धार. धार जिले की मनावर नगर पालिका परिषद में सीएमओ और ठेकेदाोंर के बीच विवाद चल रहा है. ठेकेदारों को भुगतान करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. इस विवाद के कारण सीएमओ ने अपने वित्तीय अधिकार तीन कर्मचारियों को सौंप दिए. सीएमओ प्रदीप शर्मा का आरोप है कि ठेकेदार और परिषद के नेता उन पर ठेकेदारों को काम का भुगतान का दबाव बना रहे हैं. जबकि कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हुई है.
इन दिनों धार की मनावर नगर पालिका परिषद सुर्खियों में आ गई है. यहां के नेताओं, ठेकेदारों और सीएमओ के बीच विकास कार्यों के भुगतान को लेकर विवाद चल रहा है. इस विवाद के बाद सीएमओ प्रदीप शर्मा ने अपने अधिकार तीन कर्मचारियों को सौंप दिए हैं. दरअसल पिछले दिनों मनावर नगर पालिका इलाके में किए गए निर्माण और अन्य कामों के लिए भुगतान नहीं हो पाया है. आरोप है कि नगर पालिका अध्यक्ष संगीता पाटीदार और उनके पति शिवराम पाटीदार ने पार्षद और ठेकेदार के साथ मिलकर सीएमओ प्रदीप शर्मा पर भुगतान करने का दबाव बनाया. लेकिन नगर पालिका सीएमओ ने नियम विरुद्ध भुगतान न करते हुए अपने वित्तीय अधिकार 3 कर्मचारियों को सौंप दिये हैं.
इन कर्मचारियों को दिए वित्तीय अधिकार
सीएमओ शर्मा ने नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 92(2) में शामिल शक्तियों का उपयोग करते हुए अधिकारी कर्मचारियों को वित्तीय शक्तियों में कार्यों का भुगतान करने का अधिकार दिया है. नगर पालिका उपयंत्री ऋतुराज साकल्ले को निर्माण विभाग जेसीबी और मुरम काम के लिए एक लाख रुपए का भुगतान करने का अधिकार दिया है. इसके अलावा दिनेश चौहान को स्वच्छता विभाग जल प्रदाय शाखा के लिए 75 हजार रुपए और सुदामा चौहान को राजस्व विभाग के कार्यों के लिए 75 हजार रुपए तक की राशि का भुगतान करने के अधिकार दिए हैं.
मीडिया के सामने आने से बच रहे स्थानीय नेता और ठेकेदार
नगर पालिका सीएमओ प्रदीप शर्मा का कहना है नगर पालिका में काम करने वाले ठेकेदारों, नेताओं से भुगतान करने को लेकर विवाद चल रहा है. उनका कहना है काम ठीक से नहीं हुए हैं. ना ही भुगतान किए जाने वाले कार्यों की कागजी कार्रवाई पूरी की गई है. बावजूद इसके भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है. इसलिए उन्होंने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए यह बीच का रास्ता निकाला है. अब नगर पालिका क्षेत्र में विकास कार्य भी हो सकेंगे और उनका भुगतान भी हो सकेगा. वहीं इस मामले में नगर पालिका अध्यक्ष संगीता पाटीदार उनके पति शिवराम पाटीदार सहित पार्षद और कोई भी ठेकेदार मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.