इंदौर। अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन तथा इंदौर स्कूल ऑफ़ सोशल वर्क्स के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए “विश्व शांति में भारत की भूमिका” विषय पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन संपन्न हुआ।
प्रतियोगिता में 15 विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया एवं अपने बहुआयामी विचार रखे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि , वरिष्ठ लेखक श्री चिन्मय मिश्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस प्रतिस्पर्धी युग में शांति कोई सिद्धि या मंज़िल नहीं वरन एक निरंतर मार्ग है। अहिंसा और सत्याग्रह का महत्व बताते हुए उनने कहा कि क्रूरता का ज़वाब क्रूरता नहीं हो सकता है। मुग़ल सल्तनत के सवर्णिम काल में ही हिंदुस्तान में सिक्ख धर्म का विकास हुआ।
कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए शांति एवं एकजुटता संगठन के महामंत्री अरविंद पोरवाल ने कहा कि वर्तमान में विश्व पर युद्ध के बादल छा रहे हैं ऐसे में भारत को गुटनिरपेक्षता की नीति पर वापस लौटना होगा। अमेरिका और चीन में जारी वर्चस्व की होड़ अगर जंग में परिणित होती है तो युद्ध भूमि दक्षिण सागर होगा और इस स्थिति में भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने पड़ौसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल से सम्बन्धो को सामान्य रखते हुए दक्षिण एशिया में शांति के लिए कार्य करे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य मैथ्यूज सीपी ने विद्यार्थियों से वर्तमान वैश्विक एवं देशीय परिस्थितियों पर समझ बनाने की सलाह दी। प्रतियोगिता के निर्णायक एनी पवार, हरनाम सिंह एवं अविनाश मिश्रा थे। सञ्चालन उप प्राचार्य आर के शर्मा ने किया एवं आभार शफी शेख ने माना। अतिथि स्वागत आलोक खरे, प्रोफ़ेसर सुधा जैन, विवेक मेहता, सुनील चंद्रन, सुशीला यादव ने किया। अतिथियों ने सभी सहभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। अक्षत तिवारी , काजल कनकने , वंशिका बाजपेई श्रेष्ठ वक्ता घोषित किये गए।
अरविन्द पोरवालमहामंत्री9425314405