छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल का नाम सुर्खियों में है. आमतौर पर चैतन्य बघेल मीडिया की लाइमलाइट से दूर रहते हैं.मगर, जब सोमवार सुबह 7 बजे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित घर और उनके बेटे चैतन्य बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापा मारा तो चैतन्य बघेल का नाम चर्चा में आया.

चैतन्य बघेल का नाम छत्तीसगढ़ के 2,100 करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले से जोड़ा जा रहा है. ईडी का आरोप है कि शराब घोटाले से हुई आमदनी का एक हिस्सा चैतन्य बघेल को भी मिला था.सुबह सात बजे शुरू हुई ईडी की यह छापेमारी क़रीब आठ घंटे तक चली. इस दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आवास पर तलाशी के दौरान रुपए गिनने की मशीन भी लाई गई थी.
ईडी ने दुर्ग जिले में चैतन्य बघेल के भिलाई स्थित परिसर, उनके क़रीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ़ पप्पू बंसल के ठिकानों के अलावा 14 अन्य जगहों पर भी दबिश दी थी.इस बीच, राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी कुछ सवाल चर्चा में हैं.जैसे- चैतन्य बघेल कौन हैं? वो क्या काम करते हैं? कथित शराब घोटाले में उनका नाम क्यों आया?
कौन हैं चैतन्य बघेल?

चैतन्य बघेल के क़रीबियों के मुताबिक़, चैतन्य ने रायपुर के महर्षि विद्या मंदिर से शुरुआती पढ़ाई की.फिर भिलाई स्थित शंकराचार्य विश्वविद्यालय से बी.कॉम. और भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमबीए किया. मगर, राजनीति में उनकी एंट्री प्लानिंग स्टेज के आगे कभी नहीं बढ़ पाई.
वैसे कहने को तो चैतन्य बघेल पूर्व मुख्यमंत्री और भूपेश बघेल के बेटे हैं. कांग्रेस से जुड़े हैं, मगर उन्होंने अब तक पार्टी में कोई आधिकारिक पद नहीं लिया है.छत्तीसगढ़ कांग्रेस के एक नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, “चैतन्य का राजनीति में प्रवेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान होना था, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व में अनबन के कारण यह प्लान ज़मीन पर नहीं उतर पाया.”उन्होंने बताया, “पिछले लोकसभा चुनावों में जब भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से उतारा गया था, तब भी चैतन्य बघेल को उनके पिता की सीट पाटन विधानसभा से उतारने पर चर्चा हुई थी. मगर, परिस्थितियां उस वक़्त भी अनुकूल नहीं बन पाई थी.”
क्या करते हैं चैतन्य बघेल?

राजनीति में रुचि के अलावा चैतन्य बघेल अपने परिवार की खेती-किसानी संभालते हैं.इसके अलावा, रियल एस्टेट का व्यापार करते हैं. दुर्ग जिले के भिलाई शहर में उनकी कंपनी अब तक दो आवासीय कॉलोनियां विट्ठलपुरम और विट्ठलग्रीन्स बना चुकी है.
साल 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश के बेटे चैतन्य बघेल पर राज्य को लूटने का आरोप लगाया था.पीएम मोदी ने कहा था कि, कांग्रेस के शासनकाल में चैतन्य बघेल “सुपर सीएम” की तरह काम कर रहे थे और प्रदेश में एक बिज़नेस रैकेट चला रहे थे.
पीएम मोदी ने कहा था, “इनके बेटे (चैतन्य बघेल) ने “सुपर सीएम” के तरह काम करते हुए जनता पर ऐसे अत्याचार किए हैं कि मुख्यमंत्री के लिए विधायक के रूप में चुना जाना भी मुश्किल हो गया है.”
साल 2022 में शादी करने वाले चैतन्य बघेल ईडी की रेड के पहले सितंबर 2024 में चर्चा में आए थे. उस समय छत्तीसगढ़ पुलिस ने उनको एक प्रोफ़ेसर पर हुए हमले के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था.
ईडी के मुताबिक़, यह घोटाला साल 2019 से साल 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के शासन के दौरान हुआ था.आरोप है कि इस दौरान एक संगठित गिरोह ने शराब नीति में हेरफेर कर एक समानांतर व्यवस्था बनाई, जिससे ग़ैर-क़ानूनी रूप से शराब बेची गई.
जाँच एजेंसी का आरोप है कि इस गिरोह का नेतृत्व रायपुर के मेयर एजाज़ ढेबर के भाई अनवर ढेबर और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा ने किया.ईडी ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) केवल उन्हीं आपूर्तिकर्ताओं से शराब ख़रीदता था, जो इस गिरोह को कमीशन देते थे.
इसके अलावा, नकली शराब भी बेची जाती थी, जिसके लिए बोतलें और होलोग्राम गिरोह द्वारा उपलब्ध कराए जाते थे.
अब तक इस मामले में ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और तत्कालीन आईएएस अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को गिरफ़्तार किया है.जनवरी 2024 में दर्ज़ दूसरी एफ़आईआर में कुल 70 आरोपियों के नाम शामिल हैं, जिनमें कई सरकारी अधिकारी और राजनेता भी हैं.
जांच एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले से कुल 2,161 करोड़ रुपए की अवैध कमाई हुई और इसमें अब तक 205 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं.हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस घोटाले में सीधी संलिप्तता को लेकर कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया है, लेकिन ईडी ने उनके घर पर छापेमारी की है.
भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने घर पर हुई ईडी की छापेमारी के बाद यह बताया कि जांच एजेंसी को उनके पास से कुल ₹33 लाख नकद मिले हैं.यह पैसा उनके परिवार के अलग-अलग सदस्यों के पास से बरामद किया गया है.
भूपेश बघेल ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “मैं अख़बार पढ़ रहा था और चाय पी रहा था, तभी ईडी की टीम घर पहुंची. मैंने उनका स्वागत किया और कहा कि मैं महीनों-वर्षों से उनका इंतज़ार कर रहा था.”पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी एक पोस्ट की.
इसमें उन्होंने लिखा, “ईडी घर से चली गई है. मेरे घर में उनको तीन चीज़ें मिली हैं: पहली, मंतूराम और डॉ. पुनीत गुप्ता (डॉ. रमन सिंह जी के दामाद) के बीच करोड़ों के लेन-देन की बातचीत की पेनड्राइव. दूसरा, डॉ. रमन सिंह जी के पुत्र अभिषेक सिंह की सेल कंपनी के काग़ज़ और तीसरा पूरे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्रीधन, “कैश इन हैंड” मिलाकर लगभग 33 लाख रुपए, जिनका हिसाब उनको दिया जाएगा.”वहीं, इस कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, “भूपेश बघेल के कार्यकाल में बड़े-बड़े घोटाले हुए हैं. ईडी की कार्रवाई लंबे समय से चल रही है.”
“जांच में उन्हें कोई साक्ष्य मिला होगा और उसके आधार पर ईडी ने जांच की कार्रवाई की है. अगर इसमें उनकी (भूपेश बघेल) कोई भूमिका नहीं है, तो इसमें कोई डरने की या घबराने की बात नहीं होनी चाहिए.”इस बीच, राजस्थान के कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भूपेश बघेल के समर्थन में एक्स पर एक पोस्ट की.
उन्होंने लिखा, “छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के यहाँ ईडी का छापा स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की मंशा को उजागर करता है.””भाजपा ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों को विपक्षी नेताओं को डराने और दबाने के लिए इस्तेमाल कर रही है. एजेंसियों का दुरुपयोग, अब एक सुनियोजित ढर्रा बन चुका है.”
“कांग्रेसजन इससे डरने वाले नहीं हैं और न्याय की लड़ाई के लिए हर संघर्ष स्वीकार है.”हालांकि, जांच एजेंसी ईडी की कार्रवाई के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं.लेकिन, इसके बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के लिए समस्याएं बढ़ी हैं.
सूत्रों के मुताबिक, ईडी चैतन्य बघेल को 15 मार्च को बयान दर्ज़ कराने के लिए बुला सकती है.अगर जांच एजेंसी को उनके ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत मिलते हैं, तो उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की आशंका बढ़ जाएगी.
Add comment