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मप्र भाजपा अध्यक्ष के लिए वीडी और नरोत्तम में प्रतिस्पर्धा

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भाजपा का संगठन चुनाव को लेकर इन दिनों पार्टी कार्यकर्ताओं में कयासों का दौर चल रहा है। बूथ और मंडल  अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब जिलाध्यक्षों की बारी है। जिलाध्यक्षों के निर्वाचन के लिए रायशुमारी लगभग पूरी हो चुकी है। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते तक अधिकांश जिलों के अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी। इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष की बारी आएगी।

केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेशाध्यक्ष के लिए 15 जनवरी का दिन निर्धारित किया है। ज्यादातर राज्यों में इस दिन तक प्रदेशाध्यक्ष तय हो जाएंगे। मप्र में प्रदेश अध्यक्ष के लिए जिन नेताओं के नाम दौड़ में है, उनमें वर्तमान अध्यक्ष वीडी शर्मा की दावेदारी सबसे तगड़ी है। इसके अलावा नरोत्तम मिश्रा, लाल सिंह आर्य, हेमंत खंडेलवाल, फग्गन सिंह कुलस्ते, सुमेर सिंह सोलंकी के नाम भी शामिल हैं। भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष के लिए कई दावेदार नेताओं के नाम हैं। जिनमें से एक नाम मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का भी है।

शर्मा प्रदेशाध्यक्ष के दावेदारों में शामिल हैं। वीडी शर्मा को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा 15 फरवरी 2020 को हुई थी। उनके नेतृत्व में 2020 में भाजपा की सरकार बनी। फिर 2023 में विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की और 2024 में लोकसभा की सभी 29 सीटों पर पार्टी प्रत्याशी जीते। शर्मा लगातार करीब 5 साल से प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। इसके अलावा आधा दर्जन से ज्यादा नाम और चर्चा में बने हुए हैं। हालांकि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष का फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा। जिसमें किसी अजा, अजजा वर्ग से आने वाले नेता के नाम पर भी प्रदेशाध्यक्ष की मुहर लग सकती है। इनमें कोई चौकाने वाला नाम भी सामने आ सकता है। भाजपा में ज्यादातर जिला अध्यक्षों के नाम पर रायशुमारी हो चुकी है। कुछ जिलों में अध्यक्षों के नाम पर पेंच फंसा है। जिसकी वजह बड़े नेता अपने चहेतों को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते हैं। जबकि कुछ जिलों में नेता अपने करीबियों को फिर से जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते हैं। प्रदेश संगठन चुनाव समिति के पदाधिकारी के अनुसार जिला अध्यक्षों के नाम केंद्रीय नेतृत्व से अनुमोदन के बाद घोषित होंगे। माना जा रहा है कि संभवत: किसी भी जिले में चुनाव की नौबत नहीं आएगी।


15 तक हो सकता है प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान
गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा में संगठन चुनाव की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरणों में पहुंच रही है। बूथ, मंडल के चुनाव के बाद अब जिला अध्यक्षों को लेकर रायशुमारी का काम भी पूरा हो गया है। इसी हफ्ते अधिकांश जिलों के अध्यक्षों का ऐलान कर दिया जाएगा। जिलाध्यक्ष के बाद जिस चुनाव पर प्रदेश के आला नेताओं की नजरें लगी है वह है प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव। भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर सियासी गलियारों में हलचल है। माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष का नाम मकर संक्रांति तक सामने आ जाएगा। भाजपा में पिछले एक महीने से अधिक समय से निर्वाचन की प्रक्रिया चल रही है।

पार्टी ने इसे संगठन महापर्व का नाम दिया है। लोकसभा चुनाव निपटने के बाद से केंद्रीय संगठन ने पहले सदस्यता अभियान शुरू किया फिर संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी। भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा केंद्रीय मंत्री भी हैं। भाजपा एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत पर काम करती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति जल्दी होना है। यही वजह ह है कि प्रदेश अध्यक्षों का निर्वाचन भी जल्द कराया जाएगा। संगठन का नियम है कि आधे से अधिक जिलों में अध्यक्षों का ऐलान हो जाने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन हो सकता है। इसी तरह आधे से अधिक प्रदेश अध्यक्षों के ऐलान के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। इस बार जिला अध्यक्षों के लिए पार्टी ने सभी की राय से पैनल तैयार किया है। इन नामों को केन्द्रीय नेतृत्व को भेजा गया है। कई जिलों में सिंगल नामों पर सहमति बन गई है लिहाजा एक ही नाम है। जहां पैनल हैं, वहां नए साल के एक दो दिनों में एक नाम तय कर लिया जाएगा। माना जा रहा है कि चार और पांच जनवरी को अधिकांश जिलों के अध्यक्षों का नाम सामने आ जाएगा।


वीडी और नरोत्तम में प्रतिस्पर्धा
प्रदेश अध्यक्ष के लिए वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच प्रतिस्पर्धा है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष के लिए केन्द्रीय नेतृत्व आधा दर्जन से अधिक नामों पर विचार कर रहा है। इसके अलावा किसी महिला नेत्री को भी प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। संभावना यह भी है कि वीडी शर्मा को फिर से रिपीट कर दिया जाए। वे पार्टी के लिए शुभंकर माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी ने विधानसभा चुनाव जीता तो लोकसभा चुनाव में इतिहास रच दिया। संगठन के सदस्यता अभियान में भी उन्होंने अपनी सफलता के झंडे गाड़े है। उनके अलावा पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम भी सबसे ज्यादा चर्चा में है। मिश्रा पार्टी की न्यू ज्वाइनिंग टोली के मुखिया है और उन्होंने लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस और अन्य दलों के हजारों नेताओं को भाजपा में शामिल कराया है। उनके दिल्ली में भी सम्पर्क बेहतर है।

इसके अलावा संगठन कौशल को देखते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष और भोपाल के सांसद आलोक शर्मा का नाम भी है। विधायक रामेश्वर शर्मा, हेमंत खंडेलवाल का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में चल रहा है। ये सभी नेता सामान्य वर्ग से आते हैं। पार्टी ने अगर अनुसूचित जनजाति वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाने का तय किया तो सांसद सुमेर सिंह सोलंकी और फग्गन सिंह कुलस्ते दावेदार हो सकते हैं। अनुसूचित जनजाति चेहरे पर दांव लगा तो लाल सिंह आर्य की लाटरी भी खुल सकती है हालांकि आर्य दो चुनाव हार चुके हैं। महिला नेत्री को मौका दिया गया तो अर्चना चिटनिस, हिमाद्री सिंह, रीति पाठक और लता वानखेड़े जैसे नेताओं के नाम पर संगठन विचार कर सकता है।

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