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प्रदेश के दस लाख की आबादी वाले  शहरों को मिलेगी बाहरी रिंग रोड की सौगात

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भोपाल। प्रदेश के बड़े शहरों की आबादी को वाहनों की आवाजाही से होने वाली परेशानी से मुक्ति दिलाने के लिए अब सरकार बड़े शहरों में बाहरी रिंग रोड बनाने की तैयारी कर रही है। यह सौगात प्रदेश के उन शहरों को मिलेगी, जिनकी आबादी दस लाख या उससे अधिक है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इसके तहत महज प्रदेश के चार शहर ही आ रहे हैं। यह चारों शहर प्रदेश के महानगरों में शामिल हैं। भोपाल और इंदौर में इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। ग्वालियर और जबलपुर में भी इस पर अमल की तैयारियां की जा रही हैं। रिंग रोड निर्माण का फायदा यह होगा कि लंबी दूरी के वाहनों को शहरों के भीतर से गुजरने की जरूरत नहीं होगी। इससे शहरी क्षेत्र में यातायात के बढ़ते दबाव, ट्रैफिक, जाम जैसी समस्याओं से कुछ हद तक मुक्ति मिल सकेगी। दरअसल, पीडब्ल्यूडी ने विजन डॉक्यूमेंट में बाहरी रिंग रोड निर्माण को शामिल किया है। दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में यह बनाने के बाद जिला मुख्यालयों पर भी इसी तरह के निर्माण की योजना बनाई गई है। इससे शहरों का सुनियोजित विस्तार हो सकेगा।
वेस्टर्न बायपास पर बनेगी भोपाल की रिंग रोड
भोपाल की बात की जाए तो अभी 52 किमी लंबा बायपास बना हुआ है। यह नर्मदापुरम रोड पर भैरोपुर से कोकता होते हुए सूखी सेवनिया, अरलिया, कुराना, भौंरी से भोपाल-इंदौर रोड तक है। इसके बाद भी वाहनों को शहरों के भीतर से गुजरना पड़ता है। कारण है कि यह रिंग रोड नहीं है। ऐसे में इसे पूरा करने के लिए मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने वेस्टर्न भोपाल बायपास का प्लान बनाया। मंडीदीप के पास इटाया कलां से भोपाल देवास रोड (एसएच 28) पर फंदा तक 40.90 किमी लंबे बायपास का निर्माण किया जाएगा। यह रातीबड़ के आगे से महाबडिय़ा होते हुए निकलेगा। कॉर्पोरेशन ने प्रोजेक्ट पर कुल 2993 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया है। इसके निर्माण का जिम्मा वेस्टर्न भोपाल बायपास प्रा लि को दिया गया है। कॉर्पोरेशन ने केवल निर्माण कार्य पर करीब 1323 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया था। कंपनी 1174 करोड़ में यह काम कर रही हैं। वेस्टर्न बायपास की चौड़ाई 70 मीटर प्रस्तावित की गई है। इस हिसाब से सिक्स लेन तक निर्माण किया जा सकेगा। प्रोजेक्ट में एक रेलवे ओवरब्रिज और तीन फ्लाय ओवर भी बनाए जाएंगे। बायपास निर्माण के लिए भोपाल और रायसेन जिले में 305 हेक्टेयर के जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया पिछले साल शुरू कर दी गई थी।
इंदौर में होगा 64 किमी लंबा रिंग रोड
इंदौर में 64 किमी लंबाई का पश्चिमी रिंग रोड बनाया जा रहा है। इस पर दो हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए गुजरात की एजेंसी फाइनल हो चुकी है। महू से हातोद 34 किमी और हातोद से क्षिप्रा 30 किमी लंबाई का अलग- अलग निर्माण किया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सडक़ का काम पूरा करने के लिए चयनित एजेंसी को मार्च, 2028 तक का समय दिया है। इस समय सीमा के पीछे मकसद यह है कि सिंहस्थ से पहले उज्जैन से जुडऩे वाली सभी सडक़ों को बनाया जा सके, ताकि श्रद्धालुओं को वहां पहुंचने में परेशानी न हो।

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