या कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल इनफेक्शन का कारण बन सकता है। ये भी नॉन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन है।
वेजाइनल इन्फेक्शन से कैसे बचें?
- वेजाइना को हल्के गुनगुने पानी से धोएं। बाहरी हिस्से की सफाई करें, लेकिन अंदरूनी हिस्से को जबरन रगड़ने की ज़रूरत नहीं।
- सूती अंडरवियर का इस्तेमाल करें और तंग कपड़ों से बचें, जो पसीना रोक दे।
- पीरियड्स के दौरान हर 4-6 घंटे में पैड या टैम्पोन बदलें। अक्सर ग्रामीण इलाकों में लोग इसे सीरियसली नहीं लेते जिस वजह से इंफेक्शन बढ़ जाता है।
- सेफ सेक्स करें। सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें। सेक्स के लिए एक से अधिक पार्टनर से बचें।
- वेजाइना के पास परफ्यूम, डिओडोरेंट या किसी साबुन का इस्तेमाल न करें।
- दही और प्रोबायोटिक्स युक्त खाना खाएं। चीनी कम से कम खाएं ।
- तनाव कम लीजिए। ज्यादा तनाव लेने से शरीर में हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ सकता है जो इनफेक्शन को बढ़ाता है।
अगर आपको ये समस्याएं महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करिए :
- वेजाइना से लगातार डिस्चार्ज।
- खुजली या जलन जो घरेलू उपाय से ठीक न हो।
- सेक्स के दौरान दर्द।
- बार-बार वेजाइनल इन्फेक्शन होना।
- बुखार, पेट के निचले हिस्से में दर्द, या थकावट।
इंफेक्शन को लोग अनदेखा या अनसीरियसली ले लेते हैं जिसकी वजह से यह बड़ी समस्या का रूप ले लेती है। ये जो हम इन्फर्टिलिटी को बड़ी समस्या के तौर पर देख रहे हैं, यह इन्हीं छोटी-छोटी बातों को इग्नोर करने का नतीज़ा है।
घरेलू उपाय :
- दही
दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। - टी ट्री ऑयल
टी ट्री ऑयल में एंटी-फंगल गुण होते हैं। इसे नारियल तेल में मिलाकर लगाया जा सकता है। - गर्म पानी
हल्के गर्म पानी में थोड़ा नमक मिलाकर वेजाइना को धोने से राहत मिलती है। - लहसुन
लहसुन एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होता है। इसे अपने खाने में शामिल करें।
गलतियां जो वेजाइनल इन्फेक्शन का कारण बनती हैं :
- गीले अंडरवियर पहनना।
- साबुन या अन्य सस्ते कॉस्मेटिक का वैजाइना पर इस्तेमाल।
- पब्लिक टॉयलेट का गलत इस्तेमाल।
- यौन संबंध बनाते समय सुरक्षा का ध्यान न रखना। कॉन्डोम को अवॉयड करना
- शरीर की साफ-सफाई पर ध्यान न देना।
- टाइट कपड़े जो वैजाइना को भी एयर टाइट बना देते हैं।
- कई से सेक्स करवाना सबसे बड़ी गलती सावित होती है.