तीनों ही राज्यों में डिप्टी सीएम नियुक्त करना तय है। आबादी की दृष्टि से बड़ा राज्य और केंद्रीय राजनीति से जुड़े कई दिग्गजों के चुनाव जीतने के कारण मध्य प्रदेश में यह संख्या दो हो सकती है।लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की पटकथा लिखने वाली नारी शक्ति पर भाजपा नेतृत्व ने भरोसा जताया है। पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में इन तीनों ही राज्यों में सीएम या डिप्टी सीएम में से एक पद महिला वर्ग को देने का फैसला हुआ है। चर्चा है कि तीनों ही राज्यों में जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए पार्टी मध्य प्रदेश में दो और राजस्थान, छत्तीसगढ़ में एक-एक डिप्टी सीएम बनाएगी।
दरअसल, बीते कुछ सालों में देश की आधी आबादी एक नया वोट बैंक बन कर उभरी है। तीनों ही राज्यों के चुनाव में इस बार महिलाओं के मत प्रतिशत में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राज्य और केंद्र सरकार की कई अहम योजनाओं के कारण इन चुनावों में भाजपा को मिली बड़ी जीत को आधी आबादी से मिले प्रचंड समर्थन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले इस वर्ग के राजनीतिक सशक्तीकरण का संदेश देने के लिए इस आशय का फैसला किया है। उम्मीद है कि तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेने के लिए शनिवार और रविवार को विधायक दल की बैठक हो सकती है। इसके लिए बृहस्पतिवार को तीनों ही राज्यों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए जा सकते हैं।
तीनों राज्यों में डिप्टी सीएम तय
अतिविशिष्ट सूत्र ने बताया कि तीनों ही राज्यों में डिप्टी सीएम नियुक्त करना तय है। आबादी की दृष्टि से बड़ा राज्य और केंद्रीय राजनीति से जुड़े कई दिग्गजों के चुनाव जीतने के कारण मध्य प्रदेश में यह संख्या दो हो सकती है। इसके अलावा पार्टी इन तीनों ही राज्यों में विधानसभा अध्यक्ष तय करते समय भी राज्य के जातिगत समीकरण के साथ चुनाव जीते पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के कद का ध्यान रखेगी।
नए नेतृत्व पर ही दांव
तीनों ही राज्यों में पार्टी संभवत: नए नेतृत्व पर ही दांव लगाएगी। सूत्रों के मुताबिक, पुराने चेहरों पर दांव नहीं लगाने का सैद्धांतिक फैसला हो चुका है। चूंकि बीते विधानसभा चुनाव में तीनों ही राज्यों में हार के बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पीएम मोदी के नाम पर करीब-करीब क्लीन स्वीप किया था। यही कारण है कि नेतृत्व ने सीएम पद तय करते समय किसी की नाराजगी की जगह जातिगत समीकरण में फिट नेता को ही सीएम या डिप्टी सीएम का पद देने का फैसला किया है।
मध्य प्रदेश में ओबीसी, छत्तीसगढ़ में एसटी और राजस्थान में राजघराना
सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में सीएम पद की कमान ओबीसी को, छत्तीसगढ़ में एसटी को और राजस्थान में राजघराने के सदस्य को मिलना तय है। इस हिसाब से मध्य प्रदेश में प्रहलाद सिंह सीएम हो सकते हैं। नरेंद्र सिंह तोमर को मप्र और किरोड़ी लाल मीणा को राजस्थान में स्पीकर बनाए जाने की चर्चा है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।
सत्र के बाद मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार संभव
शीतकालीन सत्र के बाद मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार हो सकता है। एलजेपी (पासवान) के मुखिया चिराग पासवान को बिहार में दलित समीकरण को साधने के लिए मंत्री बनाने की बात चल रही है। उनके करीबियों का कहना है कि उन्हें सत्र तक इंतजार करने के लिए कहा गया है। वैसे भी तोमर-पटेल के इस्तीफे और रेणुका के संभावित इस्तीफे के बाद मंत्रिपरिषद में कई पद खाली हो गए हैं।