नए रिंग रोड का मुआवजा कम मिलने के विरोध में इंदौर के 85 गांवों के किसानों ने बुधवार को 500 ट्रैक्टरों के साथ प्रदर्शन किया। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि वे लक्ष्मीबाई अनाज मंडी से कलेक्टर कार्यालय तक ट्रैक्टर रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन करेंगे और कलेक्टर आशीष सिंह को ज्ञापन सौंपेंगे। लेकिन, प्रशासन ने सुबह ही बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स लगा दी और किसानों को मंडी से ही नहीं निकलने दिया। बाद में किसान कलेक्टर आशीष सिंह को मंडी में बुलाने पर अड़े, लेकिन कलेक्टर भी मिलने नहीं आए। अंत में किसान बिना रैली के ही लौट गए। रिंग रोड के लिए कृषि भूमि अधिग्रहीत करने के मामले में 85 गांव के किसान इंदौर में हुए एकजुट। चार घंटे प्रदर्शन के बाद भी कलेक्टर नहीं आए। पुलिस ने रवाना किया।
इंदौर के आसपास 140 किमी का नया रिंग रोड निकाला जा रहा है। इसके लिए प्रशासन 85 से अधिक गांव की कृषि भूमि अधिग्रहित कर रहा है। इसके विरोध में 85 से अधिक गांव के किसान ट्रैक्टर लेकर इंदौर की लक्ष्मीबाई अनाज मंडी पहुंचे। किसानों का कहना है कि वे एक इंच भूमि भी सरकार को नहीं देंगे। किसानों का कहना है कि सरकार भूमि के लिए जो मुआवजा दे रही है, वह भूमि के वर्तमान मूल्य से बेहद कम है। सरकार गाइडलाइन से दो गुना पैसा दे रही है लेकिन इन सभी गांवों में गाइड लाइन वर्तमान मूल्य से बेहद कम है, इसलिए एक भी किसान अपनी एक इंच भी कृषि भूमि सरकार को नहीं देगा।
बड़ा प्रदर्शन करेंगे
भारतीय किसान संघ के इंदौर जिला अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि हम इस विषय में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को पहले भी कई बार अवगत करा चुके हैं, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जा रही मजबूरन हमें ट्रैक्टर रैली के लिए आना पड़ा। पुलिस ने हमें रैली नहीं निकालने दी। राठौड ने कहा कि यह पहला आयोजन है, लेकिन अब हम बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
प्रदर्शन में यहां के किसान आए
ट्रैक्टर रैली के लिए शहर के आसपास के गांवों के अलावा सांवेर, देवास, उज्जैन, देपालपुर, हातोद, कनाडिया और महू के किसान भी शामिल हुए।